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रोहतास: विकास के अभाव में पिछड़ रहा ये गांव, आजादी के बाद से ही नहीं बनी पक्की सड़क

करगहर प्रखंड का टिकारी गांव जदयू विधायक वशिष्ठ सिंह के विधानसभा क्षेत्र में आता है. ग्रामीणों ने बताया कि यहां आजादी के बाद से अबतक पक्की सड़क नहीं बनी है.

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Published : Nov 26, 2019, 11:07 AM IST

Rohtas tikari village
टिकारी गांव में विकास का आभाव

रोहतास: जिला मुख्यालय से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर करगहर प्रखंड के टिकारी गांव में आजादी के बाद से अबतक गांव में पक्की सड़क नहीं बन सकी है. जिसके चलते ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बता दें कि ग्रामीणों ने बीते लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पक्की सड़की नहीं बनती. वे ऐसे ही चुनाव बहिष्कार करते रहेंगे.

'आजादी के बाद से नहीं नसीब हुई सड़क'
करगहर प्रखंड का टिकारी गांव जदयू विधायक वशिष्ठ सिंह के विधानसभा क्षेत्र में आता है. ग्रामीणों ने बताया कि यहां आजादी के बाद से अबतक पक्की सड़क नहीं बनी है. इलाके के लोग बताते हैं कई बार विधायक को मामले से अवगत करा चुके हैं. इसके बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के मौसम में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि बरसाता का पानी भरने के बाद कच्चा रास्ता भी नदी में तब्दील हो जाता है.

पेश है रिपोर्ट

'चारपाई पर लादकर ले जाते हैं मरीज'
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पक्की सड़क नहीं होने के कारण वाहन भी नहीं चलते हैं. किसी काम से बाहर जाने के लिए उन्हें कई किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि अगर गांव में कोई बिमार पड़ता है तो उसे चारपाई पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. वहीं, इस मामले को लेकर सासाराम सदर एसडीओ राजकुमार गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ईटीवी के माध्यम से हमें संज्ञान में आया है. इस पर प्रखंड के बीडीओ से बात करके समस्या का निस्तारण किया जाएगा.

Rohtas tikari village
जानकारी देते ग्रामीण

रोहतास: जिला मुख्यालय से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर करगहर प्रखंड के टिकारी गांव में आजादी के बाद से अबतक गांव में पक्की सड़क नहीं बन सकी है. जिसके चलते ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बता दें कि ग्रामीणों ने बीते लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पक्की सड़की नहीं बनती. वे ऐसे ही चुनाव बहिष्कार करते रहेंगे.

'आजादी के बाद से नहीं नसीब हुई सड़क'
करगहर प्रखंड का टिकारी गांव जदयू विधायक वशिष्ठ सिंह के विधानसभा क्षेत्र में आता है. ग्रामीणों ने बताया कि यहां आजादी के बाद से अबतक पक्की सड़क नहीं बनी है. इलाके के लोग बताते हैं कई बार विधायक को मामले से अवगत करा चुके हैं. इसके बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के मौसम में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि बरसाता का पानी भरने के बाद कच्चा रास्ता भी नदी में तब्दील हो जाता है.

पेश है रिपोर्ट

'चारपाई पर लादकर ले जाते हैं मरीज'
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पक्की सड़क नहीं होने के कारण वाहन भी नहीं चलते हैं. किसी काम से बाहर जाने के लिए उन्हें कई किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि अगर गांव में कोई बिमार पड़ता है तो उसे चारपाई पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. वहीं, इस मामले को लेकर सासाराम सदर एसडीओ राजकुमार गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ईटीवी के माध्यम से हमें संज्ञान में आया है. इस पर प्रखंड के बीडीओ से बात करके समस्या का निस्तारण किया जाएगा.

Rohtas tikari village
जानकारी देते ग्रामीण
Intro:रोहतास। जिला मुख्यालय से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर करगहर प्रखंड के टिकारी गांव में आजादी के बाद अबतक गांव वाले को पक्की सड़क नहीं नसीब हो सका है।


Body:एक तरफ जहां बिहार में सुशासन बाबू विकास के दावे को लेकर कई सारे वादे करते हैं तो वहीं खुद सुशासन बाबू के पार्टी के विधायक बशिष्ठ सिंह के ही विधानसभा क्षेत्र का गांव आज भी पक्की सड़क के लिए तरस रहा है। आजादी के बाद अबतक टिकारी गांव में लोगों को पक्की सड़क नहीं नसीब हुआ है
ऐसे में लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गांव के लोग 10 किलोमीटर तक पैदल सफर कर वाहन पकड़ते हैं तब जाकर उन्हें सासाराम जैसे शहर में जगह मिलती है। सबसे अधिक गांव वाले को बरसात के दिनों में दिक्कत होती है। क्योंकि बारिश होते ही कच्ची सड़क पर जलजमाव और कीचड़ की स्थिति पैदा हो जाती है। इतना ही नहीं बीमार पड़ने पर लोगों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती है। क्योंकि गांव में ना तो एंबुलेंस आ सकती है और ना ही मरीजों को ले जाने के लिए कोई वाहन का व्यवस्था है। ऐसे में आज भी ग्रामीण गांव के मरीजों को चारपाई पर लादकर अस्पताल ले जाने के लिए मजबूर होते हैं।वही बताया कि लोकसभा के चुनाव में वोट का बहिष्कार किया गया था ताकि जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया जा सके। लेकिन लोकसभा चुनाव बीतने के बाद भी अबतक गांव वालों को पक्की सड़क नहीं नसीब हो सका। लिहाज़ा ग्रामीणों को अभी भी इंतजार है कि उनकी इस मांग को सरकार सुने और जल्द से जल्द पक्की सड़क का निर्माण कराएं। बरहाल इस मामले को लेकर जब सासाराम सदर एसडीओ राजकुमार गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ईटीवी के माध्यम से हमें संज्ञान में आया है इस पर प्रखंड के बीडीओ से बात करके जल्द से जल्द वहां के समस्या को निपटाया जाएगा।


Conclusion:बहरहाल अब देखना यह होगा कि सदर एसडीएम राजकुमार गुप्ता कि पहल के बाद आखिर गांव वाले को कब तक सड़क नसीब होती है क्योंकि गांव वाले को अभी भी अपने गांव में पक्की सड़क का इंतजार है ताकि वह भी फराटेदार पक्की सड़क पर सफर कर सकें।

बाइट। सदर एसडीएम सासाराम
बाइट। ग्रामीण
पीटीसी
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