रोहतास: कोरोना को लेकर उत्पन्न हुए हालातों के बाद दीन दयाल उपाध्याय-गया रेल मंडल के कर्मियों ने सेवा भाव के बेहतरीन उदाहरण पेश किया है. दरअसल, यहां ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों की परेशानी को देखते हुए रेल कर्मियों ने एक गांव को गोद ले लिया है. गांव को गोद लेने के बाद पूरे गांव में प्रशासनिक और रेल अधिकारियों की मौजूदगी में फूड पैकेट के साथ-साथ सैनिटाइजर, मास्क, हैंड ग्लव्स और जरूरत के कई सामान उपलब्ध कराए गए. इसके साथ ही कोरोना वायरस महामारी को लेकर गांव के लोगों को जागरूक भी किया गया.
'डीडीयू रेल मंडल ने दी स्वीकृति'
इस मामले पर रेलकर्मी बीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि पंडित दीनदयाल गया रेलखंड के कर्मियों की एक पहल है. इसके लिए डीडीयू रेल मंडल ने स्वीकृति प्रदान की है. जिसके बाद इस गांव को रेल कर्मियों ने गोद लिया है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन जारी रहने तक इस गांव की सेवा की जाएगी. इस अवधि के दौरान गांव के गरीबों को पूरी मदद की जाएगी. उन्होंने बताया कि उनका प्रायस है कि त्रासदी के इस दौर में कोई भी भूखा नहीं रहे. गांव के लोगों को लॉक डाउन के दौरान यानी 14 अप्रैल तक संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए हर जरूरी संसाधन मुहैया कराया जाएगा. इसके साथ ही सभी असहायों और बेबस लोगों को अवाश्यक सामग्रियों की लगातार आपूर्ति की जाएगी.
'संकेत एवं दूरसंचार विभाग के रेल कर्मियों की पहल'
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान पूरे देश में ऐसा पहली बार है जब किसी रेल मंडल के कर्मियों ने किसी गांव को गोद लिया हो. यह पहल डीडीयू गया रेल मंडल के संकेत एवं दूरसंचार विभाग के रेल कर्मियों ने रोहतास जिले के अकोढ़ी गोला प्रखंड अंतर्गत मुड़यार गांव को गोद लेकर शुरू की है. रेलवे की इस पहल के बाद पूरे गांव को सेनिटाइज करवाया गया. ग्रमीणों के बीच भोजन के साथ-साथ सेनिटाइजर, मास्क और कई जरूरत के सामान मुहैया कराया गया.
गांव को गोद लेने के बाद रेल कर्मियों ने कहा कि आगे अगर आवश्यकता होगी तो गांव के सभी लोगों को थर्मल स्क्रीनिंग भी कराया जाएगा. वहीं, लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी के करने वाले लोगों के लिए ड्रोन कैमरे से गांव पर नजर भी रखी जाएगी. रेल कर्मियो ने कहा कि 14 अप्रैल तक कोई भी व्यक्ति अपने घरों से बाहर नहीं निकले. प्रधानमंत्री के आह्वान का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराना हमारा दायित्व है.