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समस्तीपुर: बेजुबानों के लिए पशुपालन विभाग की अच्छी पहल, जल्द बनेंगे 15 'प्याऊ'

समस्तीपुर जिला सूखे की चपेट में है. जल स्तर नीचे चले जाने से आमजनों के साथ-साथ बेजुबान जानवर भी पानी के लिए परेशान हैं. जानवरों के लिए पशुपालन विभाग 15 सामुदायिक प्याऊ बनाने जा रही है.

समस्तीपुर
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Published : May 29, 2019, 6:19 PM IST

समस्तीपुर: इस भीषण गर्मी में आमजनों के साथ-साथ बेजुबान जानवर भी बेहाल हैं. पशुपालन विभाग ने जानवरों के लिए अच्छी पहल की है. विभाग जिले के कई स्थानों पर पशुओं की प्यास बुझाने के लिए सामुदायिक प्याऊ बनाने जा रही है. इससे पशुओं को पानी के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा.

इस भीषण गर्मी में पूरा प्रदेश पानी की समस्या से परेशान है. समस्तीपुर में स्थित कई तालाब इस गर्मी से सूख गये हैं. बेजुबान पशु प्यास बुझाने के लिए शहर में इधर-उधर भटक रहे हैं. नालों के गंदे पानी ही उनके जीवन का सहारा बना हुआ है. अगर कुछ दिनों तक यही हाल रहा तो, पानी के बिना इन बेजुबानों की मौत भी हो सकती है.

पशुपालक और पशुपालन पदाधिकारी का बयान

जल्द बनेंगे 15 प्याऊ
इस समस्या को ईटीवी भारत ने पहले भी प्रमुखता दी थी. इसके बाद पशुपालन विभाग ने एक्शन लेते हुए जिले के लगभग 15 से अधिक स्थानों पर जानवरों के लिए प्याऊ बनाने का निर्णय किया है. इसको लेकर जिला पशुपालन पदाधिकारी ने कहा कि 15 से अधिक स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है. इन स्थानों पर जल्द ही सामुदायिक प्याऊ बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. इससे पशु आसानी से प्यास बुझा पाएंगे. पशुपालकों को भी राहत मिलेगा.

अपने घरों के बाहर रखें पानी
बहरहाल, इन बेजुबानों की रक्षा कैसे हो इसे लेकर लोगों को गंभीर और सजग होने की जरूरत है. ऐसे में अगर घरों के बाहर पानी का इंतजाम किया जाए तो कुछ हद तक पशु-पक्षियों को इस मौसम में थोड़ी राहत मिल सकती है.

समस्तीपुर: इस भीषण गर्मी में आमजनों के साथ-साथ बेजुबान जानवर भी बेहाल हैं. पशुपालन विभाग ने जानवरों के लिए अच्छी पहल की है. विभाग जिले के कई स्थानों पर पशुओं की प्यास बुझाने के लिए सामुदायिक प्याऊ बनाने जा रही है. इससे पशुओं को पानी के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा.

इस भीषण गर्मी में पूरा प्रदेश पानी की समस्या से परेशान है. समस्तीपुर में स्थित कई तालाब इस गर्मी से सूख गये हैं. बेजुबान पशु प्यास बुझाने के लिए शहर में इधर-उधर भटक रहे हैं. नालों के गंदे पानी ही उनके जीवन का सहारा बना हुआ है. अगर कुछ दिनों तक यही हाल रहा तो, पानी के बिना इन बेजुबानों की मौत भी हो सकती है.

पशुपालक और पशुपालन पदाधिकारी का बयान

जल्द बनेंगे 15 प्याऊ
इस समस्या को ईटीवी भारत ने पहले भी प्रमुखता दी थी. इसके बाद पशुपालन विभाग ने एक्शन लेते हुए जिले के लगभग 15 से अधिक स्थानों पर जानवरों के लिए प्याऊ बनाने का निर्णय किया है. इसको लेकर जिला पशुपालन पदाधिकारी ने कहा कि 15 से अधिक स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है. इन स्थानों पर जल्द ही सामुदायिक प्याऊ बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. इससे पशु आसानी से प्यास बुझा पाएंगे. पशुपालकों को भी राहत मिलेगा.

अपने घरों के बाहर रखें पानी
बहरहाल, इन बेजुबानों की रक्षा कैसे हो इसे लेकर लोगों को गंभीर और सजग होने की जरूरत है. ऐसे में अगर घरों के बाहर पानी का इंतजाम किया जाए तो कुछ हद तक पशु-पक्षियों को इस मौसम में थोड़ी राहत मिल सकती है.

Intro:बेजुबान जानवरों का आवाज बना ईटीवी भारत। जिले में पानी के अभाव में अब दम तोड़ेंगे बेजुबान जानवर। भीषण गर्मी व नदी तालाब के सूखने के कारण सड़कों पर पानी से हलकान बेजुबान जानवरों को लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से यह मुद्दा उठाया था। सवाल यह है कि, पालतू पशुओं को तो किसी तरह पशुपालक प्यास बुझा रहे थे, लेकिन सड़कों पर अन्य पशु पक्षी आखिर इस भीषण गर्मी में कैसे जिंदा रहे। जबकि जिले के लगभग सभी नदी तालाब पूरी तरह सूख चुकी है। वैसे जिला पशुपालन विभाग ने यैसे पशुओं को लेकर जिले में कई स्थानों पर समुदायिक प्याऊ बनाने का प्रयास शुरू किया है।



Body:सूखे से हलकान जिले में पहली बार पानी के लिए त्राहिमाम मचा है। एक एक बूंद को लेकर जिले में लगभग सभी हिस्सों में जंग लड़ी जा रही। जहां आम आवाम हलकान हैं वहां बेजुबान जानवरों का क्या हाल होगा इसका कल्पना किया जा सकता है। जिले के लगभग सभी तालाब पूरी तरह सूख चुके हैं। ईटीवी भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। वही विभाग व आमजन से अपील भी किया था कि, इस भीषण गर्मी मैं बेजुबानों की रक्षा करें। वैसे इस मामले में जिला पशुपालन विभाग ने गंभीरता से लिया है। जल्द ही पहले चरण में जिले के लगभग 15 से अधिक स्थानों पर जानवरों के लिए प्याऊ बनाया जायेगा। जिला पशुपालन पदाधिकारी के अनुसार, जगह चिन्हित आदि कर लिए गए हैं, जल्द इसपर काम शुरू हो जायेगा। इस प्याऊ के बनने से पशुपालकों को भी राहत मिलेगा।


बाईट- डा.मो.एजाज़ अहमद, जिला पशुपालन पदाधिकारी समस्तीपुर।


वीओ- दरअसल जिले में पानी के कारण बहुत से पशुपालकों ने अपने जानवरों को औने पौने दामों में बेचना तब शुरू कर दिया है। सबसे समस्या वैसे पशु पक्षियों का है, जो सड़कों पर आवारा घूमते हैं। वैसे विभाग के इस पहल ने पशु पालकों को राहत जरूर दिया है। वही वे ईटीवी भारत को भी धन्यवाद दे रहे।


बाईट- पशुपालक।


Conclusion:बाहरहाल, इन बेजुबानो के प्रति विभाग अगर गंभीर हुआ तो, जल्द जिले में चिन्हित स्थानों पर या व्यवस्था दिखने लगेगा। क्योंकि अगर समय रहते विभाग हो या हम और आप इन बेजुबान ओं के प्रति गंभीर नहीं हुए तो, यह पानी के बिना सड़कों पर ही दम तोड़ ने लगेंगे।


अमित कुमार की रिपोर्ट।
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