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102 एंबुलेंस बुक होने के बाद भी मरीज को पटना नहीं ले गया चालक, कहा- 'यहां मेरी मर्जी चलती है...' - Etv Bharat Bihar

Saharsa News बिहार के सहरसा में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है, शिकायत के बाद कोई कार्रवाई नहीं होती है. 102 पर एम्बुलेंस बुक होने के बाद भी चालक ने मरीज को पटना ले जाने से मना कर दिया. कहा कि यहां मेरी मर्जी चलती है...पढ़ें पूरी खबर

सहरसा सदर अस्पताल में लगी एंबुलेंस.
सहरसा सदर अस्पताल में लगी एंबुलेंस.
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Published : Dec 25, 2022, 7:52 PM IST

सहरसाः बिहार के सहरसा सदर अस्पताल में एंबुलेंस चालक की लापरवाही (Negligence of ambulance driver) से हर कोई परेशान है. जिसकी शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है. एक बार फिर ऐसी लापरवाही सामने आई है. सदर अस्पताल से एक मरीज को पटना रेफर किया गया. जिसके बाद परिजनों ने 102 एंबुलेंस बुक की, जिसके बाद भी चालक ने पटना जाने से मना कर दिया. जिसके बाद मरीज को मजबूरी में निजी एंबुलेंस से मरीज को पटना ले जाया गया.

यह भी पढ़ेंः वैशाली में पीट-पीटकर बुजुर्ग की हत्या, रंगदारी नहीं देने पर दिया घटना को अंजाम

सदर अस्पताल में कराया था भर्तीः जिले के बनगांव थाना क्षेत्र के बलहाडीह गांव वार्ड-4 निवासी शिव शंकर शाह ने बताया इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की गई है. उनकी बृद्ध माता मुनिया देवी शनिवार की देर शाम अचानक बीमार हो गई. जिन्हें किसी तरह सदर अस्पताल लाया गया. जहां नियुक्त चिकित्सक ने पैरालिसिस अटैक होने की संभावना जताते हुए प्राथमिक इलाज किया. जिसके बाद पटना रेफर कर दिया गया. जिसके बाद 102 एंबुलेंस बुक की गई लेकिन चालक ने जाने से मना कर दिया.

कोड देखने के बाद भी नहीं गयाः शिव शंकर शाह ने बताया कि वे सदर अस्पताल में खड़ी एम्बुलेंस के पास पहुंचे. जहां उनका पुत्र एम्बुलेंस चालक से पटना जाने की विनती कर रहा था. लेकिन एम्बुलेंस चालक पटना जाने से साफ इंकार कर दिया. एम्बुलेंस चालक ने बताया कि किसी को भी फोन करो, यहां मेरी मर्जी चलती है. मैं नहीं जाऊंगा. 102 पर कॉल करने के बाद मेबाइल पर कोड आया. वह एम्बुलेंस चालक को दिखाया गया लेकिन कोड देखने के बाबजूद पटना जाने से मना कर दिया.

8 हजार रुपए में गया निजी एंबुलेंसः दूसरी ओर वृद्ध की हालात खराब हो रही थी. जिसको देखते हुए उन्होंने निजी एम्बुलेंस को भाड़े पर लिया. जिसने पटना जाने का किराया 8 हजार रुपए लिए. फिर उन्हें पटना छोड़ ले जाया गया. जिसके बाद पीड़ित ने उक्त एम्बुलेंस चालक के ऊपर कार्रवाई करने की गुहार जिले के वरीय स्वास्थ्य अधिकारियों से लगाया. उन्होंने सिविल सर्जन से इसकी शिकायत करने की बात कही.

"मेरे पास कोई शिकायत नहीं पहुंची है. अगर किसी एम्बुलेंस चालक ने 102 के कोड आने के बाद भी मरीज को पटना ले जाने से इंकार किया है तो इसकी जांच की जाएगी. एम्बुलेंस चालक पर कार्रवाई की जाएगी." - डॉ केके मधुप, सिविल सर्जन, सहरसा

सहरसाः बिहार के सहरसा सदर अस्पताल में एंबुलेंस चालक की लापरवाही (Negligence of ambulance driver) से हर कोई परेशान है. जिसकी शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है. एक बार फिर ऐसी लापरवाही सामने आई है. सदर अस्पताल से एक मरीज को पटना रेफर किया गया. जिसके बाद परिजनों ने 102 एंबुलेंस बुक की, जिसके बाद भी चालक ने पटना जाने से मना कर दिया. जिसके बाद मरीज को मजबूरी में निजी एंबुलेंस से मरीज को पटना ले जाया गया.

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सदर अस्पताल में कराया था भर्तीः जिले के बनगांव थाना क्षेत्र के बलहाडीह गांव वार्ड-4 निवासी शिव शंकर शाह ने बताया इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की गई है. उनकी बृद्ध माता मुनिया देवी शनिवार की देर शाम अचानक बीमार हो गई. जिन्हें किसी तरह सदर अस्पताल लाया गया. जहां नियुक्त चिकित्सक ने पैरालिसिस अटैक होने की संभावना जताते हुए प्राथमिक इलाज किया. जिसके बाद पटना रेफर कर दिया गया. जिसके बाद 102 एंबुलेंस बुक की गई लेकिन चालक ने जाने से मना कर दिया.

कोड देखने के बाद भी नहीं गयाः शिव शंकर शाह ने बताया कि वे सदर अस्पताल में खड़ी एम्बुलेंस के पास पहुंचे. जहां उनका पुत्र एम्बुलेंस चालक से पटना जाने की विनती कर रहा था. लेकिन एम्बुलेंस चालक पटना जाने से साफ इंकार कर दिया. एम्बुलेंस चालक ने बताया कि किसी को भी फोन करो, यहां मेरी मर्जी चलती है. मैं नहीं जाऊंगा. 102 पर कॉल करने के बाद मेबाइल पर कोड आया. वह एम्बुलेंस चालक को दिखाया गया लेकिन कोड देखने के बाबजूद पटना जाने से मना कर दिया.

8 हजार रुपए में गया निजी एंबुलेंसः दूसरी ओर वृद्ध की हालात खराब हो रही थी. जिसको देखते हुए उन्होंने निजी एम्बुलेंस को भाड़े पर लिया. जिसने पटना जाने का किराया 8 हजार रुपए लिए. फिर उन्हें पटना छोड़ ले जाया गया. जिसके बाद पीड़ित ने उक्त एम्बुलेंस चालक के ऊपर कार्रवाई करने की गुहार जिले के वरीय स्वास्थ्य अधिकारियों से लगाया. उन्होंने सिविल सर्जन से इसकी शिकायत करने की बात कही.

"मेरे पास कोई शिकायत नहीं पहुंची है. अगर किसी एम्बुलेंस चालक ने 102 के कोड आने के बाद भी मरीज को पटना ले जाने से इंकार किया है तो इसकी जांच की जाएगी. एम्बुलेंस चालक पर कार्रवाई की जाएगी." - डॉ केके मधुप, सिविल सर्जन, सहरसा

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