सहरसा: बिहार के सहरसा में बाढ़ ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. बाढ़ प्रभावित नवहट्टा प्रखंड में प्रशासनिक स्तर पर सरकारी नाव का परिचालन करवाया गया. लेकिन नाव से इस पार से उस पार जाने के एवज में नाविक प्रति व्यक्ति 20 रुपये वसूल रहे हैं. जिसको कभी-कभार जाना पड़े, उनके लिए तो यह बहुत बड़ी रकम नहीं है. लेकिन जिसको रोज आना-जाना पड़ता है, उसके लिए रोजाना के 20 रुपये पूरे बरसात में देना बहुत मुश्किल हो जाता है. ऊपर से अगर परिवार समेत जाना पड़े तो फिर परेशानी और बढ़ जाती है.
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सहरसा में सरकारी नाव से रुपये की वसूली: दरअसल, सहरसा के नवहट्टा स्थित E2 घाट पर तटबंध के अंदर से बाढ़ पीड़ितों का आवाजाही हो रही है. प्रशासनिक स्तर से मुहैया कराए गए नाव से निःशुल्क पार कराया जा रहा है. हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. सरकारी नाव से नदी पार करने के लिए नाविकों द्वारा निर्धारित शुल्क देना पड़ रहा है.सिर्फ सवारी का बल्कि अपनी गाड़ी का भी किराया चुकाना पड़ रहा है. यात्री मनिया देवी ने बताया कि नदी पार करने के लिए 20 रुपये शुल्क देना पड़ता है. तब ही नाविक उसे नदी पार कराता है.
"बाढ़ को देखते हुए प्रशासन ने नाव का परिचालन बाढ़ पीड़ितों को निशुल्क कराया है. लेकिन नाव के परिचालन में डीजल का खर्च प्रशासन नहीं दे रहा है. डीजल के पैसे के लिए यात्रियों से 20 रुपये लिया जा रहा है."-राजेश्वर मुखिया, नाविक
"नाविकों द्वारा नाजायज रूप से अवैध शुल्क की वसूली की जा रही है. इस बाबत वरीय अधिकारियों से कार्रवाई की जाएगी. वहीं जब उनसे अंचल पदाधिकारी के संज्ञान होने के बावजूद खुलेआम हो रही. दोषी अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे." - गूजेश्वर साह, विधायक
नवहट्टा में 22 नावों का हो रहा परिचालन: नवहट्टा अंचल द्वारा 22 नावों का परिचालन हो रहा है. बाढ़ के नाम पर खुलेआम लूट मची है. कागज पर नाव का निःशुल्क परिचालन करवाकर प्रशासन धरातल पर खुलेआम नाविकों से वसूली करवा रही है. प्रत्येक घाट पार करने पर 10 रुपये आने एवं 10 रुपये जाने का नाविक वसूली कर रहे हैं. वहीं बाइक, साइकिल सहित अन्य सामानों का शुल्क अलग से ले लिया जा रहा है.