समस्तीपुर: कोरोना संकट और भारी बारिश के बीच अब जिले में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वहीं पशुपालन विभाग की आधी अधूरी तैयारियों से इस वर्ष भी पशुपालक और बेजुबान जानवरों की परेशानियां बढ़ती दिखाई दे रही है. बाढ़ संभावित इलाकों के कई पशुपालक और किसान अपने मवेशियों के लिए सुरक्षित स्थान तलाशने लगे हैं. वहीं विभाग बाढ़ पूर्व पूरी तैयारी का दावा कर रहा है.
जिले में हो रही भारी बारिश से लगभग आधे दर्जन प्रखंडों में बाढ़ के खतरा बना हुआ है. इस बीच पशुपालक अपने पशुओं के लिए सुरक्षित स्थान तलाशने लगे हैं. इस मौसम जहां कई गंभीर बीमारियों की चपेट में बेजुबान जानवर आ रहे हैं. वहीं उनके लिए जरूरी चारा जुटाना भी अब एक समस्या बनता जा रहा है.
सफाई पर ध्यान देने की जरूरत
जिला पशुपालन विभाग के वरीय चिकित्सक के अनुसार भी, ऐसे मौसम में पशुओं को कई तरह की बीमारियों से बचाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि साफ सफाई और मवेशियों को दिए जाने वाले चारे पानी की स्वच्छता पर खास ध्यान देने की जरूरत है.
नहीं दिख रही पशुपालन विभाग की तैयारी
बता दें कि बारिश के मौसम और बाढ़ की संभावनाओं के बीच जिला पशुपालन विभाग, पशुओं के चारे से लेकर उन्हें दिए जाने वाले जरूरी दवाओं को लेकर लगातार समीक्षा करता रहा है. लेकिन अभी भी जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्रखंड पशुपालन केंद्र में इसको लेकर कुछ भी खास तैयारी नहीं दिख रही है.
कई प्रखंडों में नहीं हो पाई दवा की उपलब्धता
वहीं जिला पशुपालन विभाग के वरीय अधिकारी ने यह दावा किया है कि जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के चारा और दवाओं के लिए सभी काम किए जा रहे हैं. जिला पशुपालन विभाग द्वारा बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर हुई समीक्षा के बाद कुछ जरूरी दवाओं आई है. लेकिन जिले के कई प्रखंडो में अभी तक दवा की उपलब्धता पूरी नहीं की जा सकी है.