समस्तीपुर: जिले से होकर गुजरने वाली बागमती, गंडक, करेह समेत अन्य कई प्रमुख बरसाती नदियों के जलस्तर में अभी भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. कई दशक के बाद शहर से सटे बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 2.77 मीटर ऊपर बह रह है. बाढ़ का पानी कई नए इलाके में भी प्रवेश कर कर रहा है. जिस वजह से एक बड़ी आबादी हलकान है.
'खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंडक नदी'
जिला आपदा कंट्रोल रूम के अनुसार बागमती, गंडक, करेह समेत कई नदियों का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गंडक नदी का जलस्तर बीते 11 दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, बात अगर बीते 24 घंटे की करे तो गंडक नदी के जलस्तर में 23 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. जिसके बाद यह नदी खतरे के निशान से करीब 2.77 मीटर ऊपर बह रही थी. पानी के बढ़ते दवाब के कारण शहर के कई जगहों पर तटबंध कमजोर होते जा रहे हैं. जिस वजह से निचले इलाके में रहने वाले लोग डरे-सहमे हुए हैं.
'अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना'
एक तरफ जहां गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर ने लोगों को भयभीत कर रखा हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ प्रतिदिन हो रही बारिश ने भी लोगों का जीना दूभर कर रखा है. मौसम विभाग की माने तो जिले में अगले 24 घंटे तक जोरदार बारिश की संभावना है. वहीं, नेपाल की ओर से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के कारण भी इन नदियों के जलस्तर में अभी और बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है. इसको लेकर विभाग ने पूरे जिलाभर में अलर्ट भी जारी किया है.
गौरतलब है कि बिहार के 12 जिले बाढ़ प्रभावित हैं और करीब 55 लाख की आबादी पर बाढ़ ने असर डाला है. लोग जान बचाने के लिए घर का सामान और मवेशी छोड़ नेशनल हाईवे और दूसरे ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण ले रहे हैं. नदियां रौद्ररूप दिखा रही हैं. गांव के गांव पानी में समाते जा रहे हैं. समस्तीपुर के अलावे गोपालगंज, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, सारण. पं. चंपारण. पू. चंपारण और सीतामढ़ी में सैकड़ों गांव गांव जलमग्न हो गए हैं