समस्तीपुर: कोरोना संकट और लागू लॉकडाउन के कारण रिक्शा चालकों और दुसरों पर आश्रित रहने वाले भिखारियों के सामने भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. लॉकडाउन के कारण लोग घर से नहीं निकल रहे हैं. वहीं कोरोना वायरस के कारण लोग भिखारियों को भीख देने से कतरा रहे हैं. शुरुआती लॉकडाउन में खुले सरकारी कम्यूनिटी किचेन पर जहां ताला लटका है. वहीं गैर सरकारी संस्था भी अब ऐसे लोगों की मदद में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है.
कोरोना संक्रमण के रोकथाम को लेकर लागू लॉकडाउन में सड़को पर जिंदगी थम गई है. इससे जिले के रिक्शा चालक और भिखारी अब एक एक निवाले के लिए तरस रहे हैं. शुरुआती लॉकडाउन के दौरान सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई स्थानों पर कम्यूनिटी किचेन चलाया जा रहा था. जहां सुबह शाम ऐसे लोगों को दो वक्त का भोजन नसीब हो जाता था. लेकिन वर्तमान लॉकडाउन में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होने से इनके सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है.
रिक्शा चालकों के सामने भुखमरी की स्थिति
वहीं दूसरों का बोझ खींच कमाने खाने वाले रिक्सा चालकों का हाल भी काफी खराब है. सड़कों पर थमी रफ्तार ने इनके कमाई को पूरी तरह खत्म कर दिया है. दूर दराज से आकर शहर में रिक्शा चला अपने परिवार का पेट भरने वाले को लोग खुद भी एक वक्त के भोजन की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं.