रोहतास: जिले के करगहर पीएचसी में नसबंदी के दौरान ऑपरेशन थिएटर में महिला की मौत हो गई. मौत से सहमे स्वास्थ्य कर्मियों ने मरीज को सीरियस बताकर सदर अस्पताल सासाराम रेफर कर दिया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
नसबंदी के दौरान धड़कन बंद
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि स्थानीय पीएचसी में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था. जिसमें थाना क्षेत्र के शहर मेदनी निवासी उपेंद्र राम कि 30 वर्षीया पत्नी पुष्पा देवी का ऑपरेशन किया जा रहा था. ऑपरेशन के कुछ ही देर बाद उसकी धड़कन बंद हो गई. जिसे देख चिकित्सकों के होश उड़ गए. इसके बाद उन्होंने अपने बचाव के लिए सीरियस बताकर सदर अस्पताल सासाराम भेज दिया.
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चिकित्सकों की लापरवाही
वहीं, इस संबंध में मृतका के पति उपेंद्र राम ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों ने सीरियस बताकर उसे एंबुलेंस में डाल दिया. जब पत्नी का नब्ज टटोला तो कोई हरकत नहीं हुई. जिसका विरोध करने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने सीरियस बताते हुए कहा कि सब ठीक हो जाएगा. वहीं, सदर अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से परिजनो में आक्रोश है.
सदर अस्पताल में मृत घोषित
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन के लिए स्वयंसेवी संस्था एफआरएसएच को अनुबंधित किया गया है. पीएचसी में एनजीओ के माध्यम से डॉ. श्रीकांत और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम एंबुलेंस से यहां पहुंची. ऑपरेशन के दौरान ही महिला की मौत हो गई. जब तक उन्हें सूचना मिली तब तक परिजन एंबुलेंस से शव को सदर अस्पताल लेकर पहुंच गए थे.
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पर्ची बनवाये बिना ही किया रेफर
डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि मरीज के सीरियस होने के बाद ओडी में डॉ. डीके सिंह और वह मौजूद थे, लेकिन ऑपरेशन करने आई टीम ने सीरियस महिला की कोई जांच नहीं करायी. साथ ही महिला का रेफर पर्ची भी बनवाया. ऐसे में साफ है कि एनजीओ के चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से नसबंदी के लिए आई महिला की मौत हुई है.