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रोहतासः कर्मचारियों के अभाव में महीनों से बंद पड़ा है RTPS काउंटर

मुखिया प्रतिनिधि पिंटू राय ने बताया कि आरटीपीएस काउंटर खुलने के बाद महज दो महीने तक ही सुचारू ढंग से संचालित हुआ. जिसके बाद कर्मचारी यहां से चले गए. उन्होंने बताया की आरटीपीएस बंद होने से यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां के लोगों को दस्तावेज बनवाने के लिए शहर जाना पड़ता है.

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Published : Dec 23, 2019, 11:01 PM IST

RTPS counter
महीनों से बंद पड़ा है आरटीपीएस काउंटर

रोहतासः जिले के अमरी पंचायत में सरकार की ओर से ग्रामीणों की सुविधा के लिए आरटीपीएस काउंटर बनाया गया था. लेकिन कर्मचारियों की कमी होने के कारण काउंटर का लाभ ग्रामीणों का नहीं मिल पा रहा है. इससे यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि सरकार की ओर से लाखों रुपये खर्च कर पंचायत के लोगों की सुविधा के लिए आरटीपीएस काउंटर खोला गया था. सरकार का उद्देश्य था कि काउंटर से ग्रामीण जाति, निवास और आय जैसे दस्तावेज आसानी से बनवा सकेंगे. लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण काउंटर कई महीनों से बंद पड़ा है. ग्रामीणों को आय, निवास जैसे दस्तावेज शहर में जाकर बनवाना पड़ रहा है.

क्या है इनका कहना?
मामले में एसडीओ राजकुमार गुप्ता ने कहा कि इसके बारे में बीडीओ से बात की गई है. उन्होंने बताया कि सासाराम अनुमंडल में कर्मचारियों की कमी होने के कारण यहां के कर्मचारी शहर में काम कर रहे हैं. इस वजह से आरटीपीएस काउंटर बंद है. उन्होंने कहा कि वहां का काम खत्म होने के बाद कर्मचारियों को अमरी पंचायत आरटीपीएस काउंटर भेज दिया जाएगा. जिससे काउंटर फिर से सुचारू रूप से चालू हो सकेगा.

पेश है रिपोर्ट

शहर जाना पड़ता है दस्तावेज बनाने
मुखिया प्रतिनिधि पिंटू राय ने बताया कि आरटीपीएस काउंटर खुलने के बाद महज दो महीने तक ही सुचारू ढंग से संचालित हुआ. जिसके बाद कर्मचारी यहां से चले गए. उन्होंने बताया की आरटीपीएस बंद होने से यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां के लोगों को दस्तावेज बनवाने के लिए शहर जाना पड़ता है.

रोहतासः जिले के अमरी पंचायत में सरकार की ओर से ग्रामीणों की सुविधा के लिए आरटीपीएस काउंटर बनाया गया था. लेकिन कर्मचारियों की कमी होने के कारण काउंटर का लाभ ग्रामीणों का नहीं मिल पा रहा है. इससे यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि सरकार की ओर से लाखों रुपये खर्च कर पंचायत के लोगों की सुविधा के लिए आरटीपीएस काउंटर खोला गया था. सरकार का उद्देश्य था कि काउंटर से ग्रामीण जाति, निवास और आय जैसे दस्तावेज आसानी से बनवा सकेंगे. लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण काउंटर कई महीनों से बंद पड़ा है. ग्रामीणों को आय, निवास जैसे दस्तावेज शहर में जाकर बनवाना पड़ रहा है.

क्या है इनका कहना?
मामले में एसडीओ राजकुमार गुप्ता ने कहा कि इसके बारे में बीडीओ से बात की गई है. उन्होंने बताया कि सासाराम अनुमंडल में कर्मचारियों की कमी होने के कारण यहां के कर्मचारी शहर में काम कर रहे हैं. इस वजह से आरटीपीएस काउंटर बंद है. उन्होंने कहा कि वहां का काम खत्म होने के बाद कर्मचारियों को अमरी पंचायत आरटीपीएस काउंटर भेज दिया जाएगा. जिससे काउंटर फिर से सुचारू रूप से चालू हो सकेगा.

पेश है रिपोर्ट

शहर जाना पड़ता है दस्तावेज बनाने
मुखिया प्रतिनिधि पिंटू राय ने बताया कि आरटीपीएस काउंटर खुलने के बाद महज दो महीने तक ही सुचारू ढंग से संचालित हुआ. जिसके बाद कर्मचारी यहां से चले गए. उन्होंने बताया की आरटीपीएस बंद होने से यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां के लोगों को दस्तावेज बनवाने के लिए शहर जाना पड़ता है.

Intro:pkg story and raw visual both are send with VO plz find this रोहतास. जिला मुख्यालय के अमरी पंचायत में सरकार के द्वारा आरटीपीएस काउंटर बनाया गया था। लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण इस केंद्र का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा।


Body:गौरतलब है कि सरकार एक तरफ जहां ग्रामीणों को पंचायत स्तर पर हर तरह की सुविधा मुहैया कराने का दावा करती है। लेकिन सरकार के दावे कितने सच साबित होते हैं। इसका अंदाजा सासाराम प्रखंड के अमरी पंचायत में बने आरटीपीएस काउंटर से ही देखकर लगाया जा सकता है। सरकार ने बड़े तामझाम के साथ लाखों रुपया खर्च कर आरटीपीएस काउंटर खोला था ताकि ग्रामीणों को इस काउंटर से जाति निवास और आय जैसे दस्तावेजों को बनाने में आसानी हो। उन्हें जिला मुख्यालय का चक्कर ना काटना पड़े। लेकिन कर्मचारियों की कमी होने की वजह से पिछले कई महीनों से आरटीपीएस काउंटर बंद है। लिहाजा आरटीपीएस काउंटर बंद होने की वजह से ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। नतीजा ग्रामीणों को सासाराम शहर में जाकर आय निवास के दस्तावेज बनवाने पढ़ रहे हैं। VO: लिहाजा इस मामले को लेकर जब सासाराम सदर एसडीओ राजकुमार गुप्ता से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया इसकी जानकारी प्रखंड की बीडीओ से ली है। वहीं उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की कमी होने की वजह से सासाराम अनुमंडल में लगाया गया था। जिससे वहां आरटीपीएस काउंटर बंद हो गया। क्योंकि अमरी पंचायत के आरटीपीएस काउंटर पर जो कर्मचारी काम कर रहे थे। उन्हें सासाराम बुला लिया गया ऐसे में जल्द उन्हें अमरी पंचायत में जल्द भेज दिया जाएगा और आरटीपीएस काउंटर को खोला जाएगा। बाइट। सदर एसडीओ राजकुमार गुप्ता VO: वहीं इस मामले को लेकर मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि आरटीपीएस काउंटर खुलने के बाद महज दो महीने तक ही सुचारू ढंग से संचालित हुआ। जिसके बाद कर्मचारी यहां से चले गए और अब तक आरटीपीएस काउंटर पिछले कई महीनों से इसी तरीके से बंद पड़ा है। नतीजा ग्रामीणों को सासाराम जाकर जाति आय और निवास जैसे दस्तावेजों को बनवाना पड़ रहा है। जिससे काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। बाइट। मुखिया प्रतिनिधि


Conclusion:बहरहाल पंचायत स्तर पर पंचायत भवन में खुले आरटीपीएस काउंटर का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। लिहाज़ा इससे प्रशासन पर सवाल खड़ा होना लाजमी है। क्योंकि लाखों रुपए खर्च करने के बाद आरटीपीएस काउंटर बनाया गया था। लेकिन कर्मचारियों की कमी के वजह से इसे बंद कर दिया गया। लिहाजा सरकार को चाहिए ऐसे आरटीपीएस काउंटर को चिन्हित कर जल्द से जल्द कर्मचारी मुहैया कराया जाए ताकि ग्रामीणों को इस काउंटर का लाभ मिल सके।
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