पटना: महावीर सुपर स्पेशलिटी महावीर वात्सल्य अस्पताल (Mahavir Super Specialty Mahavir Vatsalya Hospital) को नियोनेटोलॉजी में फेलोशिप की मान्यता मिल गई है. महावीर वात्सल्य अस्पताल में 110 बच्चों की भर्ती की सुविधा है. नवजात शिशुओं समेत बच्चों के इलाज के लिए हाई एंड वेंटीलेटर, इनक्यूबेटर, ओमनी बेड जैसे आधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध है. मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल बना है. महावीर वात्सल्य अस्पताल से अब सालाना 2 डॉक्टर और 4 नर्स नवजात शिशु रोग में फेलोशिप कर सकेंगे. महावीर वात्सल्य अस्पताल एनएनएफ यानी नेशनल नियोनाटोलॉजी फोरम की ओर से अगले 2 वर्षों के लिए अभी मान्यता प्रदान की गई है.
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महावीर वात्सल्य अस्पताल का किया था दौरा: एनएनएफ द्वारा प्रमाण पत्र शुक्रवार को महावीर वात्सल्य अस्पताल को दिया गया. इस मौके पर महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने महावीर वात्सल्य अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों की टीम और अस्पताल प्रबंधन को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. नेशनल नियोनाटोलॉजी फोरम के 2 सदस्यीय दल ने पिछले महीने महावीर वात्सल्य अस्पताल का दौरा कर अस्पताल में नवजात शिशु के इलाज के लिए उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया था.
डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की दक्षता किया था अंकेक्षण: फोरम के अध्यक्ष डॉ ललन कुमार भारती और मेडिकोलीगल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ वीके गोयल की टीम ने अस्पताल में नवजात शिशु रोग विभाग के विभिन्न आईसीयू, नीकू, प्री टर्म नीकू, पीकू वार्ड आदि में लगे उपकरण डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की दक्षता और उनकी शैक्षणिक और पेशेवर योग्यता आदि के बारे में बारीकी से अंकेक्षण किया था. अस्पताल में बच्चों के लिए विशेषज्ञ सर्जन और बच्चों के विशेषज्ञ हृदय रोग भी उपलब्ध हैं. नवजात बच्चों को अंधापन और बहरापन से बचाने के लिए रेटीना और एंटी विशेषज्ञों से नवजात शिशुओं की स्क्रीनिंग कराई जाती है.