समस्तीपुर : बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बदहाल है. सरकार चाहे कितने भी वादे कर ले लेकिन राज्य की स्वास्थ्य व्यव्स्था अभी भी वेंटिलेटर पर ही है. ताजा मामला समस्तीपुर जिले से सामने आ रहा. जहां जिले के ताजपुर रेफरल अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है. यहां आने वाला हर मरीज अपनी जान को भगवान भरोसे ही लेकर आता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां डॉक्टों की काफी कमी है. इन्हीं बातों को लेकर मंगलवार को माले कार्यकर्ताओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया.
10 बेड का अस्पताल है ताजपुर रेफरल: दरअसल, समस्तीपुर में माले कार्यकर्ताओं ने ताजपुर रेफरल अस्पताल में डॉक्टर के कमी को लेकर आज धरना प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया. जहां उन्होंने जमकर नारेबाजी की. इस दौरान माले कार्यकर्ताओं ने बताया कि ताजपुर रेफरल अस्पताल 10 बेड का अस्पताल है, जिसमें 8 डॉक्टरों का पद स्थापित किया गया है. लेकिन मात्र तीन डॉक्टर यहां पर आते है. ऐसे में डॉक्टरों की कमी को लेकर इलाके के मरीजों को काफी परेशान हो रही है. इसके बावजूद अभी तक किसी को पदस्थापन नहीं किया गया है.
एक्स-रे, जांच एवं दवा की व्यवस्था नहीं: उन्होंने बताया कि यहां पूर्व में आठ डॉक्टर पदस्थापित थे. चार परमानेंट डॉक्टर एवं चार संविदा पर थे. यहां इलाके के 15 किलोमीटर के अंदर आने वाले मरीजों का इलाज होता था. धीरे-धीरे समय व्यतीत होने के बाद अब मात्र तीन डॉक्टर पर सिमट कर यह अस्पताल रह गया है. यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. यहां महिला चिकित्सक भी नहीं है. नर्स के सहारे ही यहां गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया जाता है. यहां कई महिलाओं की मौत भी हो जा रही है. यहां एक्स-रे, जांच एवं दवा पूरी तरह उपलब्ध नहीं है.
"यहां सिविल सर्जन से डॉक्टर के पदस्थापन की मांग की गई है. लेकिन सिविल सर्जन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा. जिसका नतीजा है कि गरीब मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पर रहा है. यहां मरीजो का एक्स-रे, दवा, जांच भी नहीं किया जाता है. 8 की जगह 3 डॉक्टर देखते है. सरकार को यहां जल्द से जल्द डॉक्टरों को बहाल किया जाना चाहिए." - सुरेंद्र प्रसाद सिंह, माले के प्रखंड सचिव.