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समस्तीपुर में पानी के लिए मचा कोहराम तो फिर से शुरू हुई वाटर हार्वेस्टिंग मुहिम - samastipur

नगर परिषद क्षेत्र में अनेकों कॉमर्शियल बिल्डिंग के नक्शे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के साथ पास होते हैं. लेकिन किसी भी बिल्डिंग में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं मिलेगा.

वाटर हार्वेस्टिंग
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Published : Aug 16, 2019, 11:53 AM IST

समस्तीपुरः जिले में पानी के लिए मचे कोहराम के बाद सरकारी मशीनरी ने वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बड़े-बड़े दावे किए थे. यही नहीं यह नियम भी बनाया गया था कि घर और कॉमर्शियल बिल्डिंग के नक्शे भी बिना रेन वाटर सिस्टम के पास नहीं होंगे. लेकिन धरातल पर इससे जुड़ी हकीकत पूरी तरह हवा हवाई है. अगर गंभीरता के साथ बारिश के जल को संरक्षण करने का उपाय किया जाता तो जल के लिए यह हाहाकार नहीं मचती.

river
नदियों का सूखता पानी

नए घरों में नहीं लग रहा रेन वाटर सिस्टम
विभागीय दावों का हाल ये है कि इस नियम के तहत बीते तीन वर्षों से नक्शा पास तो किया जा रहा. लेकिन रेन वाटर सिस्टम किसी में नहीं दिख रहा. नप क्षेत्र में करीब 8500 से अधिक होल्डिंग है. लेकिन शहर के किसी भी नीजि व कॉमर्शियल बिल्डिंग में आपको वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं मिलेगा. वैसे नगर आवास विभाग की घुड़की के बाद एक बार फिर समस्तीपुर नगर परिषद ने इसको लेकर गंभीरता दिखाई है.

building
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के बिना बनी बहु मंजिला इमारत

फिर से शुरू की गई मुहिम
जिले में पानी कि बढ़ती किल्लत को देखते हुए बारिश के पानी को संचित करने और घटते भूजल को रिचार्ज करने की मुहिम फिर शुरू हुई है. समस्तीपुर नगर परिषद ने बाकायदा अपने क्षेत्र के नीजि व कॉमर्शियल बिल्डिंग के नक्शे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रावधान के तहत पास करना शुरू कर दिया है. वैसे इस अभियान को सख्ती से ज्यादा जागरूकता से जोड़ने की जरूरत है. क्योंकि भूजल का जो हाल है, उसे इस साल पहली बार जिले के लोगों ने करीब से महसूस किया है.

समस्तीपुर में पानी के लिए मचा कोहराम

जागरुकता की है जरूरत
जानकार का भी मानना है कि जिले में लगातार कम होती बारिश और भूजल के दोहन का ही नतीजा है की वाटर लेवल काफी नीचे चला गया है. अगर गंभीरता से बारिश के जल को संरक्षण करने के उपाय चलाये जांए तो यह बेहतर पहल होगी. नगर परिषद एक्सक्यूटिव ऑफिसर रजनीश कुमार ने बताया कि विभाग इसके लिए काफी सजग है और जिले के लोगों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए जागरुकता फैलाई जा रही है. बड़े-बड़े वाटर आरओ और वाटर प्लांट को भी नोटिस भेजी गई है.

समस्तीपुरः जिले में पानी के लिए मचे कोहराम के बाद सरकारी मशीनरी ने वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बड़े-बड़े दावे किए थे. यही नहीं यह नियम भी बनाया गया था कि घर और कॉमर्शियल बिल्डिंग के नक्शे भी बिना रेन वाटर सिस्टम के पास नहीं होंगे. लेकिन धरातल पर इससे जुड़ी हकीकत पूरी तरह हवा हवाई है. अगर गंभीरता के साथ बारिश के जल को संरक्षण करने का उपाय किया जाता तो जल के लिए यह हाहाकार नहीं मचती.

river
नदियों का सूखता पानी

नए घरों में नहीं लग रहा रेन वाटर सिस्टम
विभागीय दावों का हाल ये है कि इस नियम के तहत बीते तीन वर्षों से नक्शा पास तो किया जा रहा. लेकिन रेन वाटर सिस्टम किसी में नहीं दिख रहा. नप क्षेत्र में करीब 8500 से अधिक होल्डिंग है. लेकिन शहर के किसी भी नीजि व कॉमर्शियल बिल्डिंग में आपको वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं मिलेगा. वैसे नगर आवास विभाग की घुड़की के बाद एक बार फिर समस्तीपुर नगर परिषद ने इसको लेकर गंभीरता दिखाई है.

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वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के बिना बनी बहु मंजिला इमारत

फिर से शुरू की गई मुहिम
जिले में पानी कि बढ़ती किल्लत को देखते हुए बारिश के पानी को संचित करने और घटते भूजल को रिचार्ज करने की मुहिम फिर शुरू हुई है. समस्तीपुर नगर परिषद ने बाकायदा अपने क्षेत्र के नीजि व कॉमर्शियल बिल्डिंग के नक्शे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रावधान के तहत पास करना शुरू कर दिया है. वैसे इस अभियान को सख्ती से ज्यादा जागरूकता से जोड़ने की जरूरत है. क्योंकि भूजल का जो हाल है, उसे इस साल पहली बार जिले के लोगों ने करीब से महसूस किया है.

समस्तीपुर में पानी के लिए मचा कोहराम

जागरुकता की है जरूरत
जानकार का भी मानना है कि जिले में लगातार कम होती बारिश और भूजल के दोहन का ही नतीजा है की वाटर लेवल काफी नीचे चला गया है. अगर गंभीरता से बारिश के जल को संरक्षण करने के उपाय चलाये जांए तो यह बेहतर पहल होगी. नगर परिषद एक्सक्यूटिव ऑफिसर रजनीश कुमार ने बताया कि विभाग इसके लिए काफी सजग है और जिले के लोगों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए जागरुकता फैलाई जा रही है. बड़े-बड़े वाटर आरओ और वाटर प्लांट को भी नोटिस भेजी गई है.

Intro:इस गर्मी जिले में पानी के एक बूंद को लेकर मचे कोहराम के बाद , सरकारी मशीनरी ने फिर जोर शोर से वाटर हार्वेस्टिंग पर बड़े बड़े दावे शुरू कर दिए । यही नही घर व कॉमर्शियल बिल्डिंग के नक्शे बिना रैन वाटर सिस्टम के पास नही होंगे , लेकिन धरातल पर इससे जुड़ी हकीकत पूरी तरह हवा हवाई है ।


Body:बारिश के पानी को संचित करने व घटते भूजल को रिचार्ज करने की मुहिम सरकारी स्तर पर फिर शुरू हुई है । समस्तीपुर नगर परिषद ने बाकायदा अपने क्षेत्र के नीजि व कॉमर्शियल बिल्डिंग के नक्शे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रावधान तहत पास करना शुरू किया है । लेकिन बारिश के जल संरक्षण को लेकर विभागीय दावों का हाल देखिए , इस नियम के तहत बीते तीन वर्षों से नक्शा पास किया जा रहा । नप क्षेत्र में करीब 8500 से अधिक होल्डिंग है , लेकिन शहर के किसी नीजि व कॉमर्शियल बिल्डिंग में आपको नही मिलेगा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम । वैसे नगर आवास विभाग के हुड़की के बाद एक बार फिर समस्तीपुर नगर परिषद ने इसको लेकर गंभीर दिख रहा ।

बाईट - रजनीश कुमार , एक्सक्यूटिव ऑफिसर , नगर परिषद , समस्तीपुर ।

वीओ - वैसे इस अभियान को लेकर सख्ती से ज्यादा जागरूकता से जोड़ने की जरूरत है । क्योंकि भूजल का जो हाल है , उसे इस साल पहली बार जिले के लोगों ने करीब से महसूस किया है । जानकार का भी मानना है की , जिले में लगातार अनुपात से कम होते बारिश एव भूजल के दोहन का ही नतीजा है की , वाटर लेवल जिले में काफी नीचे चला गया है । अगर गंभीरता से बारिश के जल को संरक्षण करने के उपाय चलाये जाते है तो , यह बेहतर पहल होगा ।

बाईट - डॉ भोला चौरसिया , विशेषज्ञ , जियोलॉजी ।


Conclusion:गौरतलब है की , नप क्षेत्र में अनेको कॉमर्शियल बिल्डिंग के नक्शे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के साथ पास होते है , लेकिन इसका कंही कोई अमल नही ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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