समस्तीपुर: जिले के दोनों लोकसभा सीटों को लेकर 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. समस्तीपुर सुरक्षित सीट और उजियारपुर सीट पर कांटे की टक्कर होने वाली है. दोनों क्षेत्रों के लगभग 27 लाख 67 हजार 796 मतदाताओं की भूमिका इसमें खास रहने वाली है. लेकिन 2019 के इस जंग में लगभग 40 हजार से ज्यादा फर्स्ट टाइम वोटर इस चुनाव का प्रमुख हिस्सा बनने जा रहे हैं. जिनकी भूमिका इस चुनाव में उम्मीदवारों की जीत-हार में अहम रहेगी.
1 जनवरी 2019 को अहर्ता मानकर संक्षिप्त पुनरीक्षण के बाद नए मतदाता सूची के प्रकाशन के अनुसार , इस बार के चुनाव में करीब 40 हजार युवा वोटर फर्स्ट टाइम लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बनने जा रहे है. जाहिर सी बात है इनके अंदर चुनाव और इस चुनाव में दांव आजमा रहे जनप्रतिनिधियों को लेकर सोच अलग है. वे सियासत को भी समझते हैं और उनपर इससे पड़ने वाले साइड इफेक्ट को भी वखूबी समझते हैं.
बखूबी समझते हैं वोट की कीमत
समस्तीपुर सुरक्षित सीट हो या फिर उजियारपुर सीट, एक तरफ जंहा विभिन्न दल मुद्दों से इतर जातीय और धार्मिक समीकरण के बलबूते इस चुनाव की वैतरणी पार करने के जुगाड़ में हैं. वंही, दूसरी तरफ फर्स्ट टाइम वोटर के मन मे पहली बार इस लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लेने का उत्साह जरूर है. लेकिन ये अपनी वोट की कीमत को भी बखूबी समझते हैं. इनका मानना है की , युवाओं के भविष्य को लेकर जिनकी सोच सकारात्मक हो, जो शिक्षा व रोजगार को लेकर गंभीर हो, वैसे जनप्रतिनिधि का वे चुनाव करेंगे. यही नहीं ऐसे वोटर अन्य मतदाताओं को भी असल मुद्दे पर मतदान करने की अपील करेंगे.
सियासी झांसे से ज्यादा मुद्दों पर हैं केंद्रित
जिले के अधिकतर फर्स्ट टाइम वोटर की सोच भाजपा को उत्साहित कर सकता है. पीएम मोदी के काम को ये बेहतर मानते हैं. लेकिन जिले में युवाओं से जुड़े कई जमीनी मुद्दे भी इन्हें प्रभावित कर रहा है. जानकार के मुताबिक , फर्स्ट टाइम वोटर की भूमिका लोकतंत्र में काफी अहम होता है. एक तरफ जंहा वे अपने मताधिकार को लेकर जागरूक होते हैं. वंही दूसरी तरफ वे सियासी झांसे से ज्यादा मुद्दों पर केंद्रित रहते हैं.
जीत-हार में फर्स्ट टाइम वोटर की भूमिका होगी बड़ी
बहरहाल इस बार भी जिले के दोनों सीटों पर बड़े दिगज्जों के जीत और हार में ये फर्स्ट टाइम वोटर बड़ी भूमिका निभाएंगे. वैसे कई सियासी दलों ने इनकी ताकत का आंकलन करते हुए , इनसे जुड़े सियासी तरकस चलाना शुरू कर दिया है. अब देखना होगा लोकतंत्र के इस महापर्व में इन फर्स्ट टाइम वोटर की भूमिका क्या होती है.