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Flood In Saharsa: कोसी तटबंध के अंदर घरों मे घुसा पानी, धान की फसल बर्बाद.. प्रशासन से लगाई मदद की गुहार - सहरसा में दर्जनों गांव जलमग्न

सहरसा में बाढ़ का कहर जारी है. कोसी बैराज से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं. खेतों में पानी घुसने के कारण धान की फसल भी बर्बाद हो गई है. वहीं, प्रशासनिक मदद नहीं मिलने से ग्रामीण नाराज दिख रहे हैं.

सहरसा में दर्जनों गांव जलमग्न
सहरसा में दर्जनों गांव जलमग्न
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 26, 2023, 5:13 PM IST

सहरसा में दर्जनों गांव जलमग्न

सहरसा: बिहार के सहरसा में बाढ़ ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. नवहट्टा प्रखण्ड स्थित कोसी तटबंध के अंदर के कई ऐसे गांव हैं, जो पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में है. आलम ये है कि लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है. जिस वजह से रहना-खाना भी मुश्किल होता जा रहा है. वहीं फसल बर्बाद होने से लोगों के सामने स्थिति भयावह होती जा रही है.

ये भी पढ़ें: Flood In Saharsa: कोसी बराज से छोड़ा गया 4.62 लाख क्यूसेक पानी, जिला प्रशासन ने जारी किया हाई अलर्ट

खेत में पानी जमा होने से फसल बर्बाद: नवहट्टा प्रखण्ड के कई गांवों में खेतों में लगी फसलें चौपट हो गई है. लगातर बारिश और कोसी बैराज से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. धान की फसल पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा है. वहीं खेतों में पानी जमा होने के कारण पशुओं के लिए चारा की भी समस्या उत्पन्न हो गई है.

प्रशासनिक मदद नहीं मिलने से लोगों में निराशा: फिलहाल जो स्थिति है, उससे लगता नहीं कि आने वाले चंद दिनों में पानी हटने वाला है. ऐसे में लोग परेशान हैं. वहीं अब तक प्रशासनिक मदद नहीं मिलने से लोगों में निराशा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है. बाहर जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है.

"नवहट्टा प्रखंड के सात पंचायत बाढ़ से प्रभावित है. कोसी का पानी घरों में घुस रहा है. धान की फसल पूरी तरह से पानी में डूब चुकी है. माल-मवेशी के लिए चारा की भी समस्या उत्पन्न हो गई है. दैनिक कार्यों के निर्वहन के लिए छोटी नाव की सख्त आवश्यकता है. प्रशासनिक मदद भी अब तक नहीं पहुंच पाई है"- प्रशांत यादव, स्थानीय निवासी

सहरसा में दर्जनों गांव जलमग्न

सहरसा: बिहार के सहरसा में बाढ़ ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. नवहट्टा प्रखण्ड स्थित कोसी तटबंध के अंदर के कई ऐसे गांव हैं, जो पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में है. आलम ये है कि लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है. जिस वजह से रहना-खाना भी मुश्किल होता जा रहा है. वहीं फसल बर्बाद होने से लोगों के सामने स्थिति भयावह होती जा रही है.

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खेत में पानी जमा होने से फसल बर्बाद: नवहट्टा प्रखण्ड के कई गांवों में खेतों में लगी फसलें चौपट हो गई है. लगातर बारिश और कोसी बैराज से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. धान की फसल पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा है. वहीं खेतों में पानी जमा होने के कारण पशुओं के लिए चारा की भी समस्या उत्पन्न हो गई है.

प्रशासनिक मदद नहीं मिलने से लोगों में निराशा: फिलहाल जो स्थिति है, उससे लगता नहीं कि आने वाले चंद दिनों में पानी हटने वाला है. ऐसे में लोग परेशान हैं. वहीं अब तक प्रशासनिक मदद नहीं मिलने से लोगों में निराशा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है. बाहर जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है.

"नवहट्टा प्रखंड के सात पंचायत बाढ़ से प्रभावित है. कोसी का पानी घरों में घुस रहा है. धान की फसल पूरी तरह से पानी में डूब चुकी है. माल-मवेशी के लिए चारा की भी समस्या उत्पन्न हो गई है. दैनिक कार्यों के निर्वहन के लिए छोटी नाव की सख्त आवश्यकता है. प्रशासनिक मदद भी अब तक नहीं पहुंच पाई है"- प्रशांत यादव, स्थानीय निवासी

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