समस्तीपुर: बदलते वक्त के साथ साइबर क्राइम पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही. हालांकि, इसकी रोकथाम के लिए जिले में 2017 में साइबर सेल जरूर बनाए गए. लेकिन, ये उम्मीदों पर खड़ी नहीं उतरी है.
दरअसल, जिले के साइबर अपराध से जुड़े आंकड़े पर गौर करें तो यहां हर रोज साइबर क्राइम से लोग शिकार हो रहे हैं. ज्यादातर मामले में अवैध तरीके से पैसे की निकासी और फ्रॉड कॉल के जरिए ओटीपी आदि की हैकिंग से लोग हलकान हैं. यही नहीं, सोशल साइट के जरिए भी बड़े पैमाने पर जिले में धोखाधड़ी का काला खेल चल रहा है. लोगों के अनुसार ऐसे मामलों पर साइबर सेल काफी उदासीन है. ज्यादातर मामले दर्ज भी नहीं किए जाते हैं.
रिटायर्ड CISF कर्मचारी से धोखाधड़ी
ताजा मामला सरायरंजन थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव का है. यहां के सीआईएसएफ के रिटायर्ड अधिकारी विनोद कुमार चतुर्वेदी के साथ कुछ इसी प्रकार की धोखाधड़ी हुई. उन्होंने बताया कि उनके पास बैंक अधिकारी का कॉल आया और उन्हें झांसे में लेकर एटीएम नंबर लेकर उनके खाते से पैसे निकालने लगा. बता दें कि जब तक उन्हें इस बात की जानकारी होती तब तक अकाउंट से 30 हजार निकल चुके थे. पीड़ित विनोद कुमार ने कहा कि बाद में वह इस मामले को लेकर थाने से लेकर जिले के सभी ऑफिसों में चक्कर लगाते रहे. लेकिन, किसी ने उनकी फरियाद तक नहीं सुनी. बता दें कि 3 दिन बाद सरायरंजन थाने में इनसे लिखित आवेदन लेकर मामला तो दर्ज कर लिया गया. लेकिन, कार्रवाई के नाम पर कुछ खास नहीं हुआ.
डटे रहे रिटायर्ड अधिकारी
दरअसल, ऐसे कई मामलों में लोग फंसने के बाद न तो वह पुलिस में शिकायत करते हैं और न ही वह किसी और को बताते हैं. लेकिन, रियाटर्ड अधिकारी ने हार नहीं मानी. वो लगातार इस बात को लेकर प्रयास करते रहे. उन्होंने कहा कि उनकी निरंतर कोशिश के बाद उनके खाते में 9 हजार वापस आया. हालांकि, इस केस में आगे की कार्रवाई जारी है.
'प्रयास में है साइबर सेल'
वहीं, इस मामले पर पुलिस अधीक्षक विकास वर्मन ने बताया कि इस फ्रॉड को रोकने के लिए पुलिस की लगातार कोशिश जारी है. यहां के साइबर सेल में सोशल मीडिया से लेकर बैंक फ्रॉड तक के केस देखे जाते हैं. पुलिस अधीक्षक ने ये भी कहा कि कई मामलों का उद्भेन भी किया गया. उन्होंने कहा कि इस फ्रॉड को रोकने के लिए कई पुलिसकर्मी लगाए गए हैं.