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सहरसा में तेजी से फैल रहा वायरल फीवर, शिशु रोग विशेषज्ञों ने दी ये सलाह - शिशु रोग विशेषज्ञ

सहरसा में वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. निजी क्लिनिकों में सबसे अधिक बच्चे बुखार, सर्दी और खांसी से पीड़ित भर्ती हैं. ऐसे में शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे को बुखार आने पर एंटीबायोटिक नहीं दें. जितनी जल्दी हो सके डॉक्टरों से संपर्क करें. पढ़ें पूरी खबर..

Viral fever outbreak in Saharsa district
Viral fever outbreak in Saharsa district
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Published : Sep 16, 2021, 10:29 PM IST

सहरसा: बिहार (Bihar) के सहरसा जिले में भी वायरल फीवर (Viral Fever In Saharsa) का प्रकोप काफी तेजी से फैल रहा है. इस बीमारी से कई बच्चे बीमार हो रहे हैं. बीमार बच्चों में तेज बुखार, खांसी, हफनी और कफ जैसी शिकायतें आ रही है. ऐसे में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एसपी झा ने बताया कि बच्चों को एक दिन से अधिक बुखार है तो चिकित्सकों से संपर्क करें. बच्चे को एंटीबायोटिक नहीं दें, क्योंकि बच्चों के हृदय पर भी असर पड़ा है.

यह भी पढ़ें - वायरल फीवर को लेकर ना घबराएं, बीमार बच्चों में कोरोना के लक्षण नहीं: IGIMS

बात दें कि वायरल बुखार का सही समय पर इलाज नहीं कराना अब बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. बुखार से बच्चों के हृदय पर भी असर पड़ रहा है. वायरल बुखार के कारण शिशु रोग विशेषज्ञों के यहां प्रतिदिन इस बीमारी से पीड़ित कई बच्चे आ रहे हैं. सरकारी अस्पताल के ओपीडी में पिछले छह दिन में महज 27 बच्चे बुखार से पीड़ित पहुंचे हैं. जिसमें से एक भी बच्चे भर्ती नहीं हैं. निजी क्लिनिकों में सबसे अधिक बच्चे बुखार, सर्दी और खांसी से पीड़ित भर्ती हैं.

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एसपी झा ने बताया कि अगर बच्चे को सामान्य बुखार के अलावा डायरिया या डिसेंट्री होता है या फिर बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, तो तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल में ले जाएं, क्योंकि ऐसे केस में एडमिट करने की आवश्यकता पड़ती है. उन्होंने बताया कि बच्चों में बुखार काफी तेजी से फैल रहा है. इस मौसम में पहले भी बच्चों में बुखार आता था लेकिन इसबार इसकी संख्या अधिक है.

शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि बुखार आने पर कोशिश करें कि बच्चे को एंटीबायोटिक नहीं दें. उन्होंने बताया कि हमारे पास ऐसे मरीज आ रहे हैं. जिनके जांच में यह पाया गया कि बुखार आने पर उनके हृदय पर भी असर पड़ा है. ऐसे मामलों में नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है.

बता दें कि बिहार में वायरल फ्लू (Viral flu) के मामले बढ़ने लगे हैं और बच्चे इससे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. वायरल फ्लू में बच्चों की स्थिति गंभीर हो रही है. इस मौसम में ह्यूमिडिटी बहुत अधिक रहती है. इस बार वायरल फ्लू की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है और बच्चे इसमें काफी संक्रमित हो रहे हैं और उनकी स्थिति गंभीर भी हो रही है.

बच्चों के अलावा वयस्क भी संक्रमित हो रहे हैं. मगर बच्चों में सीवियर मामले बढ़ रहे हैं. वातावरण में ह्यूमिडिटी होने और तापमान अधिक होने की वजह से इनफ्लुएंजा एबीसीडी जितने भी वायरस है, वो ज्यादा एक्टिव रहते हैं.ऐसे में वायरल फ्लू से बचाव का भी वही इलाज है जो कोरोना का है. कोविड-19 प्रोटोकॉल जैसे कि हैंड हाइजीन, चेहरे पर मास्क और संक्रमित व्यक्ति का अन्य लोगों से दूरी काफी कारगर है.

यह भी पढ़ें - गोपालगंज: वायरल फीवर के बढ़ रहे मरीज, स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में है शून्य

सहरसा: बिहार (Bihar) के सहरसा जिले में भी वायरल फीवर (Viral Fever In Saharsa) का प्रकोप काफी तेजी से फैल रहा है. इस बीमारी से कई बच्चे बीमार हो रहे हैं. बीमार बच्चों में तेज बुखार, खांसी, हफनी और कफ जैसी शिकायतें आ रही है. ऐसे में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एसपी झा ने बताया कि बच्चों को एक दिन से अधिक बुखार है तो चिकित्सकों से संपर्क करें. बच्चे को एंटीबायोटिक नहीं दें, क्योंकि बच्चों के हृदय पर भी असर पड़ा है.

यह भी पढ़ें - वायरल फीवर को लेकर ना घबराएं, बीमार बच्चों में कोरोना के लक्षण नहीं: IGIMS

बात दें कि वायरल बुखार का सही समय पर इलाज नहीं कराना अब बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. बुखार से बच्चों के हृदय पर भी असर पड़ रहा है. वायरल बुखार के कारण शिशु रोग विशेषज्ञों के यहां प्रतिदिन इस बीमारी से पीड़ित कई बच्चे आ रहे हैं. सरकारी अस्पताल के ओपीडी में पिछले छह दिन में महज 27 बच्चे बुखार से पीड़ित पहुंचे हैं. जिसमें से एक भी बच्चे भर्ती नहीं हैं. निजी क्लिनिकों में सबसे अधिक बच्चे बुखार, सर्दी और खांसी से पीड़ित भर्ती हैं.

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एसपी झा ने बताया कि अगर बच्चे को सामान्य बुखार के अलावा डायरिया या डिसेंट्री होता है या फिर बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, तो तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल में ले जाएं, क्योंकि ऐसे केस में एडमिट करने की आवश्यकता पड़ती है. उन्होंने बताया कि बच्चों में बुखार काफी तेजी से फैल रहा है. इस मौसम में पहले भी बच्चों में बुखार आता था लेकिन इसबार इसकी संख्या अधिक है.

शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि बुखार आने पर कोशिश करें कि बच्चे को एंटीबायोटिक नहीं दें. उन्होंने बताया कि हमारे पास ऐसे मरीज आ रहे हैं. जिनके जांच में यह पाया गया कि बुखार आने पर उनके हृदय पर भी असर पड़ा है. ऐसे मामलों में नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है.

बता दें कि बिहार में वायरल फ्लू (Viral flu) के मामले बढ़ने लगे हैं और बच्चे इससे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. वायरल फ्लू में बच्चों की स्थिति गंभीर हो रही है. इस मौसम में ह्यूमिडिटी बहुत अधिक रहती है. इस बार वायरल फ्लू की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है और बच्चे इसमें काफी संक्रमित हो रहे हैं और उनकी स्थिति गंभीर भी हो रही है.

बच्चों के अलावा वयस्क भी संक्रमित हो रहे हैं. मगर बच्चों में सीवियर मामले बढ़ रहे हैं. वातावरण में ह्यूमिडिटी होने और तापमान अधिक होने की वजह से इनफ्लुएंजा एबीसीडी जितने भी वायरस है, वो ज्यादा एक्टिव रहते हैं.ऐसे में वायरल फ्लू से बचाव का भी वही इलाज है जो कोरोना का है. कोविड-19 प्रोटोकॉल जैसे कि हैंड हाइजीन, चेहरे पर मास्क और संक्रमित व्यक्ति का अन्य लोगों से दूरी काफी कारगर है.

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