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ये हैं बिहार के सरकारी स्कूल, एक तरफ स्मार्ट क्लासेज से पढ़ाई तो दूसरी तरफ छात्राएं खेत में जाती हैं शौच - जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेमचंद

विद्यालय में शौचालय ना होना शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़ा करता है. छोटे बच्चे तो खुले स्थानों में चले जाते हैं. मगर बड़ी उम्र की छात्राओं को फजीहत झेलनी पड़ती है.

स्मार्ट क्लास से लैस, पर नहीं है एक भी शौचालय
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Published : Aug 10, 2019, 3:52 AM IST

रोहतास: सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज तो शुरू हो गये, लेकिन ये स्कूल अभी भी मूलभूत जरूरतों की कमी से जूझ रहे हैं. मामला जिला मुख्यालय स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय चौखंडी पथ का है जहां बीते मंगलवार को सरकारी योजना के तहत स्मार्ट क्लासेज की शुरूआत तो कर दी गई लेकिन यहां शौचालय की व्यवस्था ही नहीं है, जिससे छात्राओं को मजबूरन शौच के लिए खेत में जाना पड़ता है.

यही नहीं प्रखंड के अधिकांश सरकारी स्कूलों में शौचालय की स्थिति अच्छी नहीं है. लिहाजा छात्र खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. कहने को तो लगभग सभी विद्यालयों में शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है. लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है.

स्मार्ट क्लास से लैस, पर नहीं है एक भी शौचालय

कुछ दिनों पहले ही हुआ है स्मार्ट क्लास का उद्घाटन
विद्यालय में बीते मंगलवार को स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया गया. डीईओ प्रेमचंद और जिले के कार्यक्रम पदाधिकारी सह उन्नयन बिहार के नोडल पदाधिकारी मानवेंद्र कुमार राय ने संयुक्त रूप से उदघाटन किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि छात्रों को तकनीक व गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पाने में अब कोई परेशानी नहीं होगी. समय की मांग के अनुरूप शिक्षा प्राप्त होगी. वहीं विद्यालय में पढ़ने वाले छात्राओं का कहना है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्मार्ट क्लास का शुभारंभ तो किया, लेकिन विद्यालय की मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं दिया.

जिला है ओडीएफ घोषित
स्थानीय लोगों की मानें तो जिला पहले से खुले में शौच मुक्त हो चुका है. स्कूल के नौवीं कक्षा की छात्रा काजल कुमारी ने बताया कि स्कूल में शौचालय नहीं है. जिस कारण स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को खुले में शौच जाना पड़ता है. छात्राओं का कहना है कि इसकी शिकायत कई बार स्कूल के शिक्षकों से की गई लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

विद्यालय में  टुटा हुआ शौचालय
विद्यालय में टुटा हुआ शौचालय

जल्द होगा शौचालय का निर्माण- डीईओ
वहीं इस बाबत जब हमारे ईटीवी के संवाददाता ने जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेमचंद से सवाल पूछा तो उन्होनें कहा कि उन्हें यह पता नहीं था कि जिस विद्यालय में वे स्मार्ट क्लास उद्घाटन करने जा रहे हैं. वहां पर शौचालय नहीं है. स्कूल में जल्द से जल्द शौचालय का निर्माण करवाया जाएगा और अगर जिले के किसी विद्यालय में शौचालय की कमी है तो वहां शौचालय बनवाया जाएगा.

छात्राओं को छोड़ना पड़ता है स्कूल
गौरतलब है कि विद्यालय में शौचालय ना होना शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़ा करता है. छोटे बच्चे तो खुले स्थानों में चले जाते हैं. मगर बड़ी उम्र की छात्राओं को फजीहत झेलनी पड़ती है. ऐसी परिस्थिति में छात्राओं को पढ़ाई बीच में छोड़ना पड़ता है. वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में शौचालय न होना स्वच्छ भारत मिशन की मुहिम पर भी सवाल खड़े कर रहा है.

रोहतास: सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज तो शुरू हो गये, लेकिन ये स्कूल अभी भी मूलभूत जरूरतों की कमी से जूझ रहे हैं. मामला जिला मुख्यालय स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय चौखंडी पथ का है जहां बीते मंगलवार को सरकारी योजना के तहत स्मार्ट क्लासेज की शुरूआत तो कर दी गई लेकिन यहां शौचालय की व्यवस्था ही नहीं है, जिससे छात्राओं को मजबूरन शौच के लिए खेत में जाना पड़ता है.

यही नहीं प्रखंड के अधिकांश सरकारी स्कूलों में शौचालय की स्थिति अच्छी नहीं है. लिहाजा छात्र खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. कहने को तो लगभग सभी विद्यालयों में शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है. लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है.

स्मार्ट क्लास से लैस, पर नहीं है एक भी शौचालय

कुछ दिनों पहले ही हुआ है स्मार्ट क्लास का उद्घाटन
विद्यालय में बीते मंगलवार को स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया गया. डीईओ प्रेमचंद और जिले के कार्यक्रम पदाधिकारी सह उन्नयन बिहार के नोडल पदाधिकारी मानवेंद्र कुमार राय ने संयुक्त रूप से उदघाटन किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि छात्रों को तकनीक व गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पाने में अब कोई परेशानी नहीं होगी. समय की मांग के अनुरूप शिक्षा प्राप्त होगी. वहीं विद्यालय में पढ़ने वाले छात्राओं का कहना है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्मार्ट क्लास का शुभारंभ तो किया, लेकिन विद्यालय की मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं दिया.

जिला है ओडीएफ घोषित
स्थानीय लोगों की मानें तो जिला पहले से खुले में शौच मुक्त हो चुका है. स्कूल के नौवीं कक्षा की छात्रा काजल कुमारी ने बताया कि स्कूल में शौचालय नहीं है. जिस कारण स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को खुले में शौच जाना पड़ता है. छात्राओं का कहना है कि इसकी शिकायत कई बार स्कूल के शिक्षकों से की गई लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

विद्यालय में  टुटा हुआ शौचालय
विद्यालय में टुटा हुआ शौचालय

जल्द होगा शौचालय का निर्माण- डीईओ
वहीं इस बाबत जब हमारे ईटीवी के संवाददाता ने जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेमचंद से सवाल पूछा तो उन्होनें कहा कि उन्हें यह पता नहीं था कि जिस विद्यालय में वे स्मार्ट क्लास उद्घाटन करने जा रहे हैं. वहां पर शौचालय नहीं है. स्कूल में जल्द से जल्द शौचालय का निर्माण करवाया जाएगा और अगर जिले के किसी विद्यालय में शौचालय की कमी है तो वहां शौचालय बनवाया जाएगा.

छात्राओं को छोड़ना पड़ता है स्कूल
गौरतलब है कि विद्यालय में शौचालय ना होना शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़ा करता है. छोटे बच्चे तो खुले स्थानों में चले जाते हैं. मगर बड़ी उम्र की छात्राओं को फजीहत झेलनी पड़ती है. ऐसी परिस्थिति में छात्राओं को पढ़ाई बीच में छोड़ना पड़ता है. वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में शौचालय न होना स्वच्छ भारत मिशन की मुहिम पर भी सवाल खड़े कर रहा है.

Intro:रोहतास। सरकारी स्कूलों मैं इन दिनों स्मार्ट क्लास खोला जा रहा है। लेकिन स्मार्ट होने के बावजूद आज भी हाई स्कूल बदसूरत ही नज़र आरहा है।


Body:गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के हुक्मरानों के द्वारा हाई स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाए जा रहे हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि इस स्मार्ट क्लास वाले हाई स्कूल में आज भी एक शौचालय तक नहीं है। हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय के सासाराम के चौखंडी पथ हाई स्कूल की। जहां तकरीबन 500 लड़के और लड़कियां फिलहाल पढ़ाई कर रही है। जिनके लिए ना तो एक शौचालय है और ना ही एक अच्छा भवन है। टूटी हुई जर्जर भवन इस बात की गवाही दे रही है कि बच्चे यहां मौत के साए में पढ़ने को मजबूर है। अब ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर शिक्षा विभाग के अधिकारी किस स्मार्ट क्लास का उद्घाटन कर अपनी वाहवाही लूट रहे हैं। जहां बच्चियों के लिए एक शौचालय तक नसीब नहीं है। क्लास नवम में पढ़ने वाली काजल कुमारी ने बताया कि स्कूल में शौचालय नहीं है। नतीजा स्कूल में पढ़ने वाली तमाम छात्राओं को खुले में शौच करना पड़ता है। इतना ही नहीं इस दौरान उन्हें कई बार काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। वहीं छात्राओं का कहना था कि इसकी शिकायत है कई बार स्कूल के शिक्षकों को दी गई। लेकिन फिर भी इस पर कोई ठोस अमल नहीं हुआ। नतीजा लड़कियां स्कूल तो आती हैं पर उन्हें इस बात का भय रहता है कि अगर उन्हें शौच की आवश्यकता हुई तो वह कहां जाएंगी। बहरहाल जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेमचंद ने महज कुछ रोज पहले ही इस स्कूल में स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया था। लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि जिस स्कूल में स्मार्ट क्लास का वो उद्घाटन करने जा रहे हैं। वहां पर एक शौचालय तक छात्राओं को नसीब नहीं है। बहरहाल इस बारे में जब हमारे ईटीवी के संवाददाता ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि हाई स्कूल में शौचालय नहीं है। लिहाजा वह जल्द से जल्द इस स्कूल में शौचालय का निर्माण करवाएंगे।


Conclusion:जाहिर है स्कूल में शौचालय ना होना कहीं ना कहीं शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़ा करता है कि इतने बड़े स्कूल में एक शौचालय तक नहीं बन सका है। लिहाजा बच्ची आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हो रही है। जबकि रोहतास जिला पहले से ही मुक्त खुले में शौच मुक्त हो चुका है।

बाइट। डीईओ
बाइट। छात्रा काजल कुमार
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