सहरसा: इन दिनों नेपाल में जोरदार बारिश हो रही है. इस वजह से बिहार में बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. बीते दो दिन पूर्व ही वीरपुर बराज से 3 लाख 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिस वजह से कोसी के पानी ने जिले के चार प्रखंड में दस्तक दे दिया है.
अचानक आयी बाढ़ से न सिर्फ लोगों के घरों में पानी घुसा, बल्कि घर में रखे अनाज पानी भी बह गए. हालांकि, जिला प्रशासन ने कोसी के तटीय इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.
'सब कुछ हुआ तबाह, किसी तरह से जान बचाकर भागे'
केदली गांव की बाढ़ पीड़िता लीला देवी व सरस्वती देवी की माने तो अचानक आयी बाढ़ से उसका सब कुछ तबाह हो गया. बाढ़ में न केवल घर बल्कि घर मे रखे अनाज भी बह गया. वहीं कुशेश्वर यादव और महेश्वर का माने तो इनके इलाके में आचानक आए बाढ़ ने सबकुछ बर्बाद कर दिया. वे किसी तरह से जान बचाकर ऊंचे जगह पर भागने में सफल उन्होंने सरकारी व्यवस्था के तहत दिये जाने वाले नाव के दावे को भी खारिज करते हुए कहा कि कहीं भी नाव की व्यवस्था नहीं कि गई है. यह सब केवल कोरे दावे हैं.
'114 नाव प्रभावित इलाकों में एक्टिव'
वहीं, डीएम कौशल कुमार ने नवहट्टा और महिषी प्रखंड के संवेदनशील जगह का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि जहां भी बाढ़ आने की आशंका है वहां लोगों को किसी ऊंचे जगह पर चले जाने की हिदायत दे दी गयी है. लोगों के डिमांड पर 114 नाव सरकारी और गैर सरकारी नाव चलवाया जा रहा है. बांध के अंदर के इलाके को लोगों को बाहर सुरक्षित स्थान की ओर निकाला जा रहा है.
डीएम ने आगे बताया कि जिले में सरकारी तंत्र लोगों की मदद करने के लिए पूरी तरह से एक्टिव है. एसडीआरएफ के कई टीमों को लोगों की सहायता के लिए लगाया गया है. इसके अलावे डीएम ने कुंदव गांव के पास भी कटाव की स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने वहां अभियंता को कई अहम निर्देश भी दिये.
कोसी के जलस्तर में हो रही कमी
गौरतलब है कि फिलहाल कोसी नदी के जलस्तर में कमी होनी शुरू हो गई है. लेकिन अभी भी जिले में कई ऐसे इलाके हैं जहां बाढ़ के पानी ने लोगों पर कहर बरपा रखा है. ऐसे में जरूरत है इन पीड़ितों के जिला प्रशासन हर मुक्कमल व्यवस्था करे. जिससे आपदा की इस घड़ी में बाढ़ पीड़ित खुद को अकेला नहीं समझे.