समस्तीपुर: बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Bihar Prohibition and Excise Act, 2016) को लागू हुए अब पांच साल बीत चुके हैं. इन पांच सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी तोड़ने की खबर (Alcohol Ban Fails in Bihar) ना आई हो. साल बीतने को आया है लेकिन अब भी शराब के मामले में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है. इस साल यानी कि 2021 में शराब से जुड़े मामलों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि देखी गयी. यह सिस्टम के ऊपर एक बड़ा सवाल है.
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इस वर्ष शराब ने जहां कई लोगों की जान ली, तो वहीं बहुत से लोग आज भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. हालांकि इस वर्ष 2021 में शराबबंदी को लेकर सबसे अधिक प्रशासनिक कार्रवाई भी हुई है. शराबबंदी के पांच वर्षों में इस साल उत्पाद विभाग ने शराब तस्कर के खिलाफ रिकॉर्ड अभियान चलाया. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो, साल 2021 में उत्पाद विभाग ने 2,261 जगहों पर छापेमारी की है.
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इस वर्ष अब तक 90 तस्करों को गिरफ्तार किया गया जा चुका है. साथ ही विभाग ने इस वर्ष रिकॉर्ड 48 हजार लीटर से अधिक देशी व विदेशी शराब को जब्त किया है. इस वर्ष खास यह भी है कि जिले में एक दर्जन से भी अधिक पुलिसकर्मियों पर अवैध शराब के खेल में कार्रवाई हुई है.
गौरतलब है कि शराबबंदी के बाद एक अप्रैल 2016 से वर्तमान वर्ष के आखिर तक उत्पाद विभाग ने करीब 1 लाख 46 हजार 594 लीटर शराब बरामद की है. इसमे 1 लाख 25 हजार 624 लीटर विदेशी व 20 हजार 970 लीटर देशी शराब है. वहीं इन पांच वर्षों में उत्पाद विभाग ने 15 हजार से अधिक छापेमारी की है. इसके साथ ही 1,490 से अधिक तस्कर को सलाखों के पीछे भेजा गया है.
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