सहरस: बिहार के सहरसा जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां कोशी तटबंध स्थित बाजार पर प्रशासन का बुलडोजर चला है. प्रशासन के इस एक्शन के बाद से व्यव्साइयों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि व्यवसाय प्रभावित हुआ है. आमदनी बंद होने से भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. मामला महिषी प्रखंड के राजनपुर बाजार का है. बता दें कि जिला प्रशासन के निर्देश पर अंचल प्रशासन ने यह कार्रवाई की है.
प्रशासन कर रही सौतेला व्यवहार: वहीं, पीड़ित व्यवसायी धीरज कुमार का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रशासन रोजी रोटी के साथ खिलवाड़ कर रही है. हम लोगों को चिंता है कि अपने बच्चों के भविष्य को लेकर कहां से क्या करें. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि वीरपुर से लेकर कोपरिया तक अनेकों जगह पर लोग सरकारी जमीन पर ही दुकान लगाकर कमा खा रहा है. फिर हम लोगों के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों?
"जब भी सरकार को जरूरत होती है हम लोग स्वेच्छा से इस जगह को खाली कर देते हैं. फिर बुलडोजर लेकर आने का क्या मतलब बनता है. हम इस समस्या को लेकर काफी परेशान हैं. हमारी मांग है कि सरकार हम लोगों को पुनर्वासित करें. यहां अस्थाई दुकान बनाने दें. हम लोग सरकार को टैक्स भी देते है. तो फिर हम लोगों के साथ ही सौतेला व्यवहार क्यों किया जाता है." - धीरज कुमार, पीड़ित व्यवसायी
फुटपाथ पर दुकान लगाकर चलाते परिवार: वहीं, पीड़ित दुकानदार मनोज भगत का कहना है कि अतिक्रमण के नाम पर जो तोडफ़ोड़ हुआ है. उसका व्यापक प्रभाव हम लोगों पर पड़ा है. हमलोग गरीब गुरबा आदमी है जो फुटपाथ पर दुकान लगाकर गुजर बसर कर रहे थे. लेकिन हम लोगों का बाजार उजाड़ दिया गया है, जिससे हमलोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. हमलोगों की आमदनी बंद हो गई है. ऐसे में हमारे बच्चों की पढ़ाई लिखाई कौन करवाएगा.
400 से अधिक गरीब पर पड़ा प्रभाव: इधर, राजनपुर बाजार समिति के अध्यक्ष मो. रिजवान ने कहा कि जल संसाधन विभाग के महिषी अंचल के अधिकारियों द्वारा राजनपुर बांध को अतिक्रमण मुक्त किया गया है. जिसका हम लोग सहयोग भी कर रहे है. लेकिन सरकार से हमारी विनम्र मांग है कि 400 से अधिक गरीब जो पिछले 60 वर्षों से यहां गुदरी बाजार लगा रहे है, उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए. ताकि इनकी रोजी रोटी सुचारू रूप से चल सके.
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