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समस्तीपुर में लोगों को सता रहा बाढ़ का कहर, घरों में हुए कैद

समस्तीपुर जिले में अब कोरोना वायरस के खतरे के साथ बाढ़ का भी खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ के कारण बागमती नदी की बढ़ते जलस्तर को देख लोगों के अंदर दशहत पैदा हो गया है. इसको लेकर पंचायतों के स्थलों का चयन और साथ ही अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है.

flood risk increased
नाव के सहारे जाते हुए लोग
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Published : Jul 17, 2020, 12:32 PM IST

समस्तीपुर: जिले के कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र में बागमती के बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए छह पंचायतों में भारी तबाही की आशंका जताई गई है. जिले में नामापुर गांव को जोड़ने वाली सड़क शांति नदी को पार कर गांव की ओर जाती है. बागमती के बढ़ते जलस्तर के कारण शांति नदी का पानी सड़क के ऊपर से बहने लगा है, जिसके कारण लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं.
सड़क के ऊपर पानी
बागमती में बढ़ते जलस्तर के कारण जिला मुख्यालय से सड़क का संपर्क भी टूट चुका है. गांव में बीमार का इलाज हो आवश्यक सेवाएं एक मात्र साधन नाव ही रह गया है. गांव के पूर्व पैक्स अध्यक्ष मुकुल कुमार मणि ने बताया है कि पंचायत वासियों को बाढ़ की विभीषिका से लड़ने का भय सता रहा है. वहीं दूसरी ओर विषैले सांप जो पहले नदी किनारे अवस्थित जंगलों में रहा करते थे, अब घरों में आ गए हैं. इसके कारण सर्प दंश की आशंका भी लोगों में बनी हुई है.

flood risk increased
नाव के सहारे जाते हुए लोग
पंचायतों के स्थलों का किया गया चयनकल्याणपुर सीओ अभय पद दास ने बताया कि पंचायतों के स्थलों का चयन किया गया है. इसके साथ-साथ कम्युनिटी किचन संचालन और नाव परिचालन के लिए कर्मियों को चिन्हित कर सूची बनाई गई है. इसमें 11 पंचायतों का चयन किया गया है. इनमें पंचायत के कृषि सलाहकार परिचालन सहित सभी कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन की जवाब देही दी गई है. इसके साथ ही कम्युनिटी किचन के लिए चिन्हित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के माध्यम से कम्युनिटी किचन में खाना बनाने में सहयोग देने का भी निर्देश दिया गया है. अंचल की माने तो लगभग 36 ऊंचे स्थानों को चिन्हित किया गया है. इन 11 पंचायतों के लोगों को विस्थापन की स्थिति में रखा जाएगा और साथ ही सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी.

समस्तीपुर: जिले के कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र में बागमती के बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए छह पंचायतों में भारी तबाही की आशंका जताई गई है. जिले में नामापुर गांव को जोड़ने वाली सड़क शांति नदी को पार कर गांव की ओर जाती है. बागमती के बढ़ते जलस्तर के कारण शांति नदी का पानी सड़क के ऊपर से बहने लगा है, जिसके कारण लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं.
सड़क के ऊपर पानी
बागमती में बढ़ते जलस्तर के कारण जिला मुख्यालय से सड़क का संपर्क भी टूट चुका है. गांव में बीमार का इलाज हो आवश्यक सेवाएं एक मात्र साधन नाव ही रह गया है. गांव के पूर्व पैक्स अध्यक्ष मुकुल कुमार मणि ने बताया है कि पंचायत वासियों को बाढ़ की विभीषिका से लड़ने का भय सता रहा है. वहीं दूसरी ओर विषैले सांप जो पहले नदी किनारे अवस्थित जंगलों में रहा करते थे, अब घरों में आ गए हैं. इसके कारण सर्प दंश की आशंका भी लोगों में बनी हुई है.

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नाव के सहारे जाते हुए लोग
पंचायतों के स्थलों का किया गया चयनकल्याणपुर सीओ अभय पद दास ने बताया कि पंचायतों के स्थलों का चयन किया गया है. इसके साथ-साथ कम्युनिटी किचन संचालन और नाव परिचालन के लिए कर्मियों को चिन्हित कर सूची बनाई गई है. इसमें 11 पंचायतों का चयन किया गया है. इनमें पंचायत के कृषि सलाहकार परिचालन सहित सभी कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन की जवाब देही दी गई है. इसके साथ ही कम्युनिटी किचन के लिए चिन्हित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के माध्यम से कम्युनिटी किचन में खाना बनाने में सहयोग देने का भी निर्देश दिया गया है. अंचल की माने तो लगभग 36 ऊंचे स्थानों को चिन्हित किया गया है. इन 11 पंचायतों के लोगों को विस्थापन की स्थिति में रखा जाएगा और साथ ही सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी.
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