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बाल विवाह के खिलाफ अभियान तेज, समस्तीपुर में रोकी गई 14 वर्षीय छात्रा की शादी

शादी की लगन तेज हैं, ऐसे में बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान ने भी जोर पकड़ रखा है. इसका परिणाम ये हुआ कि जिले में एक 14 वर्षीय नाबालिग का विवाह रोका गया.

समस्तीपुर
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Published : Dec 6, 2020, 9:18 PM IST

समस्तीपुर : महिला विकास निगम, समाज‌ कल्याण विभाग बिहार सरकार, एक्शन एड व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में समस्तीपुर जिले में बाल विवाह उन्मूलन के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत उजियारपुर प्रखंड के परोरिया पंचायत के परोरिया गांव में वार्ड 10 में एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की का विवाह होने से रोका गया.

नाबलिग की शादी बेगूसराय के गायना गांव के लड़के के साथ 07 दिसम्बर 2020 को होनी तय थी. प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार ठाकुर, जिला समन्वयक अरविन्द कुमार, मुखिया मनोज कुमार, पूर्व मुखिया कृष्णदेव राय, विकासमित्र ओम प्रकाश राम के सहयोग से नाबालिग की शादी रोकी गई. अधिकारियों ने लड़की के पिता से 18 वर्ष पूरा होने के बाद ही उसकी शादी करने का शपथ पत्र लिया.

लोगों को किया जागरूक
इस दौरान वार्ड 10 के उपस्थित ग्रामीणों के बीच जिला समन्वयक, एक्शन एड अरविन्द कुमार ने बाल विवाह के दुष्परिणामों, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के प्रावधानों की चर्चा की. उन्होंने बताया कि बाल विवाह में किसी भी प्रकार से शामिल व्यक्तियों को 2 वर्षों तक का कारावास और 1 लाख रुपये तक के अर्थदंड का प्रावधान है. बाल विवाह में जाने वाले बाराती, पंडित, मौलाना, टेन्ट हाउस, खाना बनाने वाले और यहां तक कि शादी का कार्ड छापने वाले प्रेस वाले भी दोषी माने जाएंगे. चर्चा के क्रम में उन्होंने लड़कियों के लिए सरकार की चलायी जा रही महत्वाकांक्षी योजना 'मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना' के बारे में बताया.

समस्तीपुर : महिला विकास निगम, समाज‌ कल्याण विभाग बिहार सरकार, एक्शन एड व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में समस्तीपुर जिले में बाल विवाह उन्मूलन के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत उजियारपुर प्रखंड के परोरिया पंचायत के परोरिया गांव में वार्ड 10 में एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की का विवाह होने से रोका गया.

नाबलिग की शादी बेगूसराय के गायना गांव के लड़के के साथ 07 दिसम्बर 2020 को होनी तय थी. प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार ठाकुर, जिला समन्वयक अरविन्द कुमार, मुखिया मनोज कुमार, पूर्व मुखिया कृष्णदेव राय, विकासमित्र ओम प्रकाश राम के सहयोग से नाबालिग की शादी रोकी गई. अधिकारियों ने लड़की के पिता से 18 वर्ष पूरा होने के बाद ही उसकी शादी करने का शपथ पत्र लिया.

लोगों को किया जागरूक
इस दौरान वार्ड 10 के उपस्थित ग्रामीणों के बीच जिला समन्वयक, एक्शन एड अरविन्द कुमार ने बाल विवाह के दुष्परिणामों, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के प्रावधानों की चर्चा की. उन्होंने बताया कि बाल विवाह में किसी भी प्रकार से शामिल व्यक्तियों को 2 वर्षों तक का कारावास और 1 लाख रुपये तक के अर्थदंड का प्रावधान है. बाल विवाह में जाने वाले बाराती, पंडित, मौलाना, टेन्ट हाउस, खाना बनाने वाले और यहां तक कि शादी का कार्ड छापने वाले प्रेस वाले भी दोषी माने जाएंगे. चर्चा के क्रम में उन्होंने लड़कियों के लिए सरकार की चलायी जा रही महत्वाकांक्षी योजना 'मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना' के बारे में बताया.

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