समस्तीपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत बेघर लोगों को घर दिया जाता है, लेकिन कई बार लोगों की इसे लेकर अलग-अलग शिकायतें रहती हैं. बिहार के समस्तीपुर में भी आवास योजना में अनियमितता (Irregularities in PM Awas Yojana) को लेकर बातें सामने आती रहती हैं. दरअसल, यहां इस योजना की गति कछुए की रफ्तार से चल रही. जिस वजह से जरूरतमंदों को अबतक योजना का सही से लाभ नहीं मिल पा रही है. इसको लेकर लोगों में मायूसी और नाराजगी भी है.
ये भी पढ़ें: 'बिहार में पीएम आवास योजना के लक्ष्य को पूरा करने की बड़ी चुनौती, नई रणनीति के साथ नए लक्ष्य को करेंगे हासिल'
विभागीय आंकड़ों के अनुसार समस्तीपुर जिले में रजिस्टर्ड पीएम आवास योजना में 194457 का जिओ टैंगिग किया गया है. जिसमें करीब 194457 लाभार्थियों को आवास की अनुमति मिली है. वैसे इसको लेकर लाभार्थियों को तीन किस्तों में 1 लाख 20 हजार रुपए दिए जाते हैं. वहीं, जिले के सभी ब्लॉक में पीएम आवास योजना के हजारों लाभार्थियों ने तीनों किस्त लेने के बाद भी अब तक आवास का निर्माण नही किया है.
बहरहाल ग्रामीण आवास विभाग के अपर सचिव ने इसको लेकर 31 जनवरी 2022 का डेडलाइन दिया है. यही नहीं जानकारी के अनुसार सभी किस्त के भुगतान के बाद भी आवास निर्माण नहीं करने वाले लाभुकों से राशि वसूलने और सम्बंधित बीडीओ और आवास कर्मियों पर कार्रवाई संभव है.
ये भी पढ़ें: समस्तीपुर में जमीन वैल्युशन का काला खेल! भ्रष्ट सब रजिस्ट्रार ने सरकार को लगाया 13 लाख का चूना
जिले में बड़ी संख्या में वैसे लाभुकों को बिना आवास निर्माण जांच के ही पैसे निर्गत कर दिए गए हैं. वैसे नियम के अनुरूप राशि स्वीकृति के 12 महीने के अंदर आवास का निर्माण करना होता है. पहली किस्त स्वीकृति के साथ दूसरी किस्त प्लिंथ निर्माण के बाद और तीसरी किस्त की राशि छत स्तर तक निर्माण पूर्ण होने के बाद मिलती है.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना एक सरकारी स्कीम है. जिसका लक्ष्य समाज के कमजोर वर्गों को किफायती आवास प्रदान करना है. यह 2015 में शुरू की गई थी, इसका लक्ष्य 31 मार्च 2022 तक शहरी गरीबों के लिए 2 करोड़ घरों का निर्माण करना है. इसके कई प्रावधान हैं और उनका लाभ उठाने के लिए आपको लाभार्थी के रूप में पात्रता प्राप्त करनी होगी. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पहले सिर्फ गरीब वर्ग के लिए था. लेकिन, अब होम लोन की रकम बढ़ाकर शहरी इलाकों के गरीब और मध्यम वर्ग को भी इसके दायरे में लाया गया है. शुरुआत में पीएमएवाई में होम लोन की रकम 3 से 6 लाख रुपये तक थी, जिस पर ब्याज पर सब्सिडी दी जाती थी. अब इसे 18 लाख रुपये तक कर दिया गया है.
ये भी पढ़ें: समस्तीपुर में अज्ञात बीमारी की जद में बेजुबान, कई ब्लॉकों में पशुओं की मौत
विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP