सहरसा: भारत के परोसी देश नेपाल से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कोसी नदी में बाढ़ आ गई है. सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखण्ड स्थित छह पंचायत पूर्ण एवं एक पंचायत के रामजी टोला बाढ़ से प्रभावित हो गया है. घरों में पानी घुसने से लोगों को भारी नुकसान हुआ है. घर में रखे अनाज सहित अन्य सामान पानी में बर्बाद हो गया है. वहीं सड़कों के टूटने से लोगों का आवागमन भी अवरूद्ध हो गया है. कई सड़कें नदी के रूप में तब्दील हो गया है.
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बाढ़ की चपेट में कई गांव: बाढ़ के चलते खेतों में लगी धान की फसल पानी में डूब गया है. जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों के सामने पशुओं के लिए चारा जुटाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासनिक मदद नहीं मिलने पर रोष जताया है. स्थानीय निवासी सह समाजसेवी प्रशांत यादव ने प्रशासनिक व्यवस्था का पोल खोलते हुए कहा कि कोसी तटबंध के अंदर लोग त्राहिमाम कर रहे हैं.
बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान: अचानक आई बाढ़ से न सिर्फ हजारों घरों को नुकसान पहुंचा है, बल्कि घरों में रखे अनाज भी बर्बाद हो गए हैं. जिससे बाढ़ पीड़ित परिवार को भोजन पर भी आफत आ गयी है. पशुचारा के अभाव में जहां पशुओं का हाल बेहाल है. वहीं धान की फसल डूबने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. आफत की इस घड़ी में प्रशासनिक मदद नगण्य रहा है.
"बहुत ही खराब स्थिति है. लगभग लाखों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं. जानवर के लिए चारा की व्यवस्था नहीं है. चूल्हा में पानी घुस गया है. खाना और पीने के पानी का संकट है. भीषण स्थिति है."- प्रशांत यादव, समाजसेवी
भगवान भरोसे कट रही जिंदगी: समाजसेवी ने प्रशासन से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में शीघ्र मदद पहुंचाने की अपील करते हुए प्रभावित परिवारों को बाहर निकलने के लिए बड़ी नाव और अन्दर में दैनिक कार्य निर्वहन के लिए छोटी नाव मुहैया करवाने की मांग की है. फिलहाल नवहट्टा प्रखण्ड के सात पंचायत सहित अन्य प्रखंडों के लाखों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है, जिसे मदद की सख्त दरकार है. बाढ़ पीड़ित भगवान भरोसे जीवनयापन करने को मजबूर हैं.