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सहरसा में जर्जर पुलिस बैरक में रहने को मजबूर जवान, कभी भी हो सकता है हादसा

सहरसा के जर्जर पुलिस बैरक भवन में सैकड़ों पुलिस जवान रहने को मजबूर हैं. कभी भी इस जर्जर भवन में पुलिस के जवान हादसा (Accident may happen in Saharsa police barrack) का शिकार हो सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर..

सहरसा में पुलिस बैरक के भवन की हालत खराब
सहरसा में पुलिस बैरक के भवन की हालत खराब
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Published : Nov 29, 2022, 12:49 PM IST

सहरसा: बिहार के सहरसा में जर्जर पुलिस बैरक भवन (Bad condition of police barrack building ) में सैकड़ों पुलिस जवान रह रहे हैं. यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. साल 2021 में ही पुलिस केंद्र सहरसा के इस जर्जर बैरक संख्या पांच को परित्यक्त घोषित किया जा चुका है. पुलिस केंद्र में पुलिस कर्मियों के रहने की व्यवस्था नहीं रहने के कारण परित्यक्त घोषित किये जर्जर बैरक में आज भी सैकड़ों पुलिस कर्मियों को रखा गया है.

ये भी पढ़ेंः सहरसा: रक्त काली मंदिर स्थित बाबा कारू खिरहर संग्रहालय का बुरा हाल, मूर्तियां हो रही है जमींदोज

सहरसा में पुलिस बैरक के भवन की हालत खराब

2021 से ही परित्यक्त है पुलिस बैरकः जानकारी हो कि साल 2021 में ही पुलिस केंद्र सहरसा में एक तीन सौ बेड के जनरल बैरक व एक सौ बेड के महिला बैरक का निर्माण कराये जाने को लेकर पुलिस केंद्र सहरसा द्वारा पुलिस मुख्यालय को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया गया था. पुलिस केंद्र से मिले रिपोर्ट को लेकर मुख्यालय द्वारा भी बैरक निर्माण को लेकर मंजूरी दे दी गयी थी. मुख्यालय से मिली मंजूरी के लगभग एक साल बाद भी बैरक निर्माण की दिशा में कोई पहल अभी तक नहीं की जा रही है. जबकि इस जर्जर भवन से छत का चट्टा नीचे सोए हुए पुलिस जवान के शरीर पर बराबर गिरते रहता है और पुलिस जवान चोटिल भी होते हैं.


कई बार पुलिसकर्मियों पर गिरा है छत का प्लास्टरः जर्जर भवन में रह रहे पुलिस कर्मी सुरेंद्र यादव ने बताया कि इस जर्जर भवन में रहते हुये जान पर बनी रहती है. कई बार सोए हुए पुलिसकर्मियों के शरीर पर छत का चट्टा गिर चुका है. इसमें कई पुलिसकर्मी अब तक चोटिल भी हो चुके हैं. इसके बावजूद पुलिसकर्मियों के रहने को लेकर मिले निर्देश के बाद भी कोई पहल अभी तक नहीं की जा रही है.

"इस जर्जर भवन में रहते हुये जान पर बनी रहती है. कई बार सोए हुए पुलिसकर्मियों के शरीर पर छत का चट्टा गिर चुका है. इसमें कई पुलिसकर्मी अब तक चोटिल भी हो चुके हैं" - सुरेंद्र यादव, पुलिस कर्मी

सहरसा: बिहार के सहरसा में जर्जर पुलिस बैरक भवन (Bad condition of police barrack building ) में सैकड़ों पुलिस जवान रह रहे हैं. यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. साल 2021 में ही पुलिस केंद्र सहरसा के इस जर्जर बैरक संख्या पांच को परित्यक्त घोषित किया जा चुका है. पुलिस केंद्र में पुलिस कर्मियों के रहने की व्यवस्था नहीं रहने के कारण परित्यक्त घोषित किये जर्जर बैरक में आज भी सैकड़ों पुलिस कर्मियों को रखा गया है.

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सहरसा में पुलिस बैरक के भवन की हालत खराब

2021 से ही परित्यक्त है पुलिस बैरकः जानकारी हो कि साल 2021 में ही पुलिस केंद्र सहरसा में एक तीन सौ बेड के जनरल बैरक व एक सौ बेड के महिला बैरक का निर्माण कराये जाने को लेकर पुलिस केंद्र सहरसा द्वारा पुलिस मुख्यालय को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया गया था. पुलिस केंद्र से मिले रिपोर्ट को लेकर मुख्यालय द्वारा भी बैरक निर्माण को लेकर मंजूरी दे दी गयी थी. मुख्यालय से मिली मंजूरी के लगभग एक साल बाद भी बैरक निर्माण की दिशा में कोई पहल अभी तक नहीं की जा रही है. जबकि इस जर्जर भवन से छत का चट्टा नीचे सोए हुए पुलिस जवान के शरीर पर बराबर गिरते रहता है और पुलिस जवान चोटिल भी होते हैं.


कई बार पुलिसकर्मियों पर गिरा है छत का प्लास्टरः जर्जर भवन में रह रहे पुलिस कर्मी सुरेंद्र यादव ने बताया कि इस जर्जर भवन में रहते हुये जान पर बनी रहती है. कई बार सोए हुए पुलिसकर्मियों के शरीर पर छत का चट्टा गिर चुका है. इसमें कई पुलिसकर्मी अब तक चोटिल भी हो चुके हैं. इसके बावजूद पुलिसकर्मियों के रहने को लेकर मिले निर्देश के बाद भी कोई पहल अभी तक नहीं की जा रही है.

"इस जर्जर भवन में रहते हुये जान पर बनी रहती है. कई बार सोए हुए पुलिसकर्मियों के शरीर पर छत का चट्टा गिर चुका है. इसमें कई पुलिसकर्मी अब तक चोटिल भी हो चुके हैं" - सुरेंद्र यादव, पुलिस कर्मी

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