समस्तीपुर: बीते कुछ दिनों में जिले में एक के बाद एक होने वाली वारदातों से लोग सहमे हुए हैं. हाल तो अब ये है कि लोग शाम होते ही अपने-अपने घर में सिमट जाते हैं. सवाल ये है कि चुनावी सरगर्मी थमने के बाद अचानक कैसे अपराधिक घटनाओं में तेजी आ गई, क्या फिर सुशासन का खौफ समाप्त हो गया है?
पुलिसिया मुस्तैदी के बाद भी लगभग हर रोज जिले का कोई न कोई हिस्सा गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठता है. पुलिस एक मामले के खुलासे में हाथ पैर मारती है, तब तक दूसरी बड़ी घटना जिले में घटित हो जाती है. बीते कुछ सप्ताह के अंदर घटनाओं पर गौर करें, तो जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्जनों लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वहीं, बीजेपी ने इन वारदातों को विपक्षी साजिश करार दिया है. बीजेपी जिलाध्यक्ष राम सुमिरन सिंह की माने तो ये हार का साइड इफेक्ट है और सरकार को बदनाम करने की यह साजिश चल रही है.
नाकामी छिपाने के लिए आरोप- लेफ्ट
वहीं, लेफ्ट नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष ऐसे बयान अपनी नाकामी छिपाने के लिए दे रहा है. आंकड़ो पर गौर करें तो बीते पांच जून से अब तक दर्जनों लोगों की हत्या हुई हैं. जिला एक ही रात में कई मर्डर जिले को दहला चुका है. सत्ता पक्ष इसे भले विरोधियों की साजिश कहे लेकिन सवाल यहां यही उठता है कि क्या अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है.