समस्तीपुर/सारण/बाढ़: बिहार में कोरोना संक्रमण के बीच पर्व-त्योहारों का सेलिब्रेशन जारी है. सार्वजनिक तौर पर नहीं, लेकिन लोग घर पर ही मान्यताओं को पूरा करने में लगे हुए हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को सुहागिनों का सबसे महत्वपूर्ण पर्व हरतालिका तीज मनाया जाना है. इसको लेकर जोर-शोर से तैयारियां जारी हैं. हालांकि कोरोना के कारण बाजारों में रौनक कम दिख रही है.
इस व्रत को सुहागिन महिलाएं भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को करती हैं. इस दिन वे निर्जल व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. आचार्यों के मतों के अनुसार 21 अगस्त शुक्रवार को शाम के 2 बजकर 23 मिनट से 22 अगस्त को 11 बजकर 2 मिनट तक तृतीया तिथि बताई जा रही है. हरितालिका तीज में सुहागिन महिलाएं भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विशेष पूजा करती हैं. इस पर्व को लेकर सुहागिन महिलाएं खूब खरीदारी भी करती हैं.
तीज के सामानों से पटा हुआ है बाजार
इस पर्व को लेकर हर साल मंदिरों में भी विशेष तैयारी की जाती है. लेकिन कोरोना के कारण इस बार सार्वजनिक गतिविधियों पर रोक है. हरतालिका तीज को लेकर महिलाएं डलिया, चूड़ी, श्रृंगार सामग्री, मैदा, सूजी, चीनी, खजूर, किशमिश और भी कई सामग्रियों की खरीदारी करती हैं. छपरा के बाजार में खरीदारी कर रही महिला ने बताया कि यह पर्व हम अपने पति की लंबी और दीर्घायु आयु के लिए करती हैं. ज्ञात हो कि सुहागिन महिलाओं का यह त्योहार बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हरतालिका तीज के नाम से जाना जाता है जबकि दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में गौरी हब्बा के नाम से मनाया जाता है.
पर्व के पहले घाटों पर भीड़
बता दें कि तीज से एक दिन पहले बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर तीज व्रत को लेकर गंगा स्नान के लिए महिला श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ी. इस दौरान गंगा घाटों पर पूजा सामग्री की दुकानें लगी रही. जहां महिलाएं जमकर खरीदारी करती दिखी. मौके पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को भी बट्टा लगता नजर आया. बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच महिलाएं बेखौफ बिना मास्क के घूमती नजर आईं.