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रोहतास: ठनका गिरने से तीन मवेशियों की मौत, सदमे में पशुपालक

पशुपालक शिव चरण सिंह के पास ज्यादा खेत नहीं है. वह मवेशियों के दूध और गोबर बेचकर ही अपना जीविका चलाता था. इस प्राकृतिक आपदा से उसकी आर्थिक स्थिति और भी खराब हो जाएगी.

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Published : Jun 17, 2020, 1:14 PM IST

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रोहतासः जिले में कैमूर पहाड़ी की तराई में ठनका गिरने से तीन मवेशियों की मौत हो गई. घटना अमझोड़ इलाके के बरवाडीह गांव की है. जहां लगातार हो रही बारिश के बीच वज्रपात में तीन मवेशी बुरी तरह झुलस गए.

मवेशी की मौत
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि बरवाड़ी निवासी शिव चरण सिंह ने अपने घर के बगल में बनी झोपड़ी में पशुओं को बांधकर रखा था. तभी लगातार हो रही बारिश के बीच वज्रपात में उनकी दो भैंसे और उसका एक बच्चा बुरी तरह घायल हो गया. जिससे घटनास्थल पर ही तीनों मवेशी की मौत हो गई.

वज्रपात से तीन मवेशियों की मौत

आर्थिक हालत को लेकर सदमें में है परिवार
ग्रामीणों ने बताया कि शिवचरण का इन्हीं तीन मवेशियों की मदद से घर -गृहस्थी का गुजारा चलता था. वहीं, अपने सभी मवेशियों की मौत से पूरा परिवार काफी दुखी है. पशुपालक शिव चरण सिंह के पास ज्यादा खेत नहीं है. वह मवेशियों के दूध और गोबर बेचकर ही अपना जीविका चलाता था. घटना ने उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब कर दी है.

हर साल वज्रपात से होती है कई मौत
मवेशियों की मौत को ग्रामीणों ने आपदा बताते हुए स्थानीय प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है. बता दें कि हर साल वज्रपात की वजह से कई लोग और मवेशी अपनी जान गवां देते हैं. मोबाइल टावर लगने के बाद वज्रपात की घटनाओं में वृद्धि हुई है.

रोहतासः जिले में कैमूर पहाड़ी की तराई में ठनका गिरने से तीन मवेशियों की मौत हो गई. घटना अमझोड़ इलाके के बरवाडीह गांव की है. जहां लगातार हो रही बारिश के बीच वज्रपात में तीन मवेशी बुरी तरह झुलस गए.

मवेशी की मौत
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि बरवाड़ी निवासी शिव चरण सिंह ने अपने घर के बगल में बनी झोपड़ी में पशुओं को बांधकर रखा था. तभी लगातार हो रही बारिश के बीच वज्रपात में उनकी दो भैंसे और उसका एक बच्चा बुरी तरह घायल हो गया. जिससे घटनास्थल पर ही तीनों मवेशी की मौत हो गई.

वज्रपात से तीन मवेशियों की मौत

आर्थिक हालत को लेकर सदमें में है परिवार
ग्रामीणों ने बताया कि शिवचरण का इन्हीं तीन मवेशियों की मदद से घर -गृहस्थी का गुजारा चलता था. वहीं, अपने सभी मवेशियों की मौत से पूरा परिवार काफी दुखी है. पशुपालक शिव चरण सिंह के पास ज्यादा खेत नहीं है. वह मवेशियों के दूध और गोबर बेचकर ही अपना जीविका चलाता था. घटना ने उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब कर दी है.

हर साल वज्रपात से होती है कई मौत
मवेशियों की मौत को ग्रामीणों ने आपदा बताते हुए स्थानीय प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है. बता दें कि हर साल वज्रपात की वजह से कई लोग और मवेशी अपनी जान गवां देते हैं. मोबाइल टावर लगने के बाद वज्रपात की घटनाओं में वृद्धि हुई है.

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