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रोहतास: लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के लिए निकाली गई शोभा यात्रा, भक्तिमय रहा वातावरण - श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ

श्री-श्री 1008 श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के शिष्य परम पूज्य श्री सुंदर राज स्वामी जी महाराज द्वारा अमौरा में विगत चार माह से चतुर्मास यज्ञ किया जा रहा था. जिसके समापन से पूर्व आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पुर्णाहुती सात नवम्बर को संपन्न होगी.

लक्ष्मी नारायण महायज्ञ
लक्ष्मी नारायण महायज्ञ
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Published : Nov 3, 2020, 2:43 AM IST

रोहतास: प्रखण्ड क्षेत्र के काराकाट के अमौरा गांव में आयोजित चतुर्मास महायज्ञ के समापन के लिए श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के जलभरी हेतु भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. मौके पर बड़ी संख्या में हाथी, घोड़े, ऊंट, सैकड़ों वाहनों और हजारों श्रद्धालुओं से सजी जलयात्रा की आकर्षण देखते बन रही थी.

वेद मंत्रों के साथ हुआ जलभरी कार्यक्रम

यज्ञाचार्य विजय राघव स्वामी ने बताया कि 51 कुंडीय महायज्ञ के लिए गांव स्थित काव नदी के तट पर जल संचय किया जा रहा है. यज्ञ में उप आचार्य श्री ललन त्रिपाठी, सच्चिदानंद दुबे, विनोद ब्रह्मचारी, अभिषेक तिवारी, अमृतांशु त्रिपाठी ने वेद मंत्रों का पाठ करते हुए कलश में जल संचय करवाया.

कलश जलभरी के लिए हुए जाते हुए श्रद्धालु
कलश जलभरी के लिए हुए जाते हुए श्रद्धालु

यज्ञ के मुख्य यजमान अजीत सिंह, संजीव कुमार और संरक्षक बबन सिंह ने बताया कि शोभायात्रा अमौरा यज्ञशाला से चलकर गोडारी बजार, जमुआ, करूप होते हुए वापस यज्ञ मण्डप में पहुंचा. यहां यज्ञशाला कुंड की परिक्रमा के बाद जलभरी कार्यक्रम समाप्त हुआ.

शोभा यात्रा में आए हुए हाथी
शोभा यात्रा में हाथी

सात नवम्बर को यज्ञ की पुर्णाहुती
गौरतलब है कि श्री-श्री 1008 श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के शिष्य परम पूज्य श्री सुंदर राज स्वामी जी महाराज द्वारा अमौरा में विगत चार माह से चतुर्मास यज्ञ किया जा रहा था. जिसके समापन से पूर्व आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पुर्णाहुती सात नवम्बर को संपन्न होगी. मौके पर भगवान भोलेनाथ और श्री हरी के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया.

रोहतास: प्रखण्ड क्षेत्र के काराकाट के अमौरा गांव में आयोजित चतुर्मास महायज्ञ के समापन के लिए श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के जलभरी हेतु भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. मौके पर बड़ी संख्या में हाथी, घोड़े, ऊंट, सैकड़ों वाहनों और हजारों श्रद्धालुओं से सजी जलयात्रा की आकर्षण देखते बन रही थी.

वेद मंत्रों के साथ हुआ जलभरी कार्यक्रम

यज्ञाचार्य विजय राघव स्वामी ने बताया कि 51 कुंडीय महायज्ञ के लिए गांव स्थित काव नदी के तट पर जल संचय किया जा रहा है. यज्ञ में उप आचार्य श्री ललन त्रिपाठी, सच्चिदानंद दुबे, विनोद ब्रह्मचारी, अभिषेक तिवारी, अमृतांशु त्रिपाठी ने वेद मंत्रों का पाठ करते हुए कलश में जल संचय करवाया.

कलश जलभरी के लिए हुए जाते हुए श्रद्धालु
कलश जलभरी के लिए हुए जाते हुए श्रद्धालु

यज्ञ के मुख्य यजमान अजीत सिंह, संजीव कुमार और संरक्षक बबन सिंह ने बताया कि शोभायात्रा अमौरा यज्ञशाला से चलकर गोडारी बजार, जमुआ, करूप होते हुए वापस यज्ञ मण्डप में पहुंचा. यहां यज्ञशाला कुंड की परिक्रमा के बाद जलभरी कार्यक्रम समाप्त हुआ.

शोभा यात्रा में आए हुए हाथी
शोभा यात्रा में हाथी

सात नवम्बर को यज्ञ की पुर्णाहुती
गौरतलब है कि श्री-श्री 1008 श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के शिष्य परम पूज्य श्री सुंदर राज स्वामी जी महाराज द्वारा अमौरा में विगत चार माह से चतुर्मास यज्ञ किया जा रहा था. जिसके समापन से पूर्व आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पुर्णाहुती सात नवम्बर को संपन्न होगी. मौके पर भगवान भोलेनाथ और श्री हरी के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया.

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