रोहतासः जिले में महापर्व छठ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. किसान भी अब पानी फल यानी सिंघाड़े की खेती करने में लगे हुए हैं. इसमें मेहनत ज्यादा और मुनाफा कम होने से किसानों के चेहरे पर मायूसी झलक रही है.
6 महीने के बाद तैयार होता है पानी फल
सिंघाड़े की खेती में 6 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद पानी फल तैयार होता है. इसमें किसानों को काफी मेहनत करनी पड़ती है. दिन-रात पानी के अंदर रहकर इसे तैयार किया जाता है. सासाराम के रहने वाले किसान वीरेंद्र कुमार ने बताया कि वो इसकी खेती दूसरे की जमीन पर कर रहे हैं. इसमें मुनाफा मेहनत के हिसाब से नहीं मिल पाता है.
नहीं मिलती है सब्सिडी
किसानों ने बताया कि सरकार की तरफ से इसके लिए कोई सब्सिडी भी नहीं दी जाती है. छठ के मौके पर इसकी कीमत ठीक मिलती है, लेकिन इसके बाद इसकी कीमत बाजार में कम होने लगती है, जिससे किसानों को मुश्किल से आमदनी होती है.
सरकार से मदद की आस
बहरहाल जिस तरह से किसानों के चेहरे पर मायूसी है, उससे साफ जाहिर है कि पानी फल की खेती में उन्हें मुनाफा नहीं हो रहा है, उन्हें अब सरकार से इस ओर ध्यान देने की उम्मीद है.