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रोहतास: दिव्यांग दंपति ने यूं बदला आपदा को अवसर में, रोजाना हो रही 600 से 800 की कमाई

नोखा के रहने वाले दिव्यांग दंपति मोहल्ले की लड़कियों को सिलाई-कढ़ाई सिखाया करते थे. लॉकडाउन की वजह से काम प्रभावित हुआ तो मास्क बनाकर बेचने लगे. जिससे 600-800 रुपए रोजाना कमाई हो रही है.

रोहतास
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Published : Jun 6, 2020, 9:24 PM IST

Updated : Jun 8, 2020, 9:45 PM IST

रोहतासः कोरोना महामारी ने जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. सभी वर्ग और तबके के लोग इसकी चपेट में आए हैं. दिहाड़ी और छोटे व्यापारियों पर इसका ज्यादा असर हुआ है. वहीं, कुछ लोगों ने इस वितरित परिस्थिति में आवदा को अवसर में बदल कर मिसाल पेश की है. ऐसा ही एक उदाहरण जिले के नोखा के रहने वाले दिव्यांग दंपति का है.

रोहतास
मास्क बनाने में जुटी युवतियां

लॉकडाउन के बाद कमाई हो गई थी शून्य
दरअसल, दोनों पैरों से लाचार आरती देवी मोहल्ले की लड़कियों को सिलाई-कढ़ाई सिखाया करती थी. दोनों हाथ से लाचार पति नरेश पटेल भी इस काम में पत्नी की मदद किया करते थे. इसी से परिवार का भरण-पोषण होता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद से काम ठप पड़ गया. जिससे आमदनी बिल्कुल शून्य हो गई.

पेश है रिपोर्ट

रोजाना हो रही 600 से 800 की कमाई
उसके बाद दंपति ने घर पर मास्क बनाना शुरू किया. शुरुआत में 50 से 100 मास्क बनाकर आस-पास के मुहल्ले की दुकानों पर बेच आते थे. धीरे-धीरे मास्क की मांग बढ़ी तो 8 से 10 लड़कियों को भी काम पर रख लिया. दंपति रोजाना 600 से 800 रुपए की कमाई कर रहे हैं. इस प्रकार उन्होंने चुनौती को स्वीकार कर उसे अवसर में बदल लिया.

रोहतासः कोरोना महामारी ने जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. सभी वर्ग और तबके के लोग इसकी चपेट में आए हैं. दिहाड़ी और छोटे व्यापारियों पर इसका ज्यादा असर हुआ है. वहीं, कुछ लोगों ने इस वितरित परिस्थिति में आवदा को अवसर में बदल कर मिसाल पेश की है. ऐसा ही एक उदाहरण जिले के नोखा के रहने वाले दिव्यांग दंपति का है.

रोहतास
मास्क बनाने में जुटी युवतियां

लॉकडाउन के बाद कमाई हो गई थी शून्य
दरअसल, दोनों पैरों से लाचार आरती देवी मोहल्ले की लड़कियों को सिलाई-कढ़ाई सिखाया करती थी. दोनों हाथ से लाचार पति नरेश पटेल भी इस काम में पत्नी की मदद किया करते थे. इसी से परिवार का भरण-पोषण होता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद से काम ठप पड़ गया. जिससे आमदनी बिल्कुल शून्य हो गई.

पेश है रिपोर्ट

रोजाना हो रही 600 से 800 की कमाई
उसके बाद दंपति ने घर पर मास्क बनाना शुरू किया. शुरुआत में 50 से 100 मास्क बनाकर आस-पास के मुहल्ले की दुकानों पर बेच आते थे. धीरे-धीरे मास्क की मांग बढ़ी तो 8 से 10 लड़कियों को भी काम पर रख लिया. दंपति रोजाना 600 से 800 रुपए की कमाई कर रहे हैं. इस प्रकार उन्होंने चुनौती को स्वीकार कर उसे अवसर में बदल लिया.

Last Updated : Jun 8, 2020, 9:45 PM IST
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