सहरसा: बिहारवासियों के लिए एक राहत की खबर है. जल्द ही कोसी और मिथिलांचल (Koshi and Mithilanchal) एक बार फिर एक होने जा रहा है. 14 वर्ष पहले आई कुसहा त्रासदी बाढ़ में नरपतगंज और फारबिसगंज के बीच रेल संपर्क टूट गई थी लेकिन अब नरपतगंज से फारबिसगंज के बीच रेलवे ट्रैक बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है. वहीं नवनिर्मित रेलखंड पर सोमवार को रेल अधिकारियों द्वारा स्पीडी ट्रायल चलाया जाएगा. जिसके बाद एक बार फिर कोशिश और मिथिलांचल एक हो जाएगी. निरीक्षण में स्पीडी ट्रायल कर नवनिर्मित रेलखंड पर पुल सहित अन्य कार्यों को देखेंगे. वहीं रेलवे के मानक के अनुसार सही है या नहीं, इसको लेकर स्पीडी ट्रायल चलाकर निरीक्षण किया जाएगा.
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फिर से जुड़ सकेंगे कोच्चि और मिथिलांचल: जानकारी के अनुसार अगस्त 2008 में आई कुसहा त्रासदी के बाद सहरसा फारबिसगंज रेलखंड पर बंद रेल संपर्क 14 साल बाद फिर से शुरू होगा. जिसके बाद कोच्चि और मिथिलांचल एक बार फिर जुड़ सकेंगे. वही नरपतगंज से फारबिसगंज के बीच बने नवनिर्मित रेल खंड में सभी 11 बड़े और 26 छोटे पुल बन चुके हैं. 9 रेल फाटक भी बनाए गए हैं. इनकी दूरी तकरीबन 16 किलोमीटर होगी. नरपतगंज से फारबिसगंज तक के नव निर्मित रेलखंड पर स्पीड ट्रायल किया जाएगा. जिसमें सब कुछ अगर दुरुस्त रहा तो जल्द ही फारबिसगंज तक ट्रेन का परिचालन संभव हो जाएगा.
विशेष ट्रेन से किया जाएगा स्पीड ट्रायल: वही हाजीपुर जोन के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सरायगढ़ फारबिसगंज आमान परिवर्तन परियोजना के अंतर्गत नरपतगंज से फारबिसगंज रेलवे स्टेशनों के बीच निरीक्षण किया जाएगा. जिसको लेकर विशेष ट्रेन से स्पीड ट्रायल किया जाएगा. जिसके कारण किसी के भी रेलवे लाईन के निकट रहना असुरक्षित होगा. इस दौरान कोई भी रेलवे लाईन के निकट नहीं आए और मवेशियों को भी दूर ही रखें. साथ ही समपारों (लेवल क्रासिंग) को पार करते समय भी विशेष सावधानी बरते.
"नरपतगंज और फारबिसगंज तक के रेलवे ट्रैक का स्पीड ट्रायल किया जाएगा. जिसमे रेलवे के इंजीनियर द्वारा निरीक्षण किया जाएगा. उसके बाद परिचालन होगा. इस दौरान कोई भी रेलवे लाईन के निकट नहीं आए और मवेशियों को भी दूर ही रखें" :- वीरेंद्र कुमार, मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी, हाजीपुर जोन