समस्तीपुर: बिहार में किसानों को लेकर कर्पूरी ठाकुर का वह सपना जो दशकों बाद भी पूरा नहीं हुआ. (Karpoori Thakur Dream Was Not Fulfilled) मुख्यमंत्री रहते जननायक ने सैकड़ों गांवों में सिंचाई को लेकर जिस नहर की स्वीकृति दी. वह कर्पूरी नहर अब सिर्फ याद बनकर रह गया है. 24 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर का जयंती समारोह (Birth Anniversary Celebrations of Former CM Jannayak Karpoori Thakur) है. उनके पैतृक गांव कर्पूरीग्राम में इस मौके पर होने वाले राजकीय समारोह को लेकर तैयारी शुरू है.
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आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि उनके जन्म व कर्मस्थली में किसानों की बेहतरी को लेकर जो सपना उन्होंने देखा, वह सपना ही रह गया. दरअसल, मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने जमुआरी नदी के ताजपुर से एक नहर के निर्माण की स्वीकृति दी थी. योजना थी ताजपुर, मोरवा, सरायरंजन व उजियारपुर प्रखंड के कई गांव को ये नहर किसानों के खेतों की सिंचाई करेगा. वैसे, उनके कार्यकाल के दौरान इस योजना पर काफी तेजी से काम शुरू हुआ. स्थानीय लोगों की माने तो बहुत से स्थानों पर भूमि अधिग्रहण से लेकर जगह-जगह निर्माण संबंधी सामान भी दिए गए.
उनके छोटे कार्यकाल के कारण उनके पद से हटते ही उनकी इस योजना पर भी पूरी तरह ग्रहण लग गया. वर्तमान में हालात ये है कि कई प्रखंड के सैकड़ों किसानों के लिए वरदान साबित होने वाले इस कर्पूरी नहर का धीरे-धीरे नामोनिशां मिटता जा रहा है. बहरहाल उम्मीद अब इसी बात की है कि शायद कर्पूरी के विचारों पर बढ़ने का दम भरने वाली कोई सरकार उनके इस सपने को साकार करने के लिए संजीदगी दिखाए.
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