समस्तीपुरः सरकार चाहे जितना भी बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का दावा कर ले, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. आज हम आपको एक ऐसे अस्पताल की सच्चाई बताएंगे जिसके ऊपर लगभग ढाई लाख लोगों के इलाज का जिम्मा है. लेकिन इस स्वास्थ्य केंद्र में 3 ही एमबीबीएस डॉक्टर हैं. जबकि महिला डॉक्टर एक भी नहीं हैं. पुरुष डॉक्टर ही नर्स के सहारे प्रसव कराते हैं. प्रसव कराने आई महिलाओं की हालत गंभीर होने पर उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. ऐसी स्थिति में कभी-कभी महिलाओं की रास्ते में ही मौत हो जाती है.
पीएचसी में कोई भी महिला डॉक्टर नहीं
जिले के खानपुर प्रखंड के पीएचसी में कोई भी महिला डॉक्टर नहीं है. महिला डॉक्टर नहीं होने के कारण यहां की महिला मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अस्पताल जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर पर अवस्थित है. सुदूर देहात इलाके से गर्भवती महिला इस उम्मीद से आती हैं कि यहां महिला डॉक्टर की देखरेख में सही तरीके से प्रसव हो जाएगा. लेकिन हैरत की बात यह है कि जब प्रसव कराने महिला आती हैं तो उन्हें महिला डॉक्टर के बदले पुरुष डॉक्टर मिलते हैं.
बच्चे का वार्ड बना स्टोर रूम
वहीं, इस अस्पताल की व्यवस्था की बात की जाए तो हैरान कर देने वाली बात सामने आई है. यहां छोटे बच्चे को रखने के लिए जो कमरा बनाया गया है उसे स्टोर रूम में तब्दील कर दिया गया है. प्रसव कक्ष में ही एक ट्रॉली लगा हुआ है जिसमें जन्म लेने वाले बच्चे को रखकर तत्काल उसका उपचार किया जाता है. खानपुर प्रखंड में पदस्थापित प्रभारी चिकित्सक सुधीर कुमार ने बताया कि महिला चिकित्सक नहीं होने से पुरुष चिकित्सक को ही महिला का प्रसव नर्स की सहायता से करना पड़ता है. ज्यादा गंभीर हालत होने पर उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है.
स्वास्थ्य विभाग की है लापरवाही
इस सिलसिले में जब सिविल सर्जन सियाराम मित्र से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह कमी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से है. महिला डॉक्टर की सभी जगह कमी है. जिसके कारण खानपुर पीएसी में महिला डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है. जितने डॉक्टर के पोस्ट होने चाहिए उतने डॉक्टर प्रतिनियुक्त नहीं हैं. डॉक्टरों की कमी के कारण पुरुष डॉक्टर को प्रसव कराना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जैसे महिला डॉक्टर की प्रतिनियुक्त की जाती है वैसे सभी पीएसी और अनुमंडलीय अस्पताल में महिला डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति कर दी जाएगी.
क्या कहती हैं जिला परिषद की सदस्य
इस मामले पर क्षेत्र की जिला परिषद सदस्य और स्थानीय महिला से बात की गई तो उन्होंने भी इस समस्या को लेकर चिंता जाहिर की. परिषद की सदस्य सह लोक स्वास्थ्य समिति की सदस्य स्वर्णिमा सिंह ने बताया कि महिला डॉक्टर को पदस्थापित करने को लेकर सिविल सर्जन, जिलाधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि सबसे बात की गई है. जल्द ही महिला डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति करवा दी जाएगी.