ETV Bharat / state

Anand Mohan Release on parole : जेल से फिर बाहर निकले आनंद मोहन, बेटी की शादी के लिए मिली पैरोल

पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल से एक महीने के पैरोल पर रिहा हो (Former MP Anand Mohan Release On Parole) गए हैं. जिससे उनके चाहने वालों में खुशी की लहर है. उनकी बेटी की शादी हो रही है, उसी शादी में शरीक होने के लिए एक महीने के पैरोल पर वो जेल से बाहर रहेंगे. पढे़ं पूरी खबर...

Etv Bharat
Divisional Jail Saharsa
author img

By

Published : Feb 5, 2023, 5:26 PM IST

Updated : Feb 5, 2023, 6:43 PM IST

पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से पैरोल मिलने पर कार्यकर्ताओं में खुशी

सहरसा: सजायाफ्ता कैदी पूर्व सांसद आनन्द (Former MP Anand Mohan) मोहन पेरोल पर मंडल कारा सहरसा (Divisional Jail Saharsa) से बाहर आ गए हैं. जिससे उनके कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है. बताया जा रहा है कि वो अपनी बेटी की फलदान, तिलक ओर शादी में शामिल होने के लिए जेल से पौरोल पर बाहर आ रहे हैं. पूर्व सांसद आनन्द मोहन की बेटी की 15 फरवरी को शादी है. उसी शादी में शरीक होने के लिए एक महीने के पैरोल पर वो बाहर आए हैं.

ये भी पढे़ं- पूर्व सांसद आनंद मोहन का 15 दिनों का पैरोल खत्म, वापस पहुंचे सहरसा मंडल कारा

2007 से ही सहरसा मंडल कारा में बंद हैं: गौरतलब है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन वर्ष 2007 से ही सहरसा मंडल जेल में बंद थे. लगभग वो पंद्रह साल से जेल में बंद है. आनंद मोहन को पहले भी एक बार पैरोल मिली थी. आनंद मोहन ने पैरोल पर रिहाई के लिए अर्जी दी थी. बताया गया था कि वे अपनी बेटी की सगाई में शामिल होना चाहते हैं और बूढ़ी मां को देखना चाहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि मुजफ्फरपुर जिले में 5 दिसंबर 1994 को जिस भीड़ ने गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पीट-पीट कर हत्या की थी, उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहे थे.

"आप सबको सूचित कर रहा हूं कि आगामी 15 फरवरी को मेरी बेटी की शादी है. आप सभी को हम अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. मैं अपने शुभचितंकों को बहुत जल्द खुशखबरी देंगे. भगवान ने चाहा तो सब अच्छा होग'." - आनंद मोहन, पूर्व सांसद

मौत की सजा पाने वाले पहले सांसद हैं आनंद मोहन : बाताया जाता है कि इस घटना के एक दिन पहले (4 दिसंबर 1994) मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन की पार्टी (बिहार पीपुल्स पार्टी) के नेता रहे छोटन शुक्ला की हत्या हुई थी. इस भीड़ में शामिल लोग छोटन शुक्ला के शव के साथ प्रदर्शन कर रहे थे. उसी दौरान जिलाधिकारी जी. कृष्णैया पर भीड़ ने खबड़ा गांव के पास हमला कर दिया. मॉब लिंचिंग और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच डीएम को गोली मार दी गई थी. इस मामले में निचली अदालत ने 2007 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी.

पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से पैरोल मिलने पर कार्यकर्ताओं में खुशी

सहरसा: सजायाफ्ता कैदी पूर्व सांसद आनन्द (Former MP Anand Mohan) मोहन पेरोल पर मंडल कारा सहरसा (Divisional Jail Saharsa) से बाहर आ गए हैं. जिससे उनके कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है. बताया जा रहा है कि वो अपनी बेटी की फलदान, तिलक ओर शादी में शामिल होने के लिए जेल से पौरोल पर बाहर आ रहे हैं. पूर्व सांसद आनन्द मोहन की बेटी की 15 फरवरी को शादी है. उसी शादी में शरीक होने के लिए एक महीने के पैरोल पर वो बाहर आए हैं.

ये भी पढे़ं- पूर्व सांसद आनंद मोहन का 15 दिनों का पैरोल खत्म, वापस पहुंचे सहरसा मंडल कारा

2007 से ही सहरसा मंडल कारा में बंद हैं: गौरतलब है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन वर्ष 2007 से ही सहरसा मंडल जेल में बंद थे. लगभग वो पंद्रह साल से जेल में बंद है. आनंद मोहन को पहले भी एक बार पैरोल मिली थी. आनंद मोहन ने पैरोल पर रिहाई के लिए अर्जी दी थी. बताया गया था कि वे अपनी बेटी की सगाई में शामिल होना चाहते हैं और बूढ़ी मां को देखना चाहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि मुजफ्फरपुर जिले में 5 दिसंबर 1994 को जिस भीड़ ने गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पीट-पीट कर हत्या की थी, उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहे थे.

"आप सबको सूचित कर रहा हूं कि आगामी 15 फरवरी को मेरी बेटी की शादी है. आप सभी को हम अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. मैं अपने शुभचितंकों को बहुत जल्द खुशखबरी देंगे. भगवान ने चाहा तो सब अच्छा होग'." - आनंद मोहन, पूर्व सांसद

मौत की सजा पाने वाले पहले सांसद हैं आनंद मोहन : बाताया जाता है कि इस घटना के एक दिन पहले (4 दिसंबर 1994) मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन की पार्टी (बिहार पीपुल्स पार्टी) के नेता रहे छोटन शुक्ला की हत्या हुई थी. इस भीड़ में शामिल लोग छोटन शुक्ला के शव के साथ प्रदर्शन कर रहे थे. उसी दौरान जिलाधिकारी जी. कृष्णैया पर भीड़ ने खबड़ा गांव के पास हमला कर दिया. मॉब लिंचिंग और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच डीएम को गोली मार दी गई थी. इस मामले में निचली अदालत ने 2007 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी.

Last Updated : Feb 5, 2023, 6:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.