सहरसा: बिहार के सहरसा में बीते देर रात 65 वर्षीय बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत (Elderly Died During Treatment) हो गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर लापरवाही से मौत हुई है. घटना के आक्रोषित परिजन और स्वास्थ्य कर्मी में जमकर मारपीट हुई, जिसमें एक स्वास्थ्य कर्मी जख्मी हो गया है. मारपीट के बाद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी सदर अस्पताल से फरार हो गए. वहीं इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस सदर अस्पताल पहुंची और मामला को शांत कराया गया.
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डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी से मारपीट: बता दें कि सदर थाना क्षेत्र के गोबरगढा गांव के रहने वाले 65 वर्षीय मरीज शिवनंदन गोस्वामी को दम फूलने की सिकायत होने के बाद उनके बेटे मुकेश गोस्वामी ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान ही उनकी आधे घंटे में मौत हो गई. इसी पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उनकी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मी से नोक-झोंक शुरू हो गई. बात आगे बड़ने के साथ ही मारपीट तक पहुंच गई. घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन के द्वारा पुलिस को सूचना दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस ने सदर अस्पताल पहुंचकर घंटों मशक्त के बाद मामले को शांत कराया. उसके बाद परिजन को समझा बुझाकर शव को एम्बुलेंस में रखवाकर सौंप दिया गया.
मरीज को दम फूलने की हुई ती शिकायत: मृतक के पुत्र मुकेश गोस्वामी की माने तो देर शाम तकरीबन 8 बजे उनके पिता खाना खाकर सोने गए थे. थोड़ी देर के बाद उनका दम फूलने लगा. उसके बाद सभी बुजुर्ग को सदर अस्पताल ले गए. अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं था उसके बाद डॉक्टर को बोला गया कि ऑक्सीजन नहीं है तो डॉक्टर ने बोला कि आप गार्ड को बोलिए. उसके बाद बगल के बेड पर एक बूढ़े पेसेंट को ऑक्सीजन लगा हुआ था और वह पेसेंट ठीक था. उसी पेसेंट का ऑक्सीजन खोलकर लगाया गया. उसके बाद भी मरीज की हालात में सुधार नहीं हुआ, जब डॉक्टर को ये बोला गया तो वो बोले कि दो तीन घण्टे में आराम हो जाएगा. हालांकि डॉक्टर पेसेंट को देखने नहीं गया. मृतक के पुत्र का कहना है कि अगर डॉक्टर मेरे पिता का सही से इलाज करते और बीपी को चेक करते तो मेरे पिता बच सकते थे. मेरे पिता की मौत डॉ की लापरवाही से हुई है.
"देर शाम तकरीबन 8 बजे मेरे पिता खाना खाकर सोने गए थे. थोड़ी देर के बाद उनका दम फूलने लगा. उसके बाद उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं था जिसके लिए डॉक्टर को बोला गया तो डॉक्टर ने बोला कि आप गार्ड को बोलिए. उसके बाद बगल के बेड पर एक बूढ़े पेसेंट को ऑक्सीजन लगा हुआ था और वह पेसेंट ठीक था. उसी का ऑक्सीजन मेरे पिता को लगाया गया. इसके बाद भी हालात में सुधार नहीं हुआ, जब डॉक्टर को ये बोला गया तो वो बोले कि दो तीन घण्टे में आराम हो जाएगा. हालांकि डॉक्टर पेसेंट को देखने नहीं गए. अगर डॉक्टर मेरे पिता का सही से इलाज करते और बीपी को चेक करते तो मेरे पिता बच सकते थे. मेरे पिता की मौत डॉ की लापरवाही से हुई है."-मुकेश गोस्वामी,मृतक का पुत्र
कैसे हुई मरीज की मौत: डॉक्टर से मारपीट और तोड़ फोड़ को लेकर जब मृतक के पुत्र से सवाल किया गया तो उसने बताया कि हमलोग तोड़ फोड़ या डॉक्टर से मारपीट नहीं किए हैं बल्कि डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों ने मिलकर मेरा कॉलर पकड़कर मारपीट किया है. साथ ही साथ जेल भी भेजने की धमकी दी है. वहीं ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर जेडी शर्मा ने बताया कि पेसेंट सीरियस हालात में भर्ती हुआ था. जिसका ट्रीटमेंट हमलोग कर ही रहे थे, ऑक्सीजन भी लगा हुआ था. उसके बाद परिजन अपने पेसेंट को कहीं बाहर प्राइवेट में ले जाना चाह रहा था. जिसके बाद पेसेंट का ऑक्सीजन खोलकर इमरजेंसी रूम से बाहर ले गया. जहां पेसेंट की मौत हो गई. मौत के बाद परिजन हंगामा करने लगे, हंगामा होते देख हमलोग जान बचाकर भाग गए.
"मरीज का ट्रीटमेंट हमलोग कर ही रहे थे, ऑक्सीजन भी लगा हुआ था. उसके बाद परिजन अपने पेसेंट को कहीं बाहर प्राइवेट में ले जाना चाह रहा था और पेसेंट का ऑक्सीजन खोलकर इमरजेंसी रूम से बाहर ले गया, जहां पेसेंट की मौत हो गई. मौत के बाद परिजन हंगामा करने लगे, जिसे देख हमलोग जान बचाकर भाग गए."-जेडी शर्मा, डॉक्टर