सहरसा: बिहार में एक तरफ लोग कोरोना के लगातार बढ़ते मामले से त्रस्त हैं, तो वहीं दूसरी ओर बाढ़ ने बहुत लोगों को प्रभावित किया है. बाढ़ से प्रभावित जिलों में सहरसा भी शामिल है, यहां के मुरली गांव में सड़कों पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. जिससे सड़कें ध्वस्त हो चुकी है और जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.
दरअसल, नेपाल की ओर से 3.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बिहार में कोसी नदी ने सुपौल, सहरसा, मधेपुरा समेत आधा दर्जन जिलों में कोहराम मचाना शुरू कर दिया है. सहरसा जिले में कोसी नदी का पानी जिस रफ्तार से बढ़ रहा है, इसकी वजह से सैकड़ों गांव पूरी तरीके से जलमग्न हो गए हैं.
जिला मुख्यालय से टूटा संपर्क
कई जगहों पर बाढ़ की वजह से सड़क ध्वस्त हो गए हैं. जिसकी वजह से कई पंचायतों के लाखों की आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है. वहीं बाढ़ पीड़ित लोगों ने बताया कि नेपाल की ओर से पानी आने के कारण बुधवार सुबह से ही कोसी नदी का लेवल काफी तेजी से बढ़ना शुरू हो गया और कुछ ही घंटों में कई गांव डूब गए.
सड़क से टूटा संपर्क
बाढ़ पीड़ित लोगों ने कहा कि पिछले 10 दिनों से इलाके की हालात खराब हैं. नेपाल की ओर से आए पानी की वजह से बुधवार सुबह से पानी कई इलाकों में घुस चुका है. जिससे लोगों का सड़क से संपर्क टूट चुका है. वहीं लोगों ने कहा कि कोसी का पानी सड़कों के ऊपर से गुजर रहा है. इसकी वजह से हमारे इलाके का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. लेकिन इसके बावजूद हमें किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है.
घर में घुसा बाढ़ का पानी
एक अन्य बाढ़ पीड़ित ने कहा कि हमारे घर में भी कोसी नदी के बाढ़ का पानी घुस चुका है. जिसके बाद परिवार के लिए मुश्किलों का अंबार खड़ा हो गया है. उनके घर में उनकी पत्नी और बहू रहते हैं. उन्होंने कहा कि बुधवार को जब सुबह हो वह उठे, तो उन्होंने देखा कि कोसी नदी में जलस्तर इतना ज्यादा बढ़ गया है कि बाढ़ का पानी उनके ना केवल गांव में घुस गया बल्कि उसका खुद का घर भी पूरी तरीके से जगमग्न हो चुका है.