रोहतास: बिहार में दबंगों के वर्चस्व का एक नमूना सामने आया है. यहां दबंगों ने खुलेआम दबंगई दिखाते हुए एक मकान का रास्ता दीवार घेरकर बंद कर दिया. मकान के अंदर सात मवेशी पिछले 20 दिनों से भूखे प्यासे कैद (Seven Animals Locked In Rohtas) हैं. पीड़ित पशुपालक ने इसकी शिकायत पुलिस के वरीय पुलिस अधिकारी से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक से की. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. यह मामला राजपुर थाना (Rajapur Police Station) क्षेत्र के कपसिया गांव का है.
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दबंगों ने दरवाजे पर बना दी है दीवार: जानकारी के मुताबिक राजपुर थाना क्षेत्र के कपसिया गांव में मनोज कुमार सिंह नाम का व्यक्ति पशुपालन का काम करता है. उसने अपने एक जमीन पर एक खटालनुमा मकान बनावाया है. जिसमें वह घोड़ा, गाय, बैल सहित 7 मवेशियों का पालन करता है. परिसर में आने-जाने के लिए एकमात्र रास्ता था. जिसे गांव के कुछ लोगों ने मिलकर दीवार से घेर दिया. जिस वजह से सभी बेजुबान परिसर में फंस गए है. ऐसे में इनकों खाना-पानी देने के लिए भी पुशपालक को दीवार फांदकर आना-जाना पड़ता है.
आंगनबाड़ी केन्द्र का भी संचालन बंद: उसी परिसर में आंगनबाड़ी केन्द्र का भी संचालन होता था. वह भी रास्ता बंद हो जाने के कारण बंद हो चुका है. बताया जा रहा है कि इससे पहले दंबगों ने आंगनबाड़ी केन्द्र में घुसकर संचालिका से मारपीट भी की थी. जिसकी शिकायत थाने में की गई. लेकिन थानाध्यक्ष ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. इधर, पीड़ित पशुपालक ने भी दीवार से घेरकर रास्ता बंद करने की लिखित शिकायत लेकर डीएसपी के पास गया था. बावजूद इसके स्थानीय पुलिस ने अब तक रिपोर्ट तक दर्ज नहीं किया है.
"मामले की जानकारी मीडिया के मार्फत मिली है. मामले की जांच कर सामाजिक स्तर से मवेशियों को बाहर निकाला जाएगा" -एसडीपीओ, बिक्रमगंज
थानाध्यक्ष पर दबंगों का साथ देने का आरोप: पीड़ित पुशपालक का आरोप है कि राजपुर थानाध्यक्ष ने ही दबंगों का साथ मिलकर परिसर के दरवाजे के पास दीवार खड़ी की है. जिससे रास्ता अवरुद्ध हो गया है. स्थानीय पुलिस के पास मामले की शिकायत को लेकर लगातार गुहार लगा रहे हैं लेकिन वरीय अधिकारियों के निर्देश के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है. बेजुबान पशुओं को खाना देने के लिए बल्ले की सीढ़ियां चढ़कर आना जाना पड़ता है. पिछले 20 दिनों से मवेशी परिसर में कैद हैं.
मामले पर कुछ कहने से कतरा रहे अधिकारी: इस मामले पर अधिकारी बयान देने से कतरा रहे हैं. अनुमंडल प्रशासन ने इस मामले में निषेधात्मक कार्रवाई की है. अब तक मामले में एफआइआर भी दर्ज नहीं हुई है. आंगनबाड़ी केंद्र को मजबूरन दूसरे मकान में शिफ्ट किया जा रहा है.स्थानीय प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी कार्रवाई नहीं कर रही है. पीड़ित पशुपालक फंसे हुए मवेशियों को निकालने के लिए परेशान है. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा. बावजूद इसके प्रशासन आंख मूंदकर बैठी है.