सरहसा: पूरे शहर में गणेश चतुर्थी का त्योहार श्रद्धा भाव के साथ जोरों से मनाया जा रहा है. भादो माह शुक्ल पक्ष के चतुर्थी दिन से गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है. इसी कड़ी में सरहसा में गणेश सेवा मंडल की ओर से भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. जिसमें शहर के सैकड़ों की संख्या में बूढ़े,बच्चे,युवा,और महिलाओं ने भाग लिया.
सरहसाः धूमधाम से निकाली गई भगवान गणेश की शोभा यात्रा, लगे गणपति बप्पा मोरया के जयकारे - शंकर चौक रामजानकी मंदिर
सरहसा में गणेश चतुर्थी के मौके पर भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. जिसमें शहर के सैंकड़ों की संख्या में बूढ़े, बच्चे,युवा,और महिलाओं ने हिस्सा लिया. यात्रा में लगे गणपति बप्पा मोरया के जयकारे, ढोल नगाड़े के धुन पर गणेश भक्त थिरकते नजर आए.
भव्य शोभा यात्रा
सरहसा: पूरे शहर में गणेश चतुर्थी का त्योहार श्रद्धा भाव के साथ जोरों से मनाया जा रहा है. भादो माह शुक्ल पक्ष के चतुर्थी दिन से गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है. इसी कड़ी में सरहसा में गणेश सेवा मंडल की ओर से भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. जिसमें शहर के सैकड़ों की संख्या में बूढ़े,बच्चे,युवा,और महिलाओं ने भाग लिया.
Intro:गणपति बप्पा मोरया के नारे के साथ जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में गणपति पूजा की विधिवत हुयी शुरूआत।भादव मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी दिन से मनाये जाने वाले गणेश चतुर्थी पर्व बड़े ही श्रद्धा भक्ति के साथ इस बार भी मनाया जा रहा है।इसी कड़ी में आज सहरसा में भी भव्य शोभा यात्रा निकाला गया।बड़ी संख्यां में मौजूद शहर के सैकड़ो की संख्या में बूढ़े,बच्चे,युवा, महिलाएं ने भाग लिया।गणपति बप्पा मोरया के जयकारे से गुंजायमान यह शोभा यात्रा शंकर चौक से शुरू होकर शहर भ्रमण करते हुये पुनः शंकर चौक पर लौटकर खत्म हो जाएगा।
Body:दरअसल सहरसा में गणेश सेवा मंडल द्वारा शहरवासियों की सुख,शांति व समृद्धि के लिये शुरू की गयी गणेशोत्सव के पहले दिन आज विशाल शोभा यात्रा निकाला गया।जिसमे बड़ी संख्यां बूढ़े,बच्चे,युवा, महिलाओं ने भाग लिया।गणपति बप्पा मोरया के जयकारे से गुंजायमान व ढोल नगाड़े के धुन पर गणेश भक्त थिरकते नजर आए।यह शोभा यात्रा शंकर चौक रामजानकी मंदिर से निकली शहर के विभिन्न मार्गों चौक चौराहों से होते हुए पुनः रामजानकी मंदिर पहुँच कर समाप्त किया गया। गणपति बप्पा मोरिया के नारों से गुजयमान हो ढोल नगाड़े के धुन पर गणेश भक्त थिरकते नजर आ रहे है।
भादव मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी दिन से मनाये जाने वाले गणेश चतुर्थी पर्व पूरे एक सप्ताह तक गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।इस बीच पूरा शहर विघ्नविनाशक ,विघ्नहर्ता गणेशमय रहता है ।इस बावत हमने गणेश भक्त रंजीत कुमार से जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि गणेशपूजोत्सव का उद्देश्य अपने शहर वासियों की समृद्धि,उन्नति,के अलावे सुख शांति की कामना के लिये हरेक वर्ष गणेश जन्मोत्सव मनाते रहे है।वहीं एक और श्रद्धालु साधना की माने तो यहां गत तीन वर्षों से बड़ी ही धूम धाम से मनाते है और हमलोग पूरी श्रद्धा व भक्ति के साथ आराम से विघ्न विनाशक की पूजा अर्चना करते है और पूरा आनन्द उठाते हैं।
Conclusion:सच मायने में श्रद्धा भक्ति के साथ मनाये जाने वाला गणेश पूजा वैसे तो महाराष्ट्र का मुख्य पूजा है पर अब धीरे धीरे हमलोगों के यहां भी प्रचलित हो गया है।और यही वजह है कि अब लोग अपने समाज व परिवार के साथ देश ब राज्य की समृद्धि के लिये बड़ी ही धूम धाम से मनाते हैं।
Body:दरअसल सहरसा में गणेश सेवा मंडल द्वारा शहरवासियों की सुख,शांति व समृद्धि के लिये शुरू की गयी गणेशोत्सव के पहले दिन आज विशाल शोभा यात्रा निकाला गया।जिसमे बड़ी संख्यां बूढ़े,बच्चे,युवा, महिलाओं ने भाग लिया।गणपति बप्पा मोरया के जयकारे से गुंजायमान व ढोल नगाड़े के धुन पर गणेश भक्त थिरकते नजर आए।यह शोभा यात्रा शंकर चौक रामजानकी मंदिर से निकली शहर के विभिन्न मार्गों चौक चौराहों से होते हुए पुनः रामजानकी मंदिर पहुँच कर समाप्त किया गया। गणपति बप्पा मोरिया के नारों से गुजयमान हो ढोल नगाड़े के धुन पर गणेश भक्त थिरकते नजर आ रहे है।
भादव मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी दिन से मनाये जाने वाले गणेश चतुर्थी पर्व पूरे एक सप्ताह तक गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।इस बीच पूरा शहर विघ्नविनाशक ,विघ्नहर्ता गणेशमय रहता है ।इस बावत हमने गणेश भक्त रंजीत कुमार से जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि गणेशपूजोत्सव का उद्देश्य अपने शहर वासियों की समृद्धि,उन्नति,के अलावे सुख शांति की कामना के लिये हरेक वर्ष गणेश जन्मोत्सव मनाते रहे है।वहीं एक और श्रद्धालु साधना की माने तो यहां गत तीन वर्षों से बड़ी ही धूम धाम से मनाते है और हमलोग पूरी श्रद्धा व भक्ति के साथ आराम से विघ्न विनाशक की पूजा अर्चना करते है और पूरा आनन्द उठाते हैं।
Conclusion:सच मायने में श्रद्धा भक्ति के साथ मनाये जाने वाला गणेश पूजा वैसे तो महाराष्ट्र का मुख्य पूजा है पर अब धीरे धीरे हमलोगों के यहां भी प्रचलित हो गया है।और यही वजह है कि अब लोग अपने समाज व परिवार के साथ देश ब राज्य की समृद्धि के लिये बड़ी ही धूम धाम से मनाते हैं।