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जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में अब तक नहीं खुला ICU, आया हुआ उपकरण भी होगा वापस - समस्तीपुर

सदर अस्पताल में छह वर्ष पहले ही आईसीयू भवन का निर्माण कराया गया था. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण इसे अब तक चालू नहीं किया जा सका.

सदर अस्पताल
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Published : May 18, 2019, 1:20 PM IST

समस्तीपुरः जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल को अब आईसीयू नसीब नहीं होगा. वजह यह है कि अस्पताल के आईसीयू के लिए खरीदे गए अत्याधुनिक उपकरण अब यहां इस्तेमाल नहीं होने की वजह से सूबे के दूसरे अस्पताल में भेजे जाएंगे. जाहिर तौर पर विभागीय उदासीनता की मार बेबस मरीजों पर पड़ेगी.

आपात स्थिति में बाहर जाते हैं मजदूर
जिले का सदर अस्पताल नाम बड़े और दर्शन छोटे की कहावत का बेहतरीन उदाहरण है. मरीज सुविधा को लेकर सरकारी दावों की हकीकत यह है कि इस अस्पताल में चार साल पहले ही अत्याधुनिक आईसीयू को लेकर सभी उपकरणों की खरीद हुई थी. लेकिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर के आभाव में यह मशीनें सालों से धूल फांक रही है. जाहिर सी बात है जिले के सबसे बड़े अस्पताल होने के कारण यहां मरीजों की काफी भीड़ होती है. लेकिन आपात स्थिति में गंभीर मरीजों का इलाज यहां संभव नहीं है.

सदर अस्पताल और बयान देते मरीज के परिजन

स्वास्थ्य समिति ने सिविल सर्जन को भेजा पत्र
अस्पताल सूत्रों की मानें तो वर्षों से बेकार पड़े दो वेंटिलेटर को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति ने सिविल सर्जन को पत्र भेजा है. जिसके अनुसार यहां खरीदे दोनों आधुनिक वेंटिलेटर पटना के पीएमसीएच हस्तांतरित किये जायेंगे. इस प्रकार वर्षो से यहां आईसीयू सेवा को लेकर एक उम्मीद पर ग्रहण लग जायेगा. वैसे इस मामले पर सिविल सर्जन से लेकर कोई भी वरीय अधिकारी बोलने से परहेज कर रहे हैं.

नहीं हुआ आईसीयू चालू
गौरतलब है कि इस सदर अस्पताल में छह वर्ष पहले ही आईसीयू भवन का निर्माण कराया गया था. मकसद था कि मरीजों को आपात स्तिथि में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. चार साल पहले इसको लेकर दो वेंटीलेटर समेत अन्य उपकरण की खरीद भी हो गई. लेकिन अब यह बीमार अस्पताल एक आईसीयू के लायक भी नहीं है.

समस्तीपुरः जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल को अब आईसीयू नसीब नहीं होगा. वजह यह है कि अस्पताल के आईसीयू के लिए खरीदे गए अत्याधुनिक उपकरण अब यहां इस्तेमाल नहीं होने की वजह से सूबे के दूसरे अस्पताल में भेजे जाएंगे. जाहिर तौर पर विभागीय उदासीनता की मार बेबस मरीजों पर पड़ेगी.

आपात स्थिति में बाहर जाते हैं मजदूर
जिले का सदर अस्पताल नाम बड़े और दर्शन छोटे की कहावत का बेहतरीन उदाहरण है. मरीज सुविधा को लेकर सरकारी दावों की हकीकत यह है कि इस अस्पताल में चार साल पहले ही अत्याधुनिक आईसीयू को लेकर सभी उपकरणों की खरीद हुई थी. लेकिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर के आभाव में यह मशीनें सालों से धूल फांक रही है. जाहिर सी बात है जिले के सबसे बड़े अस्पताल होने के कारण यहां मरीजों की काफी भीड़ होती है. लेकिन आपात स्थिति में गंभीर मरीजों का इलाज यहां संभव नहीं है.

सदर अस्पताल और बयान देते मरीज के परिजन

स्वास्थ्य समिति ने सिविल सर्जन को भेजा पत्र
अस्पताल सूत्रों की मानें तो वर्षों से बेकार पड़े दो वेंटिलेटर को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति ने सिविल सर्जन को पत्र भेजा है. जिसके अनुसार यहां खरीदे दोनों आधुनिक वेंटिलेटर पटना के पीएमसीएच हस्तांतरित किये जायेंगे. इस प्रकार वर्षो से यहां आईसीयू सेवा को लेकर एक उम्मीद पर ग्रहण लग जायेगा. वैसे इस मामले पर सिविल सर्जन से लेकर कोई भी वरीय अधिकारी बोलने से परहेज कर रहे हैं.

नहीं हुआ आईसीयू चालू
गौरतलब है कि इस सदर अस्पताल में छह वर्ष पहले ही आईसीयू भवन का निर्माण कराया गया था. मकसद था कि मरीजों को आपात स्तिथि में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. चार साल पहले इसको लेकर दो वेंटीलेटर समेत अन्य उपकरण की खरीद भी हो गई. लेकिन अब यह बीमार अस्पताल एक आईसीयू के लायक भी नहीं है.

Intro:जिले के सबसे बड़े बीमार सरकारी अस्पताल को अभी आईसीयू नसीब नही होगा । बिडम्बना यह है की जिले के इस सदर अस्पताल से आईसीयू को लेकर खरीदे अत्याधुनिक उपकरण अब यंहा इस्तेमाल नही होने के वजह से सूबे के दूसरे अस्पताल में इसे भेजा जायेगा । जाहिर तौर पर विभागीय उदासीनता का नतीजा बेवश मरीजों पर पड़ेगा ।


Body:नाम बड़े और दर्शन छोटे , इस कहावत का बेहतरीन उदाहरण है जिले का सदर अस्पताल । मरीज सुविधा को लेकर सरकारी बड़े बड़े दावों की हकीकत यह है की , इस अस्पताल में बीते चार वर्ष पहले ही अत्याधुनिक आईसीयू को लेकर सभी उपकरणों की खरीद हुई । लेकिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर के आभाव में यह मशीनें वर्षो से धूल फांक रहा । जाहिर सी बात है जिले के सबसे बड़े अस्पताल के दर्जे से नवाजे गए इस सदर अस्पताल में मरीजो की काफी भीड़ होती है । लेकिन आपात स्थिति में गंभीर मरीजो का इलाज यंहा संभव नही । जाहिर सी बात है सुविधा के आभाब में मरीजों का हलकान होना लाजमी है ।

बाईट - मरीज ।

वीओ - अस्पताल सूत्रों की माने तो वर्षो से बेकार पड़े यंहा दो वेंटिलेटर को लेकर , राज्य स्वास्थ्य समिति ने सिविल सर्जन को पत्र भेजा है । जिसके अनुसार यंहा खरीदे दोनों आधुनिक वेंटिलेटर पटना के पीएमसीएच हस्तांतरित किये जायेंगे । और इस प्रकार वर्षो से यंहा आईसीयू सेवा को लेकर एक उम्मीद पर ग्रहण लग जायेगा । वैसे इस मामले पर सिविल सर्जन से लेकर कोई भी वरीय अधिकारी बोलने से परहेज कर रहे ।

वॉक थ्रू ।


Conclusion:गौरतलब है की , इस सदर अस्पताल में बीते छह वर्ष पहले ही आईसीयू भवन का निर्माण कराया गया था । मकसद था की मरीजो को आपात स्तिथि में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराया जाए । चार साल पहले इसको लेकर दो वेंटीलेटर समेत अन्य उपकरण की खरीद भी हो गयी । लेकिन अब यह बीमार अस्पताल इस आईसीयू के लायक भी नही ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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