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महिला कॉलेज डालमियानगर में छात्राओं के भविष्य पर लगा ग्रहण, अब कैसे बनेंगी डॉक्टर-इंजीनियर

रोहतास जिला के डालमियानगर में बेटियां विज्ञान, वाणिज्य की पढ़ाई से वंचित हैं. अनुमंडल मुख्यालय में विश्‍वविद्यालय का एक मात्र महिला कॉलेज डालमियानगर में है. लेकिन यहां 2019 से विज्ञान व वाणिज्य पढ़ाई बंद है. इस कारण बड़ी संख्‍या में छात्राएं मनपसंद विषय नहीं पढ़ पा रही हैं.

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छात्राओं के भविष्य पर लगा ग्रहण,
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Published : Dec 9, 2020, 3:09 PM IST

रोहतास: आज जहां पूरे देश में महिला सशक्तिकरण की बात हो रही है. बेटियों को शिक्षा देने की सभी वकालत कर रहे हैं. ऐसे में रोहतास जिला के डालमियानगर स्थित महिला कॉलेज में पिछले साल से साइंस तथा कॉमर्स की पढ़ाई बंद कर दी गई है. ऐसे में बेटियों के डॉक्टर इंजीनियर बनने की हसरतें अधूरी रह जा रही है. जिसके बाद छात्राओं में निराशा है.

तकनीकी कारणों से विश्वविद्यालय में नामांकन पर रोक
दरअसल, जिले के महिला कॉलेज डालमियानगर वर्ष 2019 तक यहां साइंस और कॉमर्स की पढ़ाई होती थी. लेकिन तकनीकी कारणों से पिछले साल से अचानक विश्वविद्यालय ने नामांकन पर रोक लगा गई है. जिस कारण छात्राओं में काफी निराशा है. खासकर विज्ञान में रुचि रखने वाली छात्राओं के सामने विकल्प हीनता की स्थिति आ गई है.

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छात्राओं के भविष्य पर लगा ग्रहण,

महाविद्यालय में ढांचागत संरचना की कोई कमी नहीं
दूरदराज व ग्रामीण इलाके से आई छात्राएं कहती हैं कि अगर इस कॉलेज में साइंस और कॉमर्स की पढ़ाई फिर से शुरू हो जाये तो उनके सपनों को पंख लग जाएंगे. तकरीबन 3100 छात्रा वाले इस महाविद्यालय में ढांचागत संरचना की कमी नहीं है क्योंकि वर्षों से विज्ञान और वाणिज्य की पढ़ाई होने के कारण यहां भौतिकी तथा रसायन के प्रयोगशालाएं भी हैं. जो पूरी तरह से उपस्करों (लौजिस्टिक) से लैस हैं. यहां तक की इस विद्यालय में विज्ञान और वाणिज्य के प्राध्यापकों की भी पोस्टिंग है.

देखें वीडियो
विज्ञान के प्रोफेसर पढ़ा रहें आर्ट्ससबसे बड़ी बात यह है कि इस कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रो. सतीश नारायण लाल खुद विज्ञान के प्रोफेसर हैं. लेकिन उनकी पोस्टिंग आर्ट्स फैकल्टी वाले कॉलेज में कर दी गई है. ऐसे में वे खुद चाहते हैं कि फिर से महाविद्यालय में विज्ञान की पढ़ाई शुरू हो. बहरहाल एक तरफ सरकार जहां छात्राओं के शैक्षणिक स्तर को और बेहतर करने में लगी है. वहीं विश्वविद्यालय द्वारा महिला कॉलेज में विज्ञान की पढ़ाई बंद कर देना, उनके मंशा पर सवाल खड़े करते हैं.

रोहतास: आज जहां पूरे देश में महिला सशक्तिकरण की बात हो रही है. बेटियों को शिक्षा देने की सभी वकालत कर रहे हैं. ऐसे में रोहतास जिला के डालमियानगर स्थित महिला कॉलेज में पिछले साल से साइंस तथा कॉमर्स की पढ़ाई बंद कर दी गई है. ऐसे में बेटियों के डॉक्टर इंजीनियर बनने की हसरतें अधूरी रह जा रही है. जिसके बाद छात्राओं में निराशा है.

तकनीकी कारणों से विश्वविद्यालय में नामांकन पर रोक
दरअसल, जिले के महिला कॉलेज डालमियानगर वर्ष 2019 तक यहां साइंस और कॉमर्स की पढ़ाई होती थी. लेकिन तकनीकी कारणों से पिछले साल से अचानक विश्वविद्यालय ने नामांकन पर रोक लगा गई है. जिस कारण छात्राओं में काफी निराशा है. खासकर विज्ञान में रुचि रखने वाली छात्राओं के सामने विकल्प हीनता की स्थिति आ गई है.

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छात्राओं के भविष्य पर लगा ग्रहण,

महाविद्यालय में ढांचागत संरचना की कोई कमी नहीं
दूरदराज व ग्रामीण इलाके से आई छात्राएं कहती हैं कि अगर इस कॉलेज में साइंस और कॉमर्स की पढ़ाई फिर से शुरू हो जाये तो उनके सपनों को पंख लग जाएंगे. तकरीबन 3100 छात्रा वाले इस महाविद्यालय में ढांचागत संरचना की कमी नहीं है क्योंकि वर्षों से विज्ञान और वाणिज्य की पढ़ाई होने के कारण यहां भौतिकी तथा रसायन के प्रयोगशालाएं भी हैं. जो पूरी तरह से उपस्करों (लौजिस्टिक) से लैस हैं. यहां तक की इस विद्यालय में विज्ञान और वाणिज्य के प्राध्यापकों की भी पोस्टिंग है.

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विज्ञान के प्रोफेसर पढ़ा रहें आर्ट्ससबसे बड़ी बात यह है कि इस कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रो. सतीश नारायण लाल खुद विज्ञान के प्रोफेसर हैं. लेकिन उनकी पोस्टिंग आर्ट्स फैकल्टी वाले कॉलेज में कर दी गई है. ऐसे में वे खुद चाहते हैं कि फिर से महाविद्यालय में विज्ञान की पढ़ाई शुरू हो. बहरहाल एक तरफ सरकार जहां छात्राओं के शैक्षणिक स्तर को और बेहतर करने में लगी है. वहीं विश्वविद्यालय द्वारा महिला कॉलेज में विज्ञान की पढ़ाई बंद कर देना, उनके मंशा पर सवाल खड़े करते हैं.
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