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रबी फसल की बुआई का निकलता जा रहा समय, खेतों में जलजमाव के कारण किसान हलकान - etv live

समस्तीपुर में रबी फसल की बुआई के लिए किसान परेशान हैं. खेतों में पानी रहने से बुआई वक्त पर नहीं किया जा सकता है. जबकि फसल को लेकर विभागीय लक्ष्य एक लाख 19 हजार हेक्टेयर के करीब है. पढ़ें रिपोर्ट...

समस्तीपुर
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Published : Nov 16, 2021, 9:29 PM IST

समस्तीपुर: रबी फसल की बुआई में संकट गहरा गया है. खेतों में जलजमाव के कारण किसान परेशान हैं. जिले में रबी फसल को लेकर विभागीय लक्ष्य एक लाख 19 हजार हेक्टेयर के करीब है. लेकिन बुआई के लिए वक्त निकलता जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- बारिश में डूबी किसानों की 'किस्मत', खेतों में लगी धान की फसल बर्बाद

पहले ही सामान्य से काफी अधिक बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. वहीं अब खेतों में जमा पानी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. जिले के लगभग सभी हिस्सों में निचले खेतों के साथ ही कई स्थानों में ऊंचे खेतों में भी पानी भरा है.

रबी फसल की बुआई का वक्त बढ़ता जा रहा है. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष यहां एक लाख 19 हजार हेक्टेयर के करीब जमीन में रबी की खेती का लक्ष्य तय किया गया है. वैसे सामान्य तौर पर अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से मक्का, आलू, तोरी, मसूर आदि की बुआई जहां किसान करते हैं, वहीं नवंबर के दूसरे सप्ताह से गेहूं की बुआई शुरू की जाती है. वैसे अगर खेतों का हाल देखा जाए तो जमा पानी व अधिक नमी की वजहों से काफी संख्या में किसानों ने अबतक खेत तक तैयार नहीं किए हैं. यहीं नहीं गोभी, टमाटर, बैंगन आदि की नर्सरी तैयार होने के बावजूद, खेतों में काफी नमी के वजहों से रोपनी नहीं हो पा रही.

गौरतलब है कि पहले ही भारी बारिश व जलजमाव के कारण तैयार धान पानी में डूब कर बर्बाद हो गया. वहीं अब जिले के करीब 2 लाख 90 हजार किसानों के सामने रबी की खेती वक्त पर कैसे करें यह बड़ा सवाल बना हुआ है. वहीं विभागीय आंकड़ों के अनुसार यहां करीब 35 हजार हेक्टेयर निचले जमीन में किसान रबी की खेती करते हैं.

इसे भी पढ़ें- इतनी बरसात भी अच्छी नहीं.. धान की फसल तैयार पर खेतों में पानी लबालब, नष्ट हो रहे पैदावार

समस्तीपुर: रबी फसल की बुआई में संकट गहरा गया है. खेतों में जलजमाव के कारण किसान परेशान हैं. जिले में रबी फसल को लेकर विभागीय लक्ष्य एक लाख 19 हजार हेक्टेयर के करीब है. लेकिन बुआई के लिए वक्त निकलता जा रहा है.

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पहले ही सामान्य से काफी अधिक बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. वहीं अब खेतों में जमा पानी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. जिले के लगभग सभी हिस्सों में निचले खेतों के साथ ही कई स्थानों में ऊंचे खेतों में भी पानी भरा है.

रबी फसल की बुआई का वक्त बढ़ता जा रहा है. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष यहां एक लाख 19 हजार हेक्टेयर के करीब जमीन में रबी की खेती का लक्ष्य तय किया गया है. वैसे सामान्य तौर पर अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से मक्का, आलू, तोरी, मसूर आदि की बुआई जहां किसान करते हैं, वहीं नवंबर के दूसरे सप्ताह से गेहूं की बुआई शुरू की जाती है. वैसे अगर खेतों का हाल देखा जाए तो जमा पानी व अधिक नमी की वजहों से काफी संख्या में किसानों ने अबतक खेत तक तैयार नहीं किए हैं. यहीं नहीं गोभी, टमाटर, बैंगन आदि की नर्सरी तैयार होने के बावजूद, खेतों में काफी नमी के वजहों से रोपनी नहीं हो पा रही.

गौरतलब है कि पहले ही भारी बारिश व जलजमाव के कारण तैयार धान पानी में डूब कर बर्बाद हो गया. वहीं अब जिले के करीब 2 लाख 90 हजार किसानों के सामने रबी की खेती वक्त पर कैसे करें यह बड़ा सवाल बना हुआ है. वहीं विभागीय आंकड़ों के अनुसार यहां करीब 35 हजार हेक्टेयर निचले जमीन में किसान रबी की खेती करते हैं.

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