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ETV भारत से बोले प्रिंस राज- जीता तो पिता के अधूरे कार्यों को सबसे पहले पूरा करूंगा

प्रिंस ने एमबीए की पढ़ाई की, जिस कारण वह लंबे समय तक विदेश में रहे. हालांकि, बातचीत के दौरान एनडीए उम्मीदवार प्रिंस राज अपने बचपन को याद करके काफी खुश दिखे.

ईटीवी भारत से बोले प्रिंस राज
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Published : Oct 3, 2019, 7:36 PM IST

समस्तीपुर: समस्तीपुर लोकसभा सीट पर 21 अक्टूबर को उपचुनाव होना है. लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है. एनडीए ने उपचुनाव में रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज को बतौर प्रत्याशी चुनावी रण में उतारने का फैसला लिया है. प्रिंस राज पासवान परिवार के सबसे युवा नेता हैं.

SAMASTIPUR
भाई चिराग पासवान के साथ प्रिंस

ईटीवी भारत संवाददाता ने प्रिंस राज से खास बातचीत की. उन्होंने प्रिंस से उनके निजी व्यक्तित्व और स्वभाव के बारे में सवाल-जवाब किया. समस्तीपुर सुरक्षित सीट के एनडीए उम्मीदवार ने बताया कि वह अपने पिता रामचंद्र पासवान के व्यक्तित्व से खासे प्रभावित हैं. वह बड़े होकर उन्हीं की तरह बनना चाहते हैं.

ईटीवी भारत से बोले प्रिंस राज

'पिता से हूं प्रभावित'
प्रिंस राज बताते हैं कि पिता रामचंद्र पासवान को देखकर वह राजनीति में आना चाहते थे. सांसद होने के कारण रामचंद्र पासवान प्रिंस राज को ज्यादा समय नहीं दे पाते थे, जिस कारण जनसंपर्क के दौरान प्रिंस अपने पिता के साथ रहते थे. उसी दौरान उन्होंने राजनीति सीखने की कोशिश की.

SAMASTIPUR
परिवार संग प्रिंस राज

'पिता के बचे कार्यों को पूरा करना पहली प्राथमिकता'
समस्तीपुर को लेकर प्लानिंग पूछने पर प्रिंस राज कहते हैं कि जनता ने उनके पिता को बहुत प्यार दिया. इस साल वह मैदान में उतरे हैं. अगर वह जीतते हैं तो दिवगंत सांसद रामचंद्र पासवान के बचे कार्यों को पूरा करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. वह अपने पिता के सपनों को पूरा करना चाहते हैं.

यह भी पढ़ें: नगर निगम का बढ़ा बजट, सुविधा नदारद, नालों की सफाई नहीं होने से राजधानी का हुआ ये हाल

आजकल के बच्चों से अलग था प्रिंस का बचपन
प्रिंस राज बताते हैं कि उनका बचपन आजकल के बच्चों की तरह नहीं बीता. उन्हें मोबाइल, कंप्यूटर में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वह आउटडोर खेल खेलते थे. प्रिंस ने एमबीए की पढ़ाई की, जिस कारण वह लंबे समय तक विदेश में रहे. हालांकि, बातचीत के दौरान प्रिंस अपने बचपन को याद करके काफी खुश दिखे. उन्होंने बताया कि बचपन में वो काफी शरारती किस्म के थे.

समस्तीपुर: समस्तीपुर लोकसभा सीट पर 21 अक्टूबर को उपचुनाव होना है. लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है. एनडीए ने उपचुनाव में रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज को बतौर प्रत्याशी चुनावी रण में उतारने का फैसला लिया है. प्रिंस राज पासवान परिवार के सबसे युवा नेता हैं.

SAMASTIPUR
भाई चिराग पासवान के साथ प्रिंस

ईटीवी भारत संवाददाता ने प्रिंस राज से खास बातचीत की. उन्होंने प्रिंस से उनके निजी व्यक्तित्व और स्वभाव के बारे में सवाल-जवाब किया. समस्तीपुर सुरक्षित सीट के एनडीए उम्मीदवार ने बताया कि वह अपने पिता रामचंद्र पासवान के व्यक्तित्व से खासे प्रभावित हैं. वह बड़े होकर उन्हीं की तरह बनना चाहते हैं.

ईटीवी भारत से बोले प्रिंस राज

'पिता से हूं प्रभावित'
प्रिंस राज बताते हैं कि पिता रामचंद्र पासवान को देखकर वह राजनीति में आना चाहते थे. सांसद होने के कारण रामचंद्र पासवान प्रिंस राज को ज्यादा समय नहीं दे पाते थे, जिस कारण जनसंपर्क के दौरान प्रिंस अपने पिता के साथ रहते थे. उसी दौरान उन्होंने राजनीति सीखने की कोशिश की.

SAMASTIPUR
परिवार संग प्रिंस राज

'पिता के बचे कार्यों को पूरा करना पहली प्राथमिकता'
समस्तीपुर को लेकर प्लानिंग पूछने पर प्रिंस राज कहते हैं कि जनता ने उनके पिता को बहुत प्यार दिया. इस साल वह मैदान में उतरे हैं. अगर वह जीतते हैं तो दिवगंत सांसद रामचंद्र पासवान के बचे कार्यों को पूरा करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. वह अपने पिता के सपनों को पूरा करना चाहते हैं.

यह भी पढ़ें: नगर निगम का बढ़ा बजट, सुविधा नदारद, नालों की सफाई नहीं होने से राजधानी का हुआ ये हाल

आजकल के बच्चों से अलग था प्रिंस का बचपन
प्रिंस राज बताते हैं कि उनका बचपन आजकल के बच्चों की तरह नहीं बीता. उन्हें मोबाइल, कंप्यूटर में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वह आउटडोर खेल खेलते थे. प्रिंस ने एमबीए की पढ़ाई की, जिस कारण वह लंबे समय तक विदेश में रहे. हालांकि, बातचीत के दौरान प्रिंस अपने बचपन को याद करके काफी खुश दिखे. उन्होंने बताया कि बचपन में वो काफी शरारती किस्म के थे.

Intro:एक्सक्लूसिव

समस्तीपुर पासवान परिवार का सबसे युवा नेता व समस्तीपुर सुरक्षित सीट पर हो रहे उपचुनाव में एनडीए के उम्मीदवार प्रिंस राज के बाल मन में देश नहीं वर्ल्ड का पीएम बनने का सपना था। मछली पकड़ने व गुल्ली डंडा में अपने साथी खिलाड़ी को पछाड़ने वाले प्रिंस सियासत में बड़े सूरमा को पछाड़ने का गुड़ अपने पिता से सीखा है।


Body:लोकसभा उपचुनाव में एक बड़ी जीत के जरिए लोकतंत्र के सबसे बड़े चौखट पर पहुंचने का सपना संजोये , लोजपा का युवा नेता आज अपने प्रतिद्वंदी को पटखनी देने की पुरजोर कोशिश में जुटा है ।वैसे सियासी परिवार में जन्मे प्रिंस का बचपन आज के मोबाइल व कंप्यूटर में उलझे बच्चों से अलग रहा ।उन्मुख अपने गांव में गुल्ली डंडा व अन्य बच्चों का खेल उन्हें खूब रास आता था। यही नहीं वह अपने पिता के साथ वह गांव के पोखर पर घंटों मछलियां भी पकड़ते ।वही सियासी मंडली लगती तो अपने पिता के गोद में बैठ सियासत का एबीसीडी भी सीखते। वैसे बर्षो विदेशों में एमबीए की पढ़ाई करने वाले प्रिंस से जब कोई बचपन में बड़े होकर क्या बनोगे यह पूछते तो वह बेबाकी से देश नहीं वर्ल्ड का पीएम बनने का बात दोहराते ।
ईटीवी भारत पर अपनी बचपन की यादों को सुनाते प्रिंस राज कभी मुस्कुराते तो कभी अपने पिता की याद में भावुक भी हो जाते।


Conclusion:बरहाल वर्तमान वक्त में प्रिंस मजे सियासत दानों के तरह अपने विरोधियों को शिरकत देने की रणनीति में जुटे हैं। लेकिन खाली वक्त में यह युवा नेता अपने बालपन को याद कर रिफ्रेश जरूर हो जाता है।
बाईट :प्रिंस राज एनडीए प्रत्यासी
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