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साइबर क्राइम पर नहीं लग रहा लगाम, पुलिस के लिए बनी बड़ी चुनौती

सीआईएसएफ के रिटायर्ड अधिकारी विनोद कुमार चतुर्वेदी के साथ कुछ इसी प्रकार की धोखाधड़ी हुई. उन्होंने बताया कि उनके पास बैंक अधिकारी का कॉल आया और उन्हें झांसे में लेकर एटीएम नंबर लेकर उनके खाते से पैसे निकाल लिया.

रिटायर्ड सीआईएसएफकर्मी
रिटायर्ड सीआईएसएफकर्मी
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Published : Jan 3, 2020, 5:55 PM IST

Updated : Jan 4, 2020, 9:19 PM IST

समस्तीपुर: बदलते वक्त के साथ साइबर क्राइम पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही. हालांकि, इसकी रोकथाम के लिए जिले में 2017 में साइबर सेल जरूर बनाए गए. लेकिन, ये उम्मीदों पर खड़ी नहीं उतरी है.

दरअसल, जिले के साइबर अपराध से जुड़े आंकड़े पर गौर करें तो यहां हर रोज साइबर क्राइम से लोग शिकार हो रहे हैं. ज्यादातर मामले में अवैध तरीके से पैसे की निकासी और फ्रॉड कॉल के जरिए ओटीपी आदि की हैकिंग से लोग हलकान हैं. यही नहीं, सोशल साइट के जरिए भी बड़े पैमाने पर जिले में धोखाधड़ी का काला खेल चल रहा है. लोगों के अनुसार ऐसे मामलों पर साइबर सेल काफी उदासीन है. ज्यादातर मामले दर्ज भी नहीं किए जाते हैं.

समस्तीपुर से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

रिटायर्ड CISF कर्मचारी से धोखाधड़ी
ताजा मामला सरायरंजन थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव का है. यहां के सीआईएसएफ के रिटायर्ड अधिकारी विनोद कुमार चतुर्वेदी के साथ कुछ इसी प्रकार की धोखाधड़ी हुई. उन्होंने बताया कि उनके पास बैंक अधिकारी का कॉल आया और उन्हें झांसे में लेकर एटीएम नंबर लेकर उनके खाते से पैसे निकालने लगा. बता दें कि जब तक उन्हें इस बात की जानकारी होती तब तक अकाउंट से 30 हजार निकल चुके थे. पीड़ित विनोद कुमार ने कहा कि बाद में वह इस मामले को लेकर थाने से लेकर जिले के सभी ऑफिसों में चक्कर लगाते रहे. लेकिन, किसी ने उनकी फरियाद तक नहीं सुनी. बता दें कि 3 दिन बाद सरायरंजन थाने में इनसे लिखित आवेदन लेकर मामला तो दर्ज कर लिया गया. लेकिन, कार्रवाई के नाम पर कुछ खास नहीं हुआ.

samastipur
जांच में जुटी पुलिस

डटे रहे रिटायर्ड अधिकारी
दरअसल, ऐसे कई मामलों में लोग फंसने के बाद न तो वह पुलिस में शिकायत करते हैं और न ही वह किसी और को बताते हैं. लेकिन, रियाटर्ड अधिकारी ने हार नहीं मानी. वो लगातार इस बात को लेकर प्रयास करते रहे. उन्होंने कहा कि उनकी निरंतर कोशिश के बाद उनके खाते में 9 हजार वापस आया. हालांकि, इस केस में आगे की कार्रवाई जारी है.

'प्रयास में है साइबर सेल'
वहीं, इस मामले पर पुलिस अधीक्षक विकास वर्मन ने बताया कि इस फ्रॉड को रोकने के लिए पुलिस की लगातार कोशिश जारी है. यहां के साइबर सेल में सोशल मीडिया से लेकर बैंक फ्रॉड तक के केस देखे जाते हैं. पुलिस अधीक्षक ने ये भी कहा कि कई मामलों का उद्भेन भी किया गया. उन्होंने कहा कि इस फ्रॉड को रोकने के लिए कई पुलिसकर्मी लगाए गए हैं.

समस्तीपुर: बदलते वक्त के साथ साइबर क्राइम पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही. हालांकि, इसकी रोकथाम के लिए जिले में 2017 में साइबर सेल जरूर बनाए गए. लेकिन, ये उम्मीदों पर खड़ी नहीं उतरी है.

दरअसल, जिले के साइबर अपराध से जुड़े आंकड़े पर गौर करें तो यहां हर रोज साइबर क्राइम से लोग शिकार हो रहे हैं. ज्यादातर मामले में अवैध तरीके से पैसे की निकासी और फ्रॉड कॉल के जरिए ओटीपी आदि की हैकिंग से लोग हलकान हैं. यही नहीं, सोशल साइट के जरिए भी बड़े पैमाने पर जिले में धोखाधड़ी का काला खेल चल रहा है. लोगों के अनुसार ऐसे मामलों पर साइबर सेल काफी उदासीन है. ज्यादातर मामले दर्ज भी नहीं किए जाते हैं.

समस्तीपुर से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

रिटायर्ड CISF कर्मचारी से धोखाधड़ी
ताजा मामला सरायरंजन थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव का है. यहां के सीआईएसएफ के रिटायर्ड अधिकारी विनोद कुमार चतुर्वेदी के साथ कुछ इसी प्रकार की धोखाधड़ी हुई. उन्होंने बताया कि उनके पास बैंक अधिकारी का कॉल आया और उन्हें झांसे में लेकर एटीएम नंबर लेकर उनके खाते से पैसे निकालने लगा. बता दें कि जब तक उन्हें इस बात की जानकारी होती तब तक अकाउंट से 30 हजार निकल चुके थे. पीड़ित विनोद कुमार ने कहा कि बाद में वह इस मामले को लेकर थाने से लेकर जिले के सभी ऑफिसों में चक्कर लगाते रहे. लेकिन, किसी ने उनकी फरियाद तक नहीं सुनी. बता दें कि 3 दिन बाद सरायरंजन थाने में इनसे लिखित आवेदन लेकर मामला तो दर्ज कर लिया गया. लेकिन, कार्रवाई के नाम पर कुछ खास नहीं हुआ.

samastipur
जांच में जुटी पुलिस

डटे रहे रिटायर्ड अधिकारी
दरअसल, ऐसे कई मामलों में लोग फंसने के बाद न तो वह पुलिस में शिकायत करते हैं और न ही वह किसी और को बताते हैं. लेकिन, रियाटर्ड अधिकारी ने हार नहीं मानी. वो लगातार इस बात को लेकर प्रयास करते रहे. उन्होंने कहा कि उनकी निरंतर कोशिश के बाद उनके खाते में 9 हजार वापस आया. हालांकि, इस केस में आगे की कार्रवाई जारी है.

'प्रयास में है साइबर सेल'
वहीं, इस मामले पर पुलिस अधीक्षक विकास वर्मन ने बताया कि इस फ्रॉड को रोकने के लिए पुलिस की लगातार कोशिश जारी है. यहां के साइबर सेल में सोशल मीडिया से लेकर बैंक फ्रॉड तक के केस देखे जाते हैं. पुलिस अधीक्षक ने ये भी कहा कि कई मामलों का उद्भेन भी किया गया. उन्होंने कहा कि इस फ्रॉड को रोकने के लिए कई पुलिसकर्मी लगाए गए हैं.

Intro:समस्तीपुर: बदलते वक्त के साथ साइबर क्राइम पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही वैसे जिले में भी ऐसे मामले से निपटने व इसके रोकथाम को लेकर 2017 में साइबर सेल जरूर बने लेकिन वह सिर्फ हाथी के दिखावटी दांत ही साबित हो रहे हैं। दरअसल जिले के साइबर अपराध से जुड़े आंकड़े पर गौर करें तो यहां लगभग हर रोज साइबरक्राइम के लोग शिकार हो रहे हैं। ज्यादातर मामले में अवैध तरीके से पैसे की निकासी व फ्रॉड कॉल के जरिए ओटीपी आदि की हैकिंग से लोग हलकान हैं। यही नहीं सोशल साइट के जरिए भी बड़े पैमाने पर जिले में धोखाधड़ी का काला खेल चल रहा है लोगों के अनुसार ऐसे मामले पर साइबर सेल काफी उदासीन है ।ज्यादातर मामले दर्ज नहीं किए जाते हैं। यहां पूरी तरह टालमटोल के हालात है ।वैसे जिला पुलिस कप्तान ने यह दावा जरूर किया है ।इससे निपटने को लेकर सेलकाम कर रहा है ।कई मामले का पर्दाफाश किया गया है।


Body:ताजा मामला सरायरंजन थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव के रहने वाले सीआईएसएफ के रिटायर्ड अधिकारी विनोद कुमार चतुर्वेदी की है ।जिनके पास अपने आपको बैंक अधिकारी बताकर उन्हें झांसे में लेकर एटीएम नंबर प्राप्त कर और खाते से पैसे की निकासी करने लगा ।जब तक वह मामले को समझ पाते और बैंक में जाकर अपने खाता को लॉक करवा पाते तब तक एटीएमफ्रॉड के जरिए उनके खाता से ₹30000 की निकासी कर ली गई। उसके बाद वह इस मामले को लेकर थाने से लेकर जिला तक चक्कर लगाते रहे। लेकिन किसी ने उनकी फरियाद को नहीं सुनी आखिरकार 3 दिन के बाद सरायरंजन थाने में इनसे लिखित आवेदन लेकर मामला तो दर्ज कर लिया गया ।लेकिन कार्रवाई के नाम पर ढाक के तीन पात ।वही रिटायर अधिकारी का बताना है पढ़े-लिखे लोग जब झांसे में आ जाते हैं तो भोले भाले जनता को बैंक फ्रॉड करने वाले लोग आसानी से अपने झांसे में लेकर पैसे गरीब जनता की गाढ़ी कमाई खाता से उड़ा लेता है। और लोग थाने के चक्कर लगाते लगाते थक कर चुप बैठ जाते हैं। लेकिन वही सीआईएसएफ के रिटायर अधिकारी ने चुप नहीं बैठा बल्कि लगातार अनवरत प्रयासरत रहे। तो बैंक के द्वारा इनके खाते में ₹9000 की राशि वापस की गई बाकी राशि नहीं की गई वहीं थाना से अभी तक किसी भी तरफ से कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर इनमे काफी आक्रोश ब्याप्तहै।


Conclusion:वहीं इस मामले पर पुलिस अधीक्षक से जब पूछा गया तो उनको उनका बताना है कि 2017 में साइबर सेल की स्थापना की गई थी ।जिसमें सोशल मीडिया से लेकर बैंक फ्रॉड तक के मामले को देखा जा रहा है ।कई मामले का उद्भेदन भी किया गया है और कई मामलों पर काम चल रहा है ।पुलिस अधीक्षक ने बताया इस को लेकर एक इंस्पेक्टर एकसब इंस्पेक्टर और कई पुलिसकर्मी को इस काम के लिए लगाया गया है ।जो अपना काम कर रहे हैं और जिले में मॉनिटरिंगकिया जा रहा हैं ।अब देखना लाजमी है कि जिले में हो रहे साइबर फ्रॉड को लेकर पुलिस कब तक पूर्ण रूप से जिला में लगाम लगा पाती है
बाईट: विनोद कुमार चतुर्वेदी रिटायर सीआईएफएसअधिकारी
बाईट: विकास वर्मन पुलिस अधीक्षक
पीटीसी
Last Updated : Jan 4, 2020, 9:19 PM IST
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