समस्तीपुरः देश के गरीब लोगों की बेहतरी के लिए केन्द्र सरकार साल 2015 में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना योजना (Jan Aushadhi Yojana) लाई थी. इस योजना का मकसद सस्ते दरों पर लोगों को दवाइयां उपलब्ध कराना था. लेकिन समस्तीपुर जिले में यह योजना सिर्फ कागजों पर ही चल रही है.
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इस योजना के तहत जिले में एक तो इक्का-दुक्का औषधि केन्द्र ही खोले गए. जो खोले भी गए हैं, उनमें से ज्यादातर बंद ही रहते हैं. हालात तो ये है कि सदर अस्पताल, पीएचसी, अनुमंडल व रेफरल अस्पताल में औषधि केन्द्र खुलना था, लेकिन यहां खुला ही नहीं.
इस पूरे मामले को लेकर जिले के सिविल सर्जन से भी बात करने की कोशिश गई, लेकिन कैमरे पर उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार किया है. वैसे बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल समेत अन्य पीएचसी में साल 2018 में सरकार के एक आदेश के बाद अगले निर्देश तक औषधि केद्रों पर रोक लगाई गई है.
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गौरतलब है कि इस पीएम जन औषधि योजना का मकसद ब्रांडेड या फार्मा कंपनियों की दवाईयों की तुलना में 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर लोगों को मुहैया करवाना था. जानकार बताते हैं कि जेनरिक दवाइयां क्वालिटी और प्रभाव में किसी ब्रांडेड दवाइयों से कम नहीं होती हैं.