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चुनाव के बाद वारदातों से दहशत में समस्तीपुर, पुलिस की मुस्तैदी पर उठे सवाल

एक ही रात में कई मर्डर जिले को दहला चुका है. सत्ता पक्ष इसे भले विरोधियों की साजिश कहे लेकिन सवाल यहां उठता है कि क्या अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है?

crime in samstipur
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Published : Jun 15, 2019, 12:03 AM IST

समस्तीपुर: बीते कुछ दिनों में जिले में एक के बाद एक होने वाली वारदातों से लोग सहमे हुए हैं. हाल तो अब ये है कि लोग शाम होते ही अपने-अपने घर में सिमट जाते हैं. सवाल ये है कि चुनावी सरगर्मी थमने के बाद अचानक कैसे अपराधिक घटनाओं में तेजी आ गई, क्या फिर सुशासन का खौफ समाप्त हो गया है?

पुलिसिया मुस्तैदी के बाद भी लगभग हर रोज जिले का कोई न कोई हिस्सा गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठता है. पुलिस एक मामले के खुलासे में हाथ पैर मारती है, तब तक दूसरी बड़ी घटना जिले में घटित हो जाती है. बीते कुछ सप्ताह के अंदर घटनाओं पर गौर करें, तो जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्जनों लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वहीं, बीजेपी ने इन वारदातों को विपक्षी साजिश करार दिया है. बीजेपी जिलाध्यक्ष राम सुमिरन सिंह की माने तो ये हार का साइड इफेक्ट है और सरकार को बदनाम करने की यह साजिश चल रही है.

प्रतिक्रिया देते बीजेपी जिलाध्यक्ष और लेफ्ट नेता

नाकामी छिपाने के लिए आरोप- लेफ्ट
वहीं, लेफ्ट नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष ऐसे बयान अपनी नाकामी छिपाने के लिए दे रहा है. आंकड़ो पर गौर करें तो बीते पांच जून से अब तक दर्जनों लोगों की हत्या हुई हैं. जिला एक ही रात में कई मर्डर जिले को दहला चुका है. सत्ता पक्ष इसे भले विरोधियों की साजिश कहे लेकिन सवाल यहां यही उठता है कि क्या अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है.

समस्तीपुर: बीते कुछ दिनों में जिले में एक के बाद एक होने वाली वारदातों से लोग सहमे हुए हैं. हाल तो अब ये है कि लोग शाम होते ही अपने-अपने घर में सिमट जाते हैं. सवाल ये है कि चुनावी सरगर्मी थमने के बाद अचानक कैसे अपराधिक घटनाओं में तेजी आ गई, क्या फिर सुशासन का खौफ समाप्त हो गया है?

पुलिसिया मुस्तैदी के बाद भी लगभग हर रोज जिले का कोई न कोई हिस्सा गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठता है. पुलिस एक मामले के खुलासे में हाथ पैर मारती है, तब तक दूसरी बड़ी घटना जिले में घटित हो जाती है. बीते कुछ सप्ताह के अंदर घटनाओं पर गौर करें, तो जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्जनों लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वहीं, बीजेपी ने इन वारदातों को विपक्षी साजिश करार दिया है. बीजेपी जिलाध्यक्ष राम सुमिरन सिंह की माने तो ये हार का साइड इफेक्ट है और सरकार को बदनाम करने की यह साजिश चल रही है.

प्रतिक्रिया देते बीजेपी जिलाध्यक्ष और लेफ्ट नेता

नाकामी छिपाने के लिए आरोप- लेफ्ट
वहीं, लेफ्ट नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष ऐसे बयान अपनी नाकामी छिपाने के लिए दे रहा है. आंकड़ो पर गौर करें तो बीते पांच जून से अब तक दर्जनों लोगों की हत्या हुई हैं. जिला एक ही रात में कई मर्डर जिले को दहला चुका है. सत्ता पक्ष इसे भले विरोधियों की साजिश कहे लेकिन सवाल यहां यही उठता है कि क्या अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है.

Intro:बीते कुछ दिनों के अंदर जिले में एक के बाद एक होने वाले हत्या से जिले के लोग सहमे हुए हैं। हाल तो अब यह है की, अब लोग शाम होते ही अपने अपने घर में सिमट जाते हैं। सवाल चुनावी सरगर्मी थमने के बाद अचानक यैसे अपराधिक घटनाओं में अचानक तेजी के पीछे क्या कुछ सियासी संग्राम छिड़ा है या फिर सुशासन का खौफ समाप्त हो गया।


Body:पुलिसिया मुस्तैदी के बाद भी लगभग हर रोज जिले का कोई न कोई हिस्सा गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठता है। पुलिस एक मामले के खुलासे में हाथ पैर मारती है तब तक दूसरी बड़ी घटना जिले में घटित हो जाता है। बीते कुछ सप्ताह के अंदर घटनाओं पर गौर करें जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में दर्जनों लोगों की हत्या गोली मार कर कर दिया गया। सवाल चुनावी सरगर्मी थमने के बाद अचानक यैसी घटना में हुई तेजी के पीछे क्या वजह है। कहीं या सियासी रंजिश का कुछ नतीजा तो नहीं, या फिर सुशासन का इकबाल जिले में पूरी तरह समाप्त हो गया है। वैसे अपराध के इस मामले पर भाजपा के जिला अध्यक्ष को इस मामले में विपक्षी साजिश नजर आ रहा। उनका मानना है की या हार का साइड इफेक्ट है, सरकार को बदनाम करने की यह साजिश चल रहा।


बाईट- राम सुमिरन सिंह ,जिला अध्यक्ष ,बीजेपी समस्तीपुर।


वीओ- वैसे यह सियासी संग्राम है या सुशासन का समाप्त होता इकबाल, लेकिन अगर आंकड़ों पर गौर करें तो, बीते पांच जून से अब तक दर्जनों लोगों की हत्या हुई है। कई दिन तो एक ही रात में कई मर्डर जिले को दहला चुका है। सत्ता पक्ष से भले विरोधियों की साजिश कहे। लेकिन सवाल के अपराधियों को अब पुलिस का खौफ नहीं। यही सवाल विरोधी भी उठा रहे।

बाईट- सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नेता, लेफ्ट।


Conclusion:गौरतलब है की, सिर्फ हत्या ही नहीं, जिले में बीते कुछ सप्ताह के अंदर लूट व छिनतई की भी दर्जनों घटना घट चुकी है। वैसे हत्या के कई मामले में जांच की सुई सियासी रंजिश के तरफ भी गया है।


अमित कुमार की रिपोर्ट।
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