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सहरसा में रेलवे कर्मचारी की मौत, शंटिंग के दौरान सिग्नल नहीं मिलने पर ट्रेन ने कुचला - Railway Point Man Rajnish Kumar Jha Died

सहरसा में रेलवे प्रशासन की लापरवाही से एक कर्मचारी की मौत (Railway Worker Died in Saharsa) हो गयी. वह शंटिंग (दो रेलवे कोच को आपस में जोड़ना) के लिए गया था, लेकिन ट्रेन ड्राइवर को सिग्नल नहीं मिला और इस धोखे में ट्रेने ने उसे कुचल दिया. आरोप है कि सहरसा रेलवे स्टेशन पर मैन पावर की कमी है, इसकी वजह से दो लोगों का काम भी एक से कराया जा रहा है.

सहरसा रेलवे स्टेशन पर रेलकर्मी की हादसे में मौत
सहरसा रेलवे स्टेशन पर रेलकर्मी की हादसे में मौत
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Published : Oct 9, 2022, 8:22 PM IST

Updated : Oct 9, 2022, 8:48 PM IST

सहरसा: बिहार में सहरसा रेलवे स्टेशन (Saharsa Railway station) पर मैन पावर की भारी कमी है. स्थिति यह है कि रेलवे अधिकारियों के दवाब में शंटिंग जैसा कार्य भी दो से तीन कर्मचारियों का करना पड़ता है. इसी का नतीजा है कि रविवार शाम चार बजे रेलवे जंक्शन के लोको शेड में हुए हादसे में एक रेलवे कर्मचारी की मौत हो गयी. मृतक पॉइंट मैन के पद पर कार्यरत था. ऐसे में वह शंटिंग के लिए लोको शेड दो अन्य पॉइंट मैन के साथ गया हुआ था. कार्य के दौरान ट्रेन बैक कर रहा था, लेकिन ड्राइवर को रूकने का सिग्नल नहीं मिला और दो पॉइंट मैन चपेट में आ गए. जिसमें एक की मौके पर ही मौत हो गयी.

यह भी पढ़ें: मसौढ़ी में ट्रेन से कटकर दो की मौत, महिला की शव की शिनाख्त में जुटी पुलिस

शंटिंग के लिए पांच पॉइंट मैन की जरूरत : इंजन के शंटिंग के दौरान कम से कम 4-5 पॉइंट मैन की आवश्यकता पड़ती है. एक पॉइंट मैन इंजन पर खड़े होकर चालक और पॉइंट मैन को इशारा करता है. वही दूसरा पॉइंटमैन गाड़ी की गति और दिशा पर नजर रखता है. जबकि दो पॉइंट मैन इंजन के पीछे शंटिंग वाले जगह पर पहुंचकर कार्य करते है. जिनमें से तीसरा पॉइंट मैन दो कोच के बीच शंटिंग के लोहे की रॉड को उठाने का काम करता है. वही चौथा पॉइंट मैन खड़े होकर चालक को गाड़ी को धीरे-धीरे पीछे लाने के लिए हाथ से इशारा करता है. जिससे सही और सुरक्षित तरीके से इंजन की संटिंग संभव हो जाती है.

ऐसे हुआ रेलवेकर्मी हादसे का शिकार: लेकिन रविवार की शाम स्थानीय आउटडोर स्टेशन अधीक्षक सुनील कुमार चौहान के दबाव पर मात्र 3 पॉइंट मैन को ही इंजन की संटिंग करने के लिए लोको शेड गए. जिनमें पॉइंट मैन घनश्याम मंडल इंजन पर खड़े थे. वहीं दूसरा पॉइंट मैन टिंकू कुमार ट्रेन को पीछे जाने का इशारा कर रहे थे. जबकि तीसरे पॉइंट मैन रजनीश कुमार झा इंजन के पीछे और दोनों कोच के बीच में थे. वे कोच के बीच के लोहे की रॉड को उठा कर दूसरे इंजन से जोड़ने के लिए तैनात थे. इस दौरान इंजन सही तरीके से पीछे आ रही है या नहीं, इसे देखने के लिए कोई पॉइंट मैन मौजूद नहीं था.

जिस वजह से रजनीश खुद चालक को पीछे आने का इशारा देकर शंटिंग करने के लिए दोनों कोच के बीच पहुंच गए. लेकिन इस दौरान इंजन सही तरीके से बैक नहीं हुई. जिसके कारण उसे इंजन से जोड़दार धक्का लगा और वे दोनों कोच के बीच फंस गए. चूंकि चालक को इशारा देने वाला कोई चौथा पॉइंट मैन मौके पर मौजूद नहीं था. जिसके कारण चालक इंजन को थोड़ी और पीछे कर दिया. जिससे वह दोनों कोच के बीच में दब गए. हादसे में पॉइंट मैन रजनीश कुमार झा की मौके पर मौत हो गयी.

तीन साल पहले रेलवे में मिली थी नौकरी: मुजफ्फरपुर जिले के औराही थाना क्षेत्र अंतर्गत शाहीन मीनापुर पंचायत के बरैठा गांव के खेतलपुर टोला निवासी गंगाधर झा सबसे बड़ा पुत्र रजनीश कुमार झा (Railway Point Man Rajnish Kumar Jha Died) था. जिनकी नियुक्ति अगस्त 2019 में सहरसा रेलवे जंक्शन पर पॉइंटमैन के पद पर हुई थी। उनसे दो छोटे भाई अभी पढ़ाई भी कर रहे हैं. रजनीश के पिता ग्रामीण किसान हैं. ऐसे में वे परिवार का एकमात्र सहारा थे. हादसे के बाद से रेलवे कर्मचारी आक्रोशित हैं.

रेलवे प्रशासन ने दिए जांच के आदेश: घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इधर, घटना के बाद से रेलवे कर्मचारी काफी आक्रोशित है. रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि शंटिंग का कार्य में कम से कम पांच लोगों की जरूरत है, फिर भी तीन कर्मचारियों से दवाब देकर काम कराया जा रहा है. मामले में सीधे तौर रेल प्रशासन की लापरवाही है.


"मैं पावर (इंजन) पर था. दो कोच को पूर्व से खड़े इंजन में जोड़ना था. दूसरा पॉइंट मैन टिंकू कुमार को रजनीश ने पावर को काटने को कहा और वे खुद पीछे जाकर कोच को जोड़ने लग गए. इसी दौरान ट्रेन पकड़ में नहीं आया. उसका पॉइंट नहीं जुटा. पॉइंट जुटने के बदले उन्हें ही ठोकर लग गई. जिससे वे गिर गए. चूंकि वहां पर कोई और मौजूद नहीं था, इसीलिए कोई इंजन को रोकने का इशारा नहीं किया. जिससे इंजन और बैक हो गयी और उनकी मौत हो गई" -घनश्याम मंडल, प्रत्यक्षदर्शी पॉइंटमैन

"जब इंजन शंटिंग कराया जाता है, तो सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा जाता है. फिर भी घटना की पूरी जानकारी ली जाएगी. अगर कोई कमी रही तो उसे दूर कराया जाएगा. मृतक के परिजनों को रेलवे की ओर से जो भी सहूलियत होगी, उसे दिया जाएगा" -आलोक अग्रवाल, डीआरएम, समस्तीपुर

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सहरसा: बिहार में सहरसा रेलवे स्टेशन (Saharsa Railway station) पर मैन पावर की भारी कमी है. स्थिति यह है कि रेलवे अधिकारियों के दवाब में शंटिंग जैसा कार्य भी दो से तीन कर्मचारियों का करना पड़ता है. इसी का नतीजा है कि रविवार शाम चार बजे रेलवे जंक्शन के लोको शेड में हुए हादसे में एक रेलवे कर्मचारी की मौत हो गयी. मृतक पॉइंट मैन के पद पर कार्यरत था. ऐसे में वह शंटिंग के लिए लोको शेड दो अन्य पॉइंट मैन के साथ गया हुआ था. कार्य के दौरान ट्रेन बैक कर रहा था, लेकिन ड्राइवर को रूकने का सिग्नल नहीं मिला और दो पॉइंट मैन चपेट में आ गए. जिसमें एक की मौके पर ही मौत हो गयी.

यह भी पढ़ें: मसौढ़ी में ट्रेन से कटकर दो की मौत, महिला की शव की शिनाख्त में जुटी पुलिस

शंटिंग के लिए पांच पॉइंट मैन की जरूरत : इंजन के शंटिंग के दौरान कम से कम 4-5 पॉइंट मैन की आवश्यकता पड़ती है. एक पॉइंट मैन इंजन पर खड़े होकर चालक और पॉइंट मैन को इशारा करता है. वही दूसरा पॉइंटमैन गाड़ी की गति और दिशा पर नजर रखता है. जबकि दो पॉइंट मैन इंजन के पीछे शंटिंग वाले जगह पर पहुंचकर कार्य करते है. जिनमें से तीसरा पॉइंट मैन दो कोच के बीच शंटिंग के लोहे की रॉड को उठाने का काम करता है. वही चौथा पॉइंट मैन खड़े होकर चालक को गाड़ी को धीरे-धीरे पीछे लाने के लिए हाथ से इशारा करता है. जिससे सही और सुरक्षित तरीके से इंजन की संटिंग संभव हो जाती है.

ऐसे हुआ रेलवेकर्मी हादसे का शिकार: लेकिन रविवार की शाम स्थानीय आउटडोर स्टेशन अधीक्षक सुनील कुमार चौहान के दबाव पर मात्र 3 पॉइंट मैन को ही इंजन की संटिंग करने के लिए लोको शेड गए. जिनमें पॉइंट मैन घनश्याम मंडल इंजन पर खड़े थे. वहीं दूसरा पॉइंट मैन टिंकू कुमार ट्रेन को पीछे जाने का इशारा कर रहे थे. जबकि तीसरे पॉइंट मैन रजनीश कुमार झा इंजन के पीछे और दोनों कोच के बीच में थे. वे कोच के बीच के लोहे की रॉड को उठा कर दूसरे इंजन से जोड़ने के लिए तैनात थे. इस दौरान इंजन सही तरीके से पीछे आ रही है या नहीं, इसे देखने के लिए कोई पॉइंट मैन मौजूद नहीं था.

जिस वजह से रजनीश खुद चालक को पीछे आने का इशारा देकर शंटिंग करने के लिए दोनों कोच के बीच पहुंच गए. लेकिन इस दौरान इंजन सही तरीके से बैक नहीं हुई. जिसके कारण उसे इंजन से जोड़दार धक्का लगा और वे दोनों कोच के बीच फंस गए. चूंकि चालक को इशारा देने वाला कोई चौथा पॉइंट मैन मौके पर मौजूद नहीं था. जिसके कारण चालक इंजन को थोड़ी और पीछे कर दिया. जिससे वह दोनों कोच के बीच में दब गए. हादसे में पॉइंट मैन रजनीश कुमार झा की मौके पर मौत हो गयी.

तीन साल पहले रेलवे में मिली थी नौकरी: मुजफ्फरपुर जिले के औराही थाना क्षेत्र अंतर्गत शाहीन मीनापुर पंचायत के बरैठा गांव के खेतलपुर टोला निवासी गंगाधर झा सबसे बड़ा पुत्र रजनीश कुमार झा (Railway Point Man Rajnish Kumar Jha Died) था. जिनकी नियुक्ति अगस्त 2019 में सहरसा रेलवे जंक्शन पर पॉइंटमैन के पद पर हुई थी। उनसे दो छोटे भाई अभी पढ़ाई भी कर रहे हैं. रजनीश के पिता ग्रामीण किसान हैं. ऐसे में वे परिवार का एकमात्र सहारा थे. हादसे के बाद से रेलवे कर्मचारी आक्रोशित हैं.

रेलवे प्रशासन ने दिए जांच के आदेश: घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इधर, घटना के बाद से रेलवे कर्मचारी काफी आक्रोशित है. रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि शंटिंग का कार्य में कम से कम पांच लोगों की जरूरत है, फिर भी तीन कर्मचारियों से दवाब देकर काम कराया जा रहा है. मामले में सीधे तौर रेल प्रशासन की लापरवाही है.


"मैं पावर (इंजन) पर था. दो कोच को पूर्व से खड़े इंजन में जोड़ना था. दूसरा पॉइंट मैन टिंकू कुमार को रजनीश ने पावर को काटने को कहा और वे खुद पीछे जाकर कोच को जोड़ने लग गए. इसी दौरान ट्रेन पकड़ में नहीं आया. उसका पॉइंट नहीं जुटा. पॉइंट जुटने के बदले उन्हें ही ठोकर लग गई. जिससे वे गिर गए. चूंकि वहां पर कोई और मौजूद नहीं था, इसीलिए कोई इंजन को रोकने का इशारा नहीं किया. जिससे इंजन और बैक हो गयी और उनकी मौत हो गई" -घनश्याम मंडल, प्रत्यक्षदर्शी पॉइंटमैन

"जब इंजन शंटिंग कराया जाता है, तो सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा जाता है. फिर भी घटना की पूरी जानकारी ली जाएगी. अगर कोई कमी रही तो उसे दूर कराया जाएगा. मृतक के परिजनों को रेलवे की ओर से जो भी सहूलियत होगी, उसे दिया जाएगा" -आलोक अग्रवाल, डीआरएम, समस्तीपुर

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Last Updated : Oct 9, 2022, 8:48 PM IST
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