सहरसा: गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काटने के बाद जब से पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल से बाहर आए हैं, तब से वह लागातर सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं. शुक्रवार को भी उन्होंने महिषी प्रखंड के महपुरा गांव में पूर्व मुखिया इंद्रदेव सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया. इस मौके पर स्थानीय जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव भी मौजूद थे. वहीं अपने संबोधन में उन्होंने अपने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा.
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'कमल दल को हाथी की तरह रौंद दूंगा': इस दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि मेरे जेल से निकलने के बाद छटपटाहट किसको है और क्यों है, वो हम समझ रहे हैं. दरअसल वो लोग ये जानते हैं ये आदमी कमल दल को हाथी की तरह रौंद देंगा. उन्होंने कहा कि हम जितने दिन रहेंगे, समाजवाद के लिए लड़ते रहेंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया जा रहा है, जबकि सच्चाई जनता भी समझती है. पूर्व सांसद ने कहा कि महिषी इसका गवाह है कि राजपूतों की सात हजार से भी कम आबादी होने के बावजूद उन्होंने इस सीट पर 62 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी, जबकि तब उनके सामने पिछड़ा समाज के सबसे कद्दावर नेता खड़े थे.
"जेल से निकलने के बाद छटपटाहट किसको है, क्यों है? जानता है ये आदमी कमल दल को हाथी की तरह रौंद देगा, फाड़ देगा, ये छटपटाहट है लेकिन इतना इंतजार करो. हम जितना दिन रहेंगे, समाजवाद के लिए लड़ते रहेंगे. तुम बार-बार कहो, सौ बार कहो कि मैं दलित विरोधी हूं लेकिन महिषी इसका गवाह है कि यहां पौने 7 हजार राजपूत हुआ करते थे, जब मैंने यहां से चुनाव लड़ा था और 62 हजार वोटों से जीता था"- आनंद मोहन, पूर्व सांसद
मायावती पर भी निशाना साधा: आनंद मोहन ने अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनको भी शक है वह महिषी, सहरसा, पंचगछिया और बिहरा में आकर पता लगा लें कि मेरा चरित्र कैसा है. उन्होंने कहा कि मैंने कई बार कहा कि मेरा कैरेक्टर दिल्ली तय नहीं करेगी. ना ही उत्तर प्रदेश की महिला नेता (मायावती) तय करेगी और ना ही आंध्र प्रदेश से ये तय होगा. ये तय बिहार से होगा और मैं आने वाले समय में इस बात को साबित भी करूंगा.