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बिहार की बेटी ने बढ़ाई देश की शान, बनी पहली महिला सैन्य राजनयिक - समस्तीपुर की खबर

वो हमारी बेटी नहीं, बेटे से भी बढ़कर है. वो रात भर जाग-जागकर पढ़ाई करती थी. ये लफ्ज है अंजलि के चाचा जनार्धन सिंह के. ईटीवी भारत से बात करते हुए सभी ने अंजलि की इस सफलता पर खुशी जाहिर की है.

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Published : Sep 20, 2019, 10:42 PM IST

समस्तीपुर: देश के सैन्य इतिहास में किसी भी भारतीय मिशन में विदेश में तैनात होने वाली पहली महिला सैन्य राजनयिक बनी विंग कमांडर अंजलि सिंह बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने देश के साथ-साथ प्रदेश का भी मान बढ़ाया है. इस खबर के बाद अंजली के गांव मकसूदपुर में एक अलग ही उत्साह है.

जिले के वारिसनगर प्रखंड के मकसूदपुर गांव की पहचान आज अंतराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है. हो भी क्यों न, इस गांव की बेटी ने इतिहास जो रचा है. मॉस्को में 'डिप्टी एयर अताशे' के रूप में भारतीय दूतावास में पदभार संभाला. मकसूदपुर की इस बेटी के अंतराष्ट्रीय फलक में बने इस इतिहास पर उनके गांव में सभी को गर्व है. सामान्य परिवार के बीच बढ़ी अंजली के चाचा और चचेरे भतीजा, भतीजी समेत आस-पड़ोस के लोगों में काफी उत्साह है.

अंजलि का पैतृक आवास
अंजलि का पैतृक आवास

'वो हमारी बेटी नहीं- बेटे से बढ़कर है'
घर में डिंपल के नाम से जाने जाने वाली अंजली की इस उड़ान पर सभी को गर्व है. यही नहीं, आज अंजलि यहां के युवाओं के लिए मिसाल बन गईं हैं. चाचा जनार्दन सिंह कहते हैं, वो हमारी बेटी नहीं, बेटे से भी बढ़कर है. वो रात भर जाग-जागकर पढ़ाई करती थी. ईटीवी भारत से बात करते हुए सभी ने अंजलि की इस सफलता पर खुशी जाहिर की है.

क्या कहते हैं परिजन

पारिवारिक हैं अंजलि...
छोटे चाचा ने बताया कि अंजलि पारिवारिक भी हैं. वो घर के सभी आयोजनों में शामिल होती रही हैं. यहीं नहीं उनकी भतीजी और भतीजे कहते हैं कि हम सभी बहुत उत्साहित हैं. हम गौरान्वित हो गए हैं.

अंजलि का परिवार
अंजलि का परिवार

पिता से मिली प्रेरणा...
अंजली सिंह के पिता मदन प्रसाद सिंह फ्लाइट लेफ्टिनेंट से रिटार्यड हुए हैं. अंजलि अपने पिता को आदर्श मानती हैं. इसके चलते उन्होंने सेना में जाने का फैसला किया. वहीं, उनकी पढ़ाई जालंधर और पूना में हुई है. अंजली सिंह की दो बहन और एक भाई है. एक डॉक्टर और एक इंजीनियर है.

समस्तीपुर: देश के सैन्य इतिहास में किसी भी भारतीय मिशन में विदेश में तैनात होने वाली पहली महिला सैन्य राजनयिक बनी विंग कमांडर अंजलि सिंह बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने देश के साथ-साथ प्रदेश का भी मान बढ़ाया है. इस खबर के बाद अंजली के गांव मकसूदपुर में एक अलग ही उत्साह है.

जिले के वारिसनगर प्रखंड के मकसूदपुर गांव की पहचान आज अंतराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है. हो भी क्यों न, इस गांव की बेटी ने इतिहास जो रचा है. मॉस्को में 'डिप्टी एयर अताशे' के रूप में भारतीय दूतावास में पदभार संभाला. मकसूदपुर की इस बेटी के अंतराष्ट्रीय फलक में बने इस इतिहास पर उनके गांव में सभी को गर्व है. सामान्य परिवार के बीच बढ़ी अंजली के चाचा और चचेरे भतीजा, भतीजी समेत आस-पड़ोस के लोगों में काफी उत्साह है.

अंजलि का पैतृक आवास
अंजलि का पैतृक आवास

'वो हमारी बेटी नहीं- बेटे से बढ़कर है'
घर में डिंपल के नाम से जाने जाने वाली अंजली की इस उड़ान पर सभी को गर्व है. यही नहीं, आज अंजलि यहां के युवाओं के लिए मिसाल बन गईं हैं. चाचा जनार्दन सिंह कहते हैं, वो हमारी बेटी नहीं, बेटे से भी बढ़कर है. वो रात भर जाग-जागकर पढ़ाई करती थी. ईटीवी भारत से बात करते हुए सभी ने अंजलि की इस सफलता पर खुशी जाहिर की है.

क्या कहते हैं परिजन

पारिवारिक हैं अंजलि...
छोटे चाचा ने बताया कि अंजलि पारिवारिक भी हैं. वो घर के सभी आयोजनों में शामिल होती रही हैं. यहीं नहीं उनकी भतीजी और भतीजे कहते हैं कि हम सभी बहुत उत्साहित हैं. हम गौरान्वित हो गए हैं.

अंजलि का परिवार
अंजलि का परिवार

पिता से मिली प्रेरणा...
अंजली सिंह के पिता मदन प्रसाद सिंह फ्लाइट लेफ्टिनेंट से रिटार्यड हुए हैं. अंजलि अपने पिता को आदर्श मानती हैं. इसके चलते उन्होंने सेना में जाने का फैसला किया. वहीं, उनकी पढ़ाई जालंधर और पूना में हुई है. अंजली सिंह की दो बहन और एक भाई है. एक डॉक्टर और एक इंजीनियर है.

Intro:जिले की बेटी अंजली सिंह ने देश का बढ़ाया मान । एयरफोर्स में बतौर विंग कमांडर रही अंजली सिंह , देश के सैन्य इतिहास में पहली महिला सैन्य राजनयिक बनी है । इस खबर के बाद अंजली के गांव मकसूदपुर में एक अलग ही उत्साह है ।


Body:जिले के वारिसनगर प्रखंड के मकसूदपुर गांव की पहचान आज अंतराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा । हो भी क्यों न , इस गांव की बेटी ने इतिहास जो रचा है । एयरफोर्स में मिग 29 लड़ाकू विमान उड़ाने में प्रक्षिशित अंजली सिंह , देश की पहली महिला सैन्य राजनयिक बनी है । 10 सितंबर को उसने रूस के मॉस्को में डिप्टी एयर अताशे के रूप में भारतीय दूतावास में पदभार संभाला है । वैसे मकसूदपुर की इस बेटी के अंतराष्ट्रीय फलक में बने इस इतिहास पर उनके गांव में सभी को गर्व है । सामान्य परिवार के बीच बढ़ी अंजली के चाचा व चचेरे भतीजा व भतीजी समेत आस पड़ोस के लोग काफी उत्साहित है । घर मे डिंपल ले नाम से जाने जाने वाली इस बेटी के इस उड़ान पर सभी को गर्व है । यही नही आज अंजली यंहा के युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी है ।

बाईट - जनार्धन सिंह , चाचा ।
बाईट - केदार सिंह , छोटे चाचा ।
बाईट - अलका सिंह व रंधीर सिंह , भतीजी व भतीजा ।


Conclusion:गौरतलब है की अंजली सिंह के पिता मदन प्रसाद सिंह फ्लाइट लेफ्टिनेंट से रिटार्यड हुए है । वैसे अंजली सिंह की पढ़ाई जालंधर व पूना में हुई है । वैसे अंजली सिंह की दो बहन व एक भाई है , कोई डॉक्टर तो कोई इंजीनियर है ।

क्लोजिंग पीटीसी ।
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