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रोहतास: प्रसव के दौरान जुड़वा बच्चों की मौत, परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का लगाया आरोप

अस्पताल उपाधीक्षक केएन तिवारी ने बताया कि मरीज रेफर स्थिति में आई थी. ऐसे में बच्चे को बचाना मुश्किल था. जबकि परिवार वालों को भी इसकी जानकारी पहले से ही दे दी गई थी. जिसके बाद भी परिवार वाले डॉक्टर पर गलत आरोप लगा रहे हैं.

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Published : Nov 18, 2019, 7:17 PM IST

महिला के जुड़वा बच्चे की हुई मौत

रोहतास: सासाराम के सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड में एक बार फिर डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है. जहां अस्पताल में महिला की डिलीवरी के दौरान जुड़वा बच्चों की मौत हो गई. लेकिन डॅाक्टर का कहना है कि मरीज रेफर स्थिति में आई थी, ऐसे में बच्चे को बचाना मुश्किल था.

दर्द के बाद भी नहीं की डिलीवरी
बताया जा रहा है कि महिला को डिलीवरी के लिए सासाराम के सदर अस्पताल में देर रात भर्ती कराया गया था. भर्ती के बाद डॉक्टरों ने डिलीवरी के लिए सुबह का हवाला देते हुए महिला को वार्ड में ही भर्ती रखा. इसके बाद सुबह महिला को काफी दर्द हुआ. जिसकी सूचना परिवार वालों ने डॉक्टर को दी. लेकिन अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने फिर भी महिला की डिलीवरी नहीं की.

डिलीवरी के दौरान जुड़वा बच्चे की मौत

पति ने डॉक्टर पर लगाया आरोप
महिला के पति ने बताया कि दर्द के मारे वो जमीन पर गिर रही थी. इसके बावजूद अस्पताल के डॉक्टर कुछ नहीं सुन रहे थे. साथ ही बताया कि काफी दर्द होने के बाद डॉक्टर ने डिलीवरी कराई, तब तक दोनों जुड़वा बच्चों की मौत हो चुकी थी. महिला के पति ने डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से ही हमारे जुड़वा बच्चे की मौत हुई है.

परिजनों का आरोप गलत- डॉक्टर
वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक केएन तिवारी ने बताया कि मरीज रेफर स्थिति में आई थी. ऐसे में बच्चे को बचाना मुश्किल था. जबकि परिवार वालों को भी इसकी जानकारी पहले से ही दे दी गई थी. जिसके बाद भी परिवार वाले डॉक्टर पर गलत आरोप लगा रहे हैं.

रोहतास: सासाराम के सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड में एक बार फिर डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है. जहां अस्पताल में महिला की डिलीवरी के दौरान जुड़वा बच्चों की मौत हो गई. लेकिन डॅाक्टर का कहना है कि मरीज रेफर स्थिति में आई थी, ऐसे में बच्चे को बचाना मुश्किल था.

दर्द के बाद भी नहीं की डिलीवरी
बताया जा रहा है कि महिला को डिलीवरी के लिए सासाराम के सदर अस्पताल में देर रात भर्ती कराया गया था. भर्ती के बाद डॉक्टरों ने डिलीवरी के लिए सुबह का हवाला देते हुए महिला को वार्ड में ही भर्ती रखा. इसके बाद सुबह महिला को काफी दर्द हुआ. जिसकी सूचना परिवार वालों ने डॉक्टर को दी. लेकिन अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने फिर भी महिला की डिलीवरी नहीं की.

डिलीवरी के दौरान जुड़वा बच्चे की मौत

पति ने डॉक्टर पर लगाया आरोप
महिला के पति ने बताया कि दर्द के मारे वो जमीन पर गिर रही थी. इसके बावजूद अस्पताल के डॉक्टर कुछ नहीं सुन रहे थे. साथ ही बताया कि काफी दर्द होने के बाद डॉक्टर ने डिलीवरी कराई, तब तक दोनों जुड़वा बच्चों की मौत हो चुकी थी. महिला के पति ने डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से ही हमारे जुड़वा बच्चे की मौत हुई है.

परिजनों का आरोप गलत- डॉक्टर
वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक केएन तिवारी ने बताया कि मरीज रेफर स्थिति में आई थी. ऐसे में बच्चे को बचाना मुश्किल था. जबकि परिवार वालों को भी इसकी जानकारी पहले से ही दे दी गई थी. जिसके बाद भी परिवार वाले डॉक्टर पर गलत आरोप लगा रहे हैं.

Intro:रोहतास। सासाराम के सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड में एक बार फिर से डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। जहां अस्पताल में भर्ती हुई प्रसूति महिला के जुड़वा बच्चे की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई।


Body:गौरतलब है कि सासाराम के सदर अस्पताल में डेहरी थाना क्षेत्र के पहलेजा गांव के रहने वाली रेहाना खातून को डिलीवरी के लिए सासाराम के सदर अस्पताल में देर रात्रि भर्ती कराया गया। इस दौरान उनके पति भी मौजूद थे। भर्ती के बाद डॉक्टरों ने देखा लेकिन सुबह का हवाला देते हुए डॉक्टर ने उन्हें वार्ड में भर्ती कर दिया। इस दौरान परिवार वाले सुबह का इंतजार करने लगे सुबह होते ही महिला को काफी दर्द हुआ। जिसके बाद परिवार वाले ने डॉक्टर को दर्द की सूचना दी। लेकिन अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने उसे टालने के लिए सलाह दे दिया। इस दौरान दर्द काफी बढ़ता गया जिसके बाद महिला के पति ने बताया कि दर्द के मारे वह जमीन पर भी लोट रही थी। इसके बावजूद अस्पताल के डॉक्टर कुछ नहीं सुन रहे थे। लिहाजा काफी दर्द होने के बाद डॉक्टर ने डिलीवरी कराया तो दोनों जुड़वा बच्चे पेट में ही अपनी जिंदगी की शुरुआत से पहले ही दुनिया छोड़ चुके थे। इस दौरान रिहाना के पति ने बताया कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से ही हमारे जुड़वा बच्चे की मौत हुई है। हालांकि अस्पताल उपाधीक्षक डॉ केएन तिवारी ने बताया कि महिला को डॉक्टर ने अच्छे से देखा है ट्रीटमेंट भी किया है। लेकिन रेफर होने की वजह से उसके बच्चे को नहीं बचाया जा सका। गौरतलब है कि केएन तिवारी ने बताया कि मरीज रेफर स्थिति में आई थी। ऐसे में बच्चे को बचाना मुश्किल था। जबकि परिवार वालों को भी इसकी जानकारी पहले से ही दे दी गई थी जिसके बाद परिवार वाले डॉक्टर पर गलत आरोप लगा रहे हैं।


Conclusion:बहरहाल सदर अस्पताल में लापरवाही का पहला मामला ऐसा नहीं है कई बार सदर अस्पताल में लगातार लापरवाही देखने को मिला है। नतीजा आए दिन कोई न कोई मरीज हादसे का शिकार होते रहता है।

बाइट अस्पताल उपाधीक्षक डॉ केएन तिवारी
बाइट महिला के पति
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