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VIDEO: सहेली बनी 'दारोगा' तो खुशी से झूम उठी लड़कियां, विदा करते बीच सड़क पर करने लगीं पुश-अप

दारोगा बहाली के रिजल्ट (Bihar Daroga Result) में बिहार के रोहतास की श्यामली कुमारी ने भी बाजी मारी है. उनकी इस सफलता की खुशी में उनकी सहेलियों और फिजिकल ट्रेनर अक्षय कुमार सिंह ने उन्हें सम्मानित करते हुए, धूमधाम से विदा किया.

दारोगा बहाली के रिजल्ट
दारोगा बहाली के रिजल्ट
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Published : Jul 18, 2022, 12:46 PM IST

रोहतासः बिहार के रोहतास में इस बार दारोगा बहाली के रिजल्ट में लड़कों को पछाड़ कर बेटियों ने बाजी मार जिले का नाम रोशन किया है. इसी कड़ी में डेहरी के पीपीसीएल कॉलोनी में सेना के रिटायर्ड जवान अक्षय कुमार सिंह (Retired Jawan Akshay Kumar Singh) द्वारा चलाए जा रहे निशुल्क ट्रेनिंग सेंटर से दो लड़कियों ने दारोगा बहाली में सफलता हासिल कर एकेडमी का नाम रोशन किया. वहीं, दारोगा बनी श्यामली कुमारी (Shyamali Kumari became inspector) जब एकेडमी पहुंची तो उनके साथ ट्रेनिंग कर रही लड़कियों ने उन्हें फूल- मालाओं से लाद दिया. साथ ही श्यामली की आरती उतारकर स्वागत किया.

ये भी पढ़ें - BPSSC ने दारोगा और सार्जेंट पद के लिए परीक्षा का परिणाम किया जारी

श्यामली को सेंटर पर किया गया सम्मानितः ट्रेनिंग सेंटर पर दारोगा श्यामली कुमारी को फिजिकल एकेडमी के ट्रेनर अक्षय कुमार सिंह ने सम्मानित भी किया. इसके बाद एकेडमी की लड़कियों ने बड़े ही धूमधाम से उन्हें विदा किया. वहीं, विदाई के दौरान लड़कियां मारे खुशी की बीच सड़क पर ही पुश अप करने लगीं. इस दौरान ट्रेनर अक्षय बड़े ही भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि वह गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनका मुख्य मकसद है कि इलाके की बहू-बेटियां उनसे ट्रेनिंग लेकर पुलिस और आर्मी की सेवा में जाएं और अपने देश का नाम रोशन करें.


"दारोगा बनने के लिए हमने बहुत कड़ी मेहनत की है. तभी ये मुकाम हासिल कर पाई. इसके पीछे मेरे ट्रेनर अक्षय कुमार सिंह औप परिवार के लोगों का विशेष योगदान रहा. मुझे तो यकीन ही नहीं था कि मैं ये कर पाउंगी, लेकिन सर के मोटिवेशन ने हमें बहुत ताकत दी. लड़कियों को मेरा संदेश है कि आप कड़ी मेहनत करेंगी तो निश्चित तौर पर मंजिल हासिल कर सकती हैं, हार कभी नहीं माननी चाहिए. मन के हारे हार है, मन के जीते जीत. यही सोच कर हमें अपनी मंजिल पर आगे बढ़ते रहना चाहिए"- श्यामली कुमारी, दारोगा

"इस फिजिकल एकेडमी में दूरदराज से आए बच्चे और बच्चियों को निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है. एकेडमी से पहले भी 30 से ज्यादा लड़कियां और लड़के दारोगा में क्वालीफाई कर चुके हैं. इस बार भी श्यामली और पूनम ने दारोगा बनकर इलाके का नाम रोशन किया है. उनकी चाहत है कि इलाके की लड़के और लड़कियां यहां आए और अपनी मंजिल को आसानी से पा सकें"- अक्षय कुमार सिंह, ट्रेन

रोहतासः बिहार के रोहतास में इस बार दारोगा बहाली के रिजल्ट में लड़कों को पछाड़ कर बेटियों ने बाजी मार जिले का नाम रोशन किया है. इसी कड़ी में डेहरी के पीपीसीएल कॉलोनी में सेना के रिटायर्ड जवान अक्षय कुमार सिंह (Retired Jawan Akshay Kumar Singh) द्वारा चलाए जा रहे निशुल्क ट्रेनिंग सेंटर से दो लड़कियों ने दारोगा बहाली में सफलता हासिल कर एकेडमी का नाम रोशन किया. वहीं, दारोगा बनी श्यामली कुमारी (Shyamali Kumari became inspector) जब एकेडमी पहुंची तो उनके साथ ट्रेनिंग कर रही लड़कियों ने उन्हें फूल- मालाओं से लाद दिया. साथ ही श्यामली की आरती उतारकर स्वागत किया.

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श्यामली को सेंटर पर किया गया सम्मानितः ट्रेनिंग सेंटर पर दारोगा श्यामली कुमारी को फिजिकल एकेडमी के ट्रेनर अक्षय कुमार सिंह ने सम्मानित भी किया. इसके बाद एकेडमी की लड़कियों ने बड़े ही धूमधाम से उन्हें विदा किया. वहीं, विदाई के दौरान लड़कियां मारे खुशी की बीच सड़क पर ही पुश अप करने लगीं. इस दौरान ट्रेनर अक्षय बड़े ही भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि वह गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनका मुख्य मकसद है कि इलाके की बहू-बेटियां उनसे ट्रेनिंग लेकर पुलिस और आर्मी की सेवा में जाएं और अपने देश का नाम रोशन करें.


"दारोगा बनने के लिए हमने बहुत कड़ी मेहनत की है. तभी ये मुकाम हासिल कर पाई. इसके पीछे मेरे ट्रेनर अक्षय कुमार सिंह औप परिवार के लोगों का विशेष योगदान रहा. मुझे तो यकीन ही नहीं था कि मैं ये कर पाउंगी, लेकिन सर के मोटिवेशन ने हमें बहुत ताकत दी. लड़कियों को मेरा संदेश है कि आप कड़ी मेहनत करेंगी तो निश्चित तौर पर मंजिल हासिल कर सकती हैं, हार कभी नहीं माननी चाहिए. मन के हारे हार है, मन के जीते जीत. यही सोच कर हमें अपनी मंजिल पर आगे बढ़ते रहना चाहिए"- श्यामली कुमारी, दारोगा

"इस फिजिकल एकेडमी में दूरदराज से आए बच्चे और बच्चियों को निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है. एकेडमी से पहले भी 30 से ज्यादा लड़कियां और लड़के दारोगा में क्वालीफाई कर चुके हैं. इस बार भी श्यामली और पूनम ने दारोगा बनकर इलाके का नाम रोशन किया है. उनकी चाहत है कि इलाके की लड़के और लड़कियां यहां आए और अपनी मंजिल को आसानी से पा सकें"- अक्षय कुमार सिंह, ट्रेन

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